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Pamban Bridge : देश की इकलौती ट्रेन जो समुंद्र की लहरों के बीच करती है सफर, खड़े हो जाते हैं लोगों के रोंगटे

Sea Rail Travel : छोटी या बड़ी यात्रा के लिए लोग रेल का सफर करना सबसे ज्यादा पसंद करते हैं लेकिन क्या आपने समुंद्र के बीच इस पतले से पुल से गुजरने वाली ट्रेन का सफर किया है। यह पुल 100 साल से भी पुराना है और समुद्र में से गुजरती इस रेल के ट्रैक के दोनों ओर कोई रेलिंग भी नहीं लगाई गई है।

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Pamban Bridge : देश की इकलौती ट्रेन जो समुंद्र की लहरों के बीच करती है सफर, खड़े हो जाते हैं लोगों के रोंगटे

HR BREAKING NEWS (ब्यूरो)। बात जब लंबी दूरी के सफर की हो तो लोग अक्सर ट्रेन को ही प्राथमिकता देते हैं. इसकी वजह ये होती है कि ट्रेन में आप बैठकर या लेटकर कैसे भी सफर कर सकते हैं. ट्रेन से सफर करने पर उल्टी या चक्कर आने की दिक्कत भी नहीं होती. साथ ही आप खिड़की के जरिए आराम से बाहर का नजारा भी देख सकते हैं. लेकिन अगर आप ऐसी ट्रेन में सफर कर रहे हों, जो गहरे समुद्र में से गुजरती हो. जिसके ट्रैक के दोनों ओर कोई रेलिंग भी नहीं हो तो आपकी प्रतिक्रिया क्या होगी. निश्चित ही आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. यह ट्रेन कहीं ओर नहीं बल्कि हमारे देश में ही चलती है. आज हम ट्रेन के इस खतरनाक सफर के बारे में आपको बताने जा रहे हैं. 

मदुरई से रामेश्वरम के बीच चलती है ट्रेन

समुद्र की लहरों को चीरकर उसके बीच से गुजरने वाली ये ट्रेनें तमिलनाडु में मदुरई से रामेश्वरम (Sea Rail Travel from Madurai to Rameswaram) के बीच चलती है. दरअसल रामेश्वरम एक द्वीप है, जो चारों ओर से समुद्र से घिरा हुआ है. इस द्वीप को मुख्य भूमि से जोड़ने के लिए अंग्रेजों के समय में रेलवे लाइन बनाई गई थी, जिसे पम्बन ब्रिज (Pamban Bridge) कहा जाता है. इस ब्रिज का निर्माण वर्ष 1911 से बनना शुरू हुआ और 1914 में कंप्लीट हो गया. 

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करीब ढाई किमी लंबे रेल ब्रिज से गुजरती है रेल

पम्बन ब्रिज वर्ष 2010 तक देश का एकमात्र और सबसे लंबा समुद्री सेतु रहा. हालांकि वर्ष 2010 में मुंबई में बांद्रा- वर्ली सी लिंक शुरू होने के साथ ही इसका यह दर्जा खत्म हो गया. पम्बन ब्रिज के समानांतर वर्ष 1988 में एक सड़क पुल भी बनाया गया था, जिसे बाद में राष्ट्रीय राजमार्ग 87 का हिस्सा घोषित किया गया. 


पम्बन ब्रिज (Pamban Bridge) की लंबाई करीब ढाई किमी है. यह समुद्र तल से 12.5 मीटर (41 फीट) ऊंचाई पर स्थित है. इस पुल को बनाने के लिए समुद्र में 143 मजबूत पिलर लगाए गए थे. साथ ही पुल के बीच में सेज़र रोलिंग टाइप लिफ्ट स्पैन लगाए गए, जिससे जहाजों को समुद्र में आने-जाने का रास्ता दिया जा सके. यह ब्रिज भारत के कुछ खतरनाक पुलों में से एक माना जाता है. अगर समुद्र अशांत हो तो उसकी लहरें ऊपर तक आ जाती हैं.  

समुद्र में से गुजरते वक्त लोगों के उड़ जाते हैं होश

रेलवे के लिए बनाए गए इस पम्बन ब्रिज पर पिलर के ऊपर केवल पटरियां बिछी हैं और सुरक्षा के लिए साइड में कोई रेलिंग नहीं है. यह पुल इतना संकरा है कि ऐसा लगता है कि जैसे ट्रेन समुद्र (Sea Rail Travel) में ही चल रही है. इस रेल रूट पर कन्याकुमारी- रामेश्वरम सुपरफास्ट एक्सप्रेस (Kanniyakumari- Rameswaram Super Fast Express), मदुरई- रामेश्वरम एक्सप्रेस ( Madurai Rameswaram Express), ओखा- रामेश्वरम एक्सप्रेस (Okha Rameswaram Weekly Express) समेत कुछ गिनती की ट्रेनें चलती हैं. 

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बहुत धीमी रफ्तार से गुजारी जाती हैं ट्रेन


जब इस रेल ब्रिज के ऊपर से ट्रेन (Sea Rail Travel) गुजरती हैं तो समुद्र की तेज लहरें लोगों के दिल की धड़कनें बढ़ा देती हैं. ऐसा महसूस होता है कि बस अब ट्रेन नीचे पानी में गिरने वाली है और कोई नहीं बचेगा. इस समुद्र के ऊपर से गुजरते वक्त हवाओं का प्रेशर भी बहुत तेज होता है, जो लोगों के डर को और बढ़ा देता है. हादसे से बचने के लिए ब्रिज पर से केवल 10 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन गुजारी जाती है. साथ ही लोगों को गेट पर खड़े होने से मना किया जाता है. समुद्र में ट्रेन जर्नी का यह ऐसा अनोखा और दुर्लभ मौका होता है, जिसका आनंद लेने के लिए हर साल लाखों देसी-विदेशी लोग रामेश्वरम में पहुंचते हैं.