Property Doucument : प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराने से नहीं बनेंगे मालिक, ये डाक्यूमेंट होता है जरूरी

HR Breaking News - (Property Owership)। जमीन या फिर अन्य प्रॉपर्टी की खरीदी करने वाले रजिस्ट्री को लेकर काफी ज्यादा उत्साहित में होते हैं। जल्दी से रजिस्ट्री कराकर जमीन अपने नाम कर ली जाए, ऐसे में सुकून इस बात का आ जाता है कि अब तो रजिस्ट्री (Property Registration) मेरे नाम की हो गई है तो सारी टेंशन खत्म होने वाली है।
लेकिन आपको बता दें कि प्रॉपर्टी का मालिकाना हक पाने के लिए सिर्फ रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी नहीं है बल्कि कुछ अन्य बातों का भी ध्यान देना काफी ज्यादा जरूरी हो जाता है। खबर में जानिये इस बारे में पूरी जानकारी।
रजिस्ट्रेशन एक्ट को लेकर ये है प्रावधान-
जानकारी के लिए बता दें कि भारत में किसी भी प्रॉपर्टी की खरीदी (Property Buying rules) करने के लिए या फिर बिक्री करने के लिए कई तरह के नियमों को बनाया गया है। ये प्रावधान भारतीय रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत बनाया गया है। इस एक्ट के तहत 100 रुपये से अधिक मूल्य की कोई भी प्रॉपर्टी (Property Rules) किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर करने पर रजिस्ट्री जरूरी रहती है।
ऐसे में अगर आप अपनी कोई प्रॉपर्टी किसी दूसरे व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर करते हैं तो उसके लिए एक लिखित दस्तावेज होना काफी ज्यादा जरूरी है। इसके साथ ही इस प्रॉपर्टी ट्रांसफर (Property Transfer rules) को अपने नजदीकी सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्टर्ड भी करवाना जरूरी होता है।
प्रॉपर्टी म्यूटेशन को लेकर ये हैं नियम-
कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि आप जो प्रॉपर्टी को खरीदने (Property Buying rules) का प्लान कर रहे हैं, उस पर उसके मालिक ने कोई बड़ा लोन ले रखा हो या कई बार धोखाधड़ी करने के लिए कोई व्यक्ति अपनी प्रॉपर्टी एक साथ दो अलग-अलग लोगों को भी बेच (Property Selling tips) दिया जाता है।
इससे आपको काफी बड़ा नुकसान हो सकता है। इस वजह से रजिस्ट्री कराते वक्त आपको प्रॉपर्टी का म्यूटेशन भी अपने नाम कराना काफी ज्यादा जरूरी है। रजिस्ट्री कराते हुए आपको इस बात का ध्यान देना चाहिए कि म्यूटेशन आपके नाम पर हो, तभी आप संपत्ति के पूरे हकदार हो सकते हैं।
यह स्टेप का होना भी है काफी जरूरी-
जब भी आप किसी प्रॉपर्टी की खरीदी (Property Buying) करने के बाद उसकी रजिस्ट्री कराते हैं तो आपको उसका म्यूटेशन यानी नामांतरण कराना भी काफी ज्यादा जरूरी हो जाता है। आम भाषा में बताएं तो संपत्ति के नामांतरण को दाखिल-खारिज भी कहा जाता है।
जानकारी के लिए बता दें कि रजिस्ट्री (Registration of Property) कराने पर आपको उस प्रॉपर्टी की ओनरशिप तो दे दी जाती है लेकिन उस पर आपका पूरा हक तभी बनता है जब आप दाखिल-खारिज करा लेते हैं।