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property rights : भाई की सारी प्रोपर्टी पर बहन कब कर सकती है अपना दावा, जानिये कानून

sister's property rights : भाई-बहन का माता पिता की प्रोपर्टी में बराबर का हक होता है, लेकिन एक खास स्थिति में बहन अपने भाई की सारी प्रॉपर्टी (property news) पर भी दावा ठोक सकती है। कानून में भी इसके लिए खास प्रावधान किया गया है और बहन को भाई की प्रोपर्टी पर अधिकार (property rights) दिलाने की बात कहता है। आइये जानते हैं इस बारे में इस खबर में। 

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property rights : भाई की सारी प्रोपर्टी पर बहन कब कर सकती है अपना दावा, जानिये कानून

HR Breaking News - (property knowledge)। शादी से पहले और शादी के बाद भाई बहन का अपने परिवार की प्रोपर्टी (brother sister's property rights) में समान हक होता है। बहुत से लोग समझते हैं कि बेटी की शादी के बाद उसके प्रोपर्टी अधिकार बदल जाते हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। माता पिता की प्रोपर्टी में बहन अपने हक (daughter's property rights) के अलावा अपने भाई की प्रोपर्टी पर भी अधिकार जमा सकती है। हालांकि यह एक खास स्थिति पर निर्भर करता है। इस बारे में जानिये क्या है कानूनी प्रावधान। 


हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम में किया है संशोधन-


साल 2005 में हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम (Hindu Succession Act) में संशोधन किया गया था। अब लड़कियां न केवल अपने माता-पिता की संपत्ति में बल्कि एक खास परिस्थिति में अपने भाई की सम्पत्ति (sister's property rights on brother's property) पर भी अपना अधिकार जता सकती है और कोर्ट में भी दावा ठोक सकती है।


पैतृक संपत्ति में बेटी का अधिकार-


कानून के अनुसार अब बेटियां माता पिता की संपत्ति (children's property rights) व पैतृक संपत्ति में बराबर की हकदार होती हैं। हालांकि स्वअर्जित संपत्ति (self acquired property rights) के मामलों में यह माता पिता पर निर्भर होता है कि वे प्रोपर्टी संतान को दें या न दें। इसके बावजूद कई बार ऐसी स्थिति भी बन जाती है कि माता-पिता की पूरी संपत्ति (parent's property rights) भाई बहन में बराबर न बंटकर केवल बहन को मिल जाती है।

बेटी को ऐसे मिल जाती है माता पिता की पूरी प्रोपर्टी-


माता-पिता अपनी संपत्ति बेटी के नाम पर कर दें तो वह पूरी प्रोपर्टी (property knowledge) बेटी की होगी, बेटे को उसमें से कुछ नहीं मिलेगा। माता पिता ऐसा अपनी कमाई गई संपत्ति को लेकर ही कर सकते हैं। पैतृक संपत्ति (ancestral property) में बेटा-बेटी दोनों को बराबर हिस्सेदारी मिलती है, उसे लेकर ऐसा नहीं किया जा सकता, उसमें वारिसों की सहमति जरूरी होती है।

इस तरह भाई की प्रॉपर्टी भी हो जाती है बहन की-


हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2005 के अनुसार एक विशेष परिस्थिति में बहन का भाई की मौत के बाद उसकी संपत्ति (sister's property rights) पर पूरा अधिकार हो सकता है। हालांकि यह प्रोपर्टी निर्वसीयत (property will) होनी चाहिए  भाई की पत्नी व बच्चे न हों तो ऐसे में बहन इस प्रोपर्टी के लिए दावा भी ठोक सकती है। 

ऐसे भी हो सकता है प्रोपर्टी का बंटवारा -


अगर बहन के दूसरे और भी भाई बहन हैं तो वे भी इस प्रोपर्टी (property rights) के लिए दावा कर सकते हैं। ऐसे में दूसरे भाई बहनों में वह प्रोपर्टी (property division rules) बराबर बांटी जा सकती है। किसी व्यक्ति के बच्चे व पत्नी भाई-बहन उसके  प्रथम श्रेणी के दावेदार होते हैं और भाई बहन दूसरी श्रेणी के दावेदारों में शामिल होते हैं।