टोल प्लाजा पर टोल टैक्स क्लेकशन को लेकर NHAI ने किया बड़ा खुलासा, ऐसे हो रहा है खेल
National Highways Rules : पहले हाईवे पर यात्रा करते समय वाहनों की लंबी कतारों का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब यात्रा में आसानी हुई है। नई व्यवस्था ने यात्रा के दौरान टोल भुगतान को सरल बना दिया है। लेकिन इस व्यवस्था में अभी भी कुछ ऐसा है, जो सभी की नजरों से छुपा हुआ है। यह मामला है टोल प्लाजा पर किए जाने वाले टैक्स क्लेकशन को लेकर है। इस बारे में एनएचआई (national highway authority of india) ने एक बड़ा खुलासा किया है। आइए जानते हैं क्या है NHAI का कहना -

HR Brealing News - (toll collection Rules)। एक्सप्रेस वे और हाईवे से फर्राटा भरते समय हर वाहन चालक को टोल टैक्स देना पड़ता है। हाल ही में टोल प्लाजा पर टोल टैक्स कलेक्शन को लेकर NHAI ने एक बड़ा खुलासा किया है, जो सबको हैरान कर देने वाला है। लंबे समय से जो चीजें सामान्य लग रही थीं, अब वह एक बड़े खेल का हिस्सा बन गई हैं। इस खुलासे के बाद अब टोल कलेक्शन सिस्टम (toll collection system in india) को पूरी तरह बदलने वाला है और आने वाले दिनों में कई बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
कितने टोल की हो रही जांच -
उत्तर प्रदेश पुलिस (UP police) की विशेष टीम ने एक प्रमुख टोल प्लाजा पर जांच की और पता चला कि वहां टैक्स वसूली में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हो रही थी। ऐसा ही कुछ 200 अन्य टोल (200 toll booth found guilty) स्थानों पर भी हो रहा है, जहां कर्मचारियों की संख्या कम दिखाई जाती है जबकि असल में बहुत कम लोग काम कर रहे होते हैं।
इस तरह के धोखाधड़ी के कारण सरकार को भारी नुकसान हो रहा है और यात्रियों को भी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। कागजी रिकॉर्ड (document records of toll plaza) पर ध्यान दे तो असल में इन टोल प्लाजा की स्थितियां काफी अलग हैं। अब इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जा रही है ताकि भविष्य में इस तरह की धोखाधड़ी को रोका जा सके।
टोल प्लाजा पर अतिरिक्त शुल्क वसूलने का पर्दाफाश -
कभी न कभी तो आपके मन में यह सवाल जरूर आया हाेगा कि क्या टोल टैक्स नियमों (toll tax rules) का हर किसी की ओर से सही पालन हो रहा है और इतना सारा टोल टैक्स का पैसा जाता कहां है? उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (UP police STF) ने एक मामले में कार्रवाई की, जिसमें टोल प्लाजा पर गलत तरीके से अतिरिक्त शुल्क वसूला जा रहा था। कुछ लोग बिना फास्टैग (Fastag recharge) वाली गाड़ियों से गलत तरीके से ज्यादा पैसे ले रहे थे और फर्जी रसीदें दे रहे थे।
इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है और जल्द ही बैठक भी होने वाली है। बैठक में यह तय किया जाएगा कि ऐसी गड़बड़ियों को कैसे रोका जाए और जिन कंपनियों ने यह गलती की है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, टोल प्लाजा (toll plaza fraud) पर कम कर्मचारियों की तैनाती पर भी ध्यान दिया जाएगा।
कितनी मैनपावर की जरूरत होती है टोल पर -
हर टोल प्लाजा को सही से चलाने के लिए बड़ी संख्या में कर्मचारियों की जरूरत होती है। एक छोटे टोल को भी चलाने के लिए तीन शिफ्ट में लगभग 100 लोग (required worker for toll plaza) होने चाहिए। बड़े टोल पर यह संख्या और ज्यादा हो जाती है।
इन कर्मचारियों में से कुछ एक्स सर्विसमैन होते हैं, जबकि अन्य विभिन्न श्रेणियों से आते हैं। इन लोगों को टोल (toll plaza rules) के अलग-अलग काम जैसे कि लाइन व्यवस्था, गार्डनिंग, ऑफिस का काम और अन्य जरूरी कार्यों के लिए नियुक्त किया जाता है।
टोल का ठेका लेने के बाद यह होता है खेल-
कुछ कंपनियां टोल प्लाजा (toll plaza rules in india) चलाने का ठेका तो ले लेती हैं, लेकिन नियमों के अनुसार कर्मचारियों की संख्या कम रखती हैं। वे ठेके के दौरान कागजों में तो जरूरी कर्मचारियों की संख्या 100 दिखाती हैं, लेकिन असल में वहां काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या 20-30 ही पाई जाती है।
इससे कई बार टोल प्लाजा (toll plaza new rules) पर गेट बंद होते हैं और गाड़ियों की लंबी लाइनें लग जाती हैं। इसके अलावा, और भी कई समस्याएं सामने आती हैं। कई बार स्टाफ के अभाव को छुपाने के लिए तकनीकी खामी का बहाना बनाया जाता है, जो वाहन चालकों के साथ खिलवाड़ है।
जांच के लिए बनानी चाहिए एक विशेष टीम -
देश में सड़क निर्माण के दौरान कई जगहों पर टोल बूथ बनाए जाते हैं, जिन्हें निजी कंपनियों को सौंप दिया जाता है। हालांकि, इन बूथों पर सही तरीके से निगरानी नहीं हो पाती। विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Highways) को टोल नाकों की सही जांच के लिए एक विशेष फ्लाइंग स्क्वायड टीम (Special Flying Squad Team) बनानी चाहिए, जो बिना किसी को बताए मौके पर जाकर निरीक्षण करे।
यदि किसी भी अधिकारी की संलिप्तता पाई जाती है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। इस तरह की व्यवस्था से टोल नाके (toll tax new rules) सही से चल सकेंगे और जनता और सरकार को धोखा नहीं मिलेगा।