Property Update : फ्लैट खरीदने पर लगेगी 12 प्रतिशत GST, घर खरीदने वाले पहले जान लें ये जरूरी बात

HR Breaking News : (Property News) खुद का घर खरीदना अकसर हर किसी का सपना होता है। घर बनाने और खरीदने को लेकर देश में कई तरह के नियम बनाए गए है। लेकिन यह जानना जरूरी है कि आपको रेडी टू मूव, मतलब पूरी तरह तैयार हो चुके फ्लैट के लिए जाना चाहिए या फिर निर्माणाधीन प्रॉपर्टी देखनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों की लागत और आपकी बचत में काफी फर्क पड़ सकता है। यदि अभी तक आपके इसके जुड़े गुना-गणित को नहीं समझता है तो हम समझा देते हैं।
दरअसल, दोनों ही तरह की प्रॉपर्टी पर जीएसटी (GST on Property) का असर अलग-अलग पड़ता है। रेडी टू मूव फ्लैट खरीदने पर कोई जीएसटी नहीं लगता, जबकि निर्माणाधीन प्रॉपर्टी पर एक से 12 फीसदी तक जीएसटी चुकाना पड़ सकता है। आइए समझते हैं कि कौन-सा विकल्प आपके लिए अधिक फायदेमंद रहेगा।
निर्माणाधीन प्रॉपर्टी पर GST दरें
प्रॉपर्टी का प्रकार जीएसटी दर
अफोर्डेबल हाउसिंग 1%
रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी 5% (बिना ITC के)
कमर्शियल प्रॉपर्टी 12%
निर्माणाधीन प्रॉपर्टी खरीदते समय GST देना अनिवार्य होता है, जो प्रॉपर्टी की कुल कीमत का एक अहम हिस्सा होता है।
रेडी टू मूव फ्लैट पर जीएसटी से छूट
रेडी टू मूव फ्लैट (ready to move flat) खरीदने पर होमबायर्स को जीएसटी नहीं देना पड़ता, जिससे उनकी कुल लागत कम हो जाती है। इसके अलावा, ऐसे फ्लैट पर स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज ही लागू होते हैं, जो राज्य सरकार के अनुसार 5 परसेंट से 10 परसेंट तक हो सकते हैं।
रेडी टू मूव फ्लैट खरीदना ज्यादा फायदेमंद या निर्माणाधीन प्रॉपर्टी?
अगर आप 50 लाख रुपये की निर्माणाधीन प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो आपको जीएसटी के रूप में अतिरिक्त भुगतान करना होगा। इसे एक उदाहरण से समझना होगा-
निर्माणाधीन प्रॉपर्टी (50 लाख रुपये की कीमत पर)
अफोर्डेबल हाउसिंग पर 1% जीएसटी = ₹50,000
सामान्य रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी पर 5% जीएसटी = ₹2,50,000
कमर्शियल प्रॉपर्टी पर 12% जीएसटी = ₹6,00,000
इसके मुकाबले, रेडी टू मूव फ्लैट पर जीएसटी शून्य होने से यह किफायती विकल्प साबित होता है।
डेवलपर्स पर GST का असर
जीएसटी लागू होने से पहले डेवलपर्स को कई अलग-अलग टैक्स देने पड़ते थे जैसे वैट, सर्विस टैक्स, एक्साइज ड्यूटी आदि। अब इन सभी टैक्स को एक साथ मिलाकर जीएसटी लागू किया गया है, जिससे टैक्स की प्रक्रिया सरल हुई है। हालांकि, इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की सुविधा समाप्त होने के कारण निर्माण की लागत में बढ़ोतरी हुई है।
काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर ... ने बताया कि निश्चित तौर पर रेडी टू मूव प्रॉपर्टी पर जीएसटी नहीं लगता, लेकिन बायर्स पैसे बचाने के लिए निर्माणाधीन प्रॉपर्टी में ही घर लेना पसंद करते हैं। हालांकि 5 प्रतिशत जीएसटी खास तौर पर लग्जरी फ्लैटों में एक बड़ी रकम बन जाती है। लेकिन निर्माणाधीन प्रॉपर्टी के आसान पेमेंट प्लान बायर्स को आसानी से अपना आशियाना खरीदने में मदद करते हैं। इसके कारण न सिर्फ घर लेना आसान हो जाता है बल्कि रेडी टू मूव होने तक प्रॉपर्टी पर अच्छा प्रीमियम भी मिलता है।
GST 2025: घर बनाने में लगने वाली सामग्री पर टैक्स दरें
निर्माण सामग्री जीएसटी दर
सीमेंट 28%
स्टील 18%
टाइल्स और मार्बल 18%
रेत 5%
डेवलपर्स को निर्माण सामग्री पर अधिक जीएसटी देना पड़ता है, जिससे निर्माणाधीन प्रोजेक्ट की लागत बढ़ जाती है। इसका सीधा असर प्रॉपर्टी की कीमतों (Property prices) पर पड़ता है। एसकेए ग्रुप के डायरेक्टर संजय शर्मा का कहना है कि निर्माणाधीन प्रॉपर्टी पर GST का प्रभाव ग्राहकों की लागत को बढ़ा सकता है, लेकिन इसे आसान भुगतान योजनाओं और वित्तीय योजनाओं के जरिए मैनेज किया जा सकता है। इतना ही नहीं जब प्रॉपर्टी लांच होती है उस समय की कीमत और रेडी टू मूव प्रॉपर्टी की कीमत में भी काफी बड़ा अंतर होता है। कई बार तो रेडी टू मूव प्रॉपर्टी की कीमत दो गुना से भी अधिक हो जाती है। ऐसे में आज के समय में ग्राहक बजट के हिसाब से अपने लिए सही विकल्प चुन रहे हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
एस्कॉन इंफ्रा रियलटर्स के एमडी नीरज शर्मा बताते हैं कि खरीदारों को खरीदारी से पहले GST, स्टांप ड्यूटी और अन्य करों का सही मूल्यांकन करना चाहिए, ताकि वे अपने बजट के अनुसार सही फैसला ले सकें। प्रॉपर्टी का चुनाव केवल कीमत के आधार पर नहीं, बल्कि प्रोजेक्ट की लोकेशन, डिलीवरी टाइम और डेवलपर की विश्वसनीयता को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए।
क्या होते हैं स्टार्टअप, आम बिजनेस से कितने अलग?
मिग्सन ग्रुप के एमडी ... कहते हैं कि जीएसटी लागू होने के बाद से निर्माण लागत बढ़ी है, लेकिन ग्राहकों के लिए रेडी टू मूव और निर्माणाधीन प्रॉपर्टी दोनों के फायदे-नुकसान अलग-अलग हैं। रेडी टू मूव फ्लैट में शुरुआती लागत कम होती है, लेकिन निर्माणाधीन प्रॉपर्टी लंबी अवधि में अधिक रिटर्न दे सकती है।