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Property transfer rules : कानूनी तौर पर बन जाएंगे प्रोपर्टी के मालिक, जान लें प्रॉपर्टी ट्रांसफर का सही तरीका

Property Knowledge : प्रोपर्टी का सौदा लाखों करोड़ों रुपयों का होता है। इसलिए प्रोपर्टी लेते  व देते समय बहुत सतर्क रहने की जरूरत होती है। इसमें सबसे अहम होता है प्रोपर्टी ट्रांसफर का नियम (How to transafar property) और तरीका। प्रोपर्टी ट्रांसफर होने के बाद ही किसी को प्रोपर्टी का मालिकाना हक मिल सकता है। कानूनी तौर पर प्रोपर्टी मालिक (property ownership) बनने के लिए जानिये प्रोपर्टी ट्रांसफर का सही तरीका कौन सा है।

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Property transfer rules : कानूनी तौर पर बन जाएंगे प्रोपर्टी के मालिक, जान लें प्रॉपर्टी ट्रांसफर का सही तरीका

HR Breaking News - (Property transfer)। कोई भी प्रोपर्टी जब तक आपके नाम ट्रांसफर नहीं हो जाती, तब तक उसके मालिक नहीं बन सकते और न ही कोई दावा कर सकते। बेशक इसके लिए चाहे आपने कितने ही रुपये क्यों न चुका दिए हों।

ऐसे में सीधी सी बात है कि किसी भी फ्रॉड से बचने के लिए प्रोपर्टी ट्रांसफर (Property transfer rules) का सही तरीका जानना जरूरी है। इसके बाद ही आपको कानूनी तौर पर प्रोपर्टी का मालिकाना हक (property ownership rights) मिल सकेगा।


प्रोपर्टी ट्रांसफर के ये हैं खास तरीके -


कानूनी रूप से प्रोपर्टी ट्रांसफर (property transafar rules in law) करने के तीन तरीके होते हैं। पहला सेल डीड, दूसरा गिफ्ट डीड (gift deed) और तीसरा त्यागनामा। भविष्य में कोई परेशानी न हो, इसलिए आप प्रोपर्टी खरीदते (property buying tips) समय इन तीनों में से एक तरीका जरूर अपनाएं ताकि प्रोपर्टी के मालिक कहला सकें, नहीं तो आपकी दी हुई पूंजी बेकार चली जाएगी और प्रोपर्टी का मालिकाना हक (property rights) भी आपको नहीं मिलेगा।


प्रोपर्टी ट्रांसफर में सेल डीड की भूमिका-


सेल डीड (sale deed) को ट्रांसफर डीड भी कहते हैं। इसे प्रोपर्टी से संबिधित सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्टर्ड कराना पड़ता है। इस प्रक्रिया को पूरी करने के बाद ही कोई प्रॉपर्टी नए मालिक के नाम ट्रांसफर हो सकती है। रजिस्टर्ड सेल डीड (sale deed rules) या बिक्रीनामा बताता है कि पैसों के लेनदेन से किसने किसको संपत्ति बेची है। प्रोपर्टी ट्रांसफर (property transfer ka treeka) में यही तरीका सबसे अधिक उपयोग होता है।

प्रोपर्टी ट्रांसफर के लिए गिफ्ट डीड-


गिफ्ट डीड वह दस्तावेज है, जिससे बिना पैसों के लेनदेन के चल और अचल संपत्ति (property registry rules) किसी को तोहफे में दी जा सकती है। अचल संपत्ति गिफ्ट में देने जा रहे हैं तो स्टैंप पेपर पर पहले डीड तैयार करवानी पड़ती है। हालांकि इसके लिए दो गवाहों से अटेस्ट कराना होता है।

इसके बाद रजिस्ट्रार (property registrar) के पास जमा कराना होता है। भाई बहन, माता पिता या पति पत्नी में से कोई अपनी संपत्ति आपस में किसी को गिफ्ट कर रहे हैं तो गिफ्ट डीड बनवा लें। इसके बनवाने पर टैक्स का पचड़ा भी नहीं पड़ेगा। प्रोपर्टी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 (property registration act 1908) की धारा 17 के अनुसार भी किसी अचल संपत्ति का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है।

प्रोपर्टी ट्रांसफर के लिए त्यागनामा -


जब अपने हिस्से की जमीन को छोड़ना हो यानी अपनी मर्जी से त्याग करके दूसरे को देना हो तो त्यागनामा (abandonment of land) तैयार करवाया जाता है। अधिकतर तो बहन अपने भाई के लिए प्रोपर्टी (property news) का हिस्सा मर्जी से छोड़ती हैं। ऐसे मामलों में भी त्यागनामा जरूरी होता है।

जमीन के हिस्से को पैसों के लेनदेन के बिना भी छोड़ा जा सकता है। इसे भी दो गवाहों से अटेस्ट कराने के बाद इसे रजिस्टर्ड (property registry rules) कराना पड़ता है। जब बिना वसीयत लिखे किसी का निधन हो जाता है तो कानूनी उत्तराधिकारियों को संपत्ति विरासत में मिलने पर त्यागनामा ही बनता है।