home page

Property dispute : सास-ससुर की संपत्ति में बहू का कितना होता है अधिकार, हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

Property Knowledge : आए दिन कोर्ट में प्रॉपर्टी के कई मामले सामने आते रहते हैं। हाल ही में हाई कोर्ट में एक मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में सास-ससुर की संपत्ति में बहू (daughter in law rights) के अधिकारों को लेकर याचिका दर्ज की गई थी। मामले को देखते हुए हाईकोर्ट ने इस संबंध में एक अहम फैसला सुनाया था। हाई कोर्ट के इस फैसले की वजह से लाखों लोगों को झटका लगा है। 

 | 
Property dispute : सास-ससुर की संपत्ति में बहू का कितना होता है अधिकार, हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

HR Breaking News - (daughter in law legal rights)। आमतौर पर देखने को मिल जाता है कि सास-ससुर और बहू के बीच में आए दिन अनबन देखने को मिल जाती है। वहीं कई बार तो ऐसी परिस्थिति भी आ जाता है कि मामले को कोर्ट में लेकर जाना पड़ता है। हाल ही में हाई कोर्ट (high court decision) में एक मामला दर्ज किया गया था। कोर्ट में आए मामले के हिसाब से बहू द्वारा अपने सास ससुर की संपत्ति में अधिकार मांगा जा रहा था। मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने अपना एक अहम फैसला सुनाया। आइए विस्तार से जानते हैं इस बारे में।

 

ये भी पढ़ें -  salary structure : केंद्रीय कर्मचारियों को सबसे बड़ा तोहफा, सैलरी में ढ़ाई गुना से ज्यादा की बढ़ौतरी

 


कोर्ट ने जारी किये र्निदेश-


सास-ससुर की संपत्ति में बहू के अधिकार को लेकर हाल ही में हाई कोर्ट (HC on daughter in law rights) में एक मामला दर्ज किया गया था। इस मामले पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने बताया कि सास-ससुर की चल-अचल संपत्ति (movable-immovable property) में बहू का कोई अधिकार नहीं है फिर भले ही संपत्ति पैतृक (ancestral property) हो या फिर संपत्ति खुद से अर्जित (self acquired property) की हुई हो। दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए महिला को ससुर का घर खाली करने का आदेश दिया। इसके अलावा जिलाधिकारी के ऊपर आगे की जिम्मेदारी को सौंपा गया।


जज ने सुनाया फैसला-


हाई कोर्ट के जज ने अपना फैसला देते हुए बताया कि ऐसी किसी भी चल-अचल, मूर्त-अमूर्त या ऐसी किसी भी संपत्ति जिनमें सास-ससुर के अधिकार हो उस संपत्ति पर बहू (bhau ke sasur ki samptti par hak) का किसी तरह का कोई अधिकार नहीं होता है। कोर्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बात का कोई मायना नहीं है कि संपत्ति पर सास-ससुर का मालिकाना हक कैसा है।


घर खाली करने के दिये र्निदेश-


हाईकोर्ट (HC latest decision) ने इस मामले की याचिका को देखते हुए ही महिला को घर खाली करने को कहा था। हाई कोट द्वाया ये फैसला इसी साल जुलाई माह में लिया गया था। हाई कोर्ट ने मामले में जिलाधिकारी और एकल पीठ के फैसले के खिलाफ महिला (women's right) की अपील को खारिज करते हुए ही फैसला सुनाया है।

ये भी पढ़ें -  1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों के 18 महीने के बकाया DA Arrears पर आया बड़ा अपडेट


वरिष्ठ नागरिक के हित में निर्णय-


हाई कोर्ट ने माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक (senior citizen legal rights) की देखरेख और हित व उनके अधिकारों के लिए बने नियम का हवाला देते हुए  कहा है कि वरिष्ठ नागरिकों के पास ये अधिकार है कि वे अपने घर में काफी शांति से एंव आरामदायक तरीके से रहे। हाईकोर्ट ने कहा है कि सास-ससुर (Parents-in-law property rights) को अपने घर से बेटे-बेटी या कानूनी वारिस ही नहीं, बल्कि बहू से भी घर खाली कराने का अधिकार है। इसके लिए वो किसी के भी बाध्य नहीं है।