Property Update : प्रोपर्टी खरीदते वक्त समय इन बातों का ध्यान रखना जरूरी, फुल पेमेंट एग्रीमेंट के चक्कर में बर्बाद हो जाएगी जीवनभर की कमाई
Property Update : अगर आप भी प्रोपर्टी खरीदने की प्लानिंग कर रहे है तो ये खबर आपके काम की है. दरअसल आज हम आपको अपनी इस खबर में कुछ ऐसी बाते बताने जा रहे है जिन्हें प्रोपर्टी खरीदते वक्त आपको ध्यान में रखना बेहद जरूरी है... वरना फुल पेमेंट एग्रीमेंट के चक्कर में बर्बाद हो जाएगी जीवनभर की कमाई-

HR Breaking News, Digital Desk- (Property) महंगाई के इस दौर में प्रॉपर्टी खरीदना एक बड़ा कदम है, जहाँ लोग अपनी गाढ़ी कमाई लगा देते हैं. वहीं, कई लोग अपने सपनों का घर बनाने में जीवन भर की बचत खर्च कर देते हैं. यह दर्शाता है कि घर खरीदना सिर्फ एक निवेश नहीं, बल्कि एक भावनात्मक निर्णय भी है.
प्रॉपर्टी डीलिंग हमेशा मोटी रकम में होती है, लिहाजा प्रॉपर्टी में डील करते समय हमेशा सतर्क रहना चाहिए और कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखना चाहिए. प्रॉपर्टी खरीदते वक्त आपकी एक छोटी-सी गलती या ‘लालच’, आपकी जिंदगीभर की कमाई को एक झटके में बर्बाद कर सकता है. जिसके बाद आप चाहकर भी कुछ नहीं कर पाएंगे.
थोड़े-से पैसे बचाने के चक्कर में बुरी तरह फंस जाते हैं लोग-
आज हम यहां आपको प्रॉपर्टी डीलिंग से जुड़ी कुछ बहुत ही जरूरी बातें बताने जा रहे हैं, जिन्हें हमेशा ध्यान में रखना चाहिए. दरअसल, नियमों के मुताबिक यदि आप कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो उसकी एवज में आपको सरकार को स्टांप ड्यूटी देनी होती है. स्टांप ड्यूटी देने के बाद ही आपकी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री की जाती है. लेकिन, अफसोस कई लोग थोड़े-से पैसों के लालच में आकर स्टांप ड्यूटी नहीं देते हैं. जिसकी वजह से उनकी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री भी नहीं हो पाती है.
हैरानी की बात ये है कि लाखों रुपये की प्रॉपर्टी खरीदने वाले कई लोग स्टांप ड्यूटी के थोड़े-से पैसे बचाने के चक्कर में प्रॉपर्टी डील का पावर ऑफ अटॉर्नी या फुल पेमेंट एग्रीमेंट बनवा लेते हैं. जबकि ये कानूनन सही नहीं है. पावर ऑफ अटॉर्नी या फुल पेमेंट एग्रीमेंट से आपको किसी भी प्रॉपर्टी का कानूनन मालिकाना हक नहीं मिल पाता है.
आज हम यहां आपको फुल पेमेंट एग्रीमेंट के बारे में जानकारी देंगे कि आखिर ये होता क्या है और इसके जरिए प्रॉपर्टी खरीदने में क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं.
क्या है फुल पेमेंट एग्रीमेंट-
देश के अलग-अलग राज्यों में प्रॉपर्टी की पक्की रजिस्ट्री के बजाय कई लोग फुल पेमेंट एग्रीमेंट बनवा लेते हैं. दरअसल, प्रॉपर्टी की पक्की रजिस्ट्री के लिए स्टांप ड्यूटी चुकानी पड़ती है, जिसे बचाने के चक्कर में लोग खरीदी गई प्रॉपर्टी का फुल पेमेंट एग्रीमेंट बनवा लेते हैं. लेकिन कानून के नजरिए से ये बिल्कुल गलत है. फुल पेमेंट एग्रीमेंट के बारे में सबसे पहले ये जान लेना चाहिए कि इससे किसी भी प्रॉपर्टी का कानूनन मालिकाना हक नहीं मिलता है.
कानूनन मालिकाना हक नहीं दिलाता फुल पेमेंट एग्रीमेंट-
फुल पेमेंट एग्रीमेंट (payment aggrement) के बारे में एक और बड़ी बात है, जिसे जानना हम सभी के लिए बहुत जरूरी है. बता दें कि फुल पेमेंट एग्रीमेंट सिर्फ एक निश्चित समय के लिए होता है, जो किसी प्रॉपर्टी (property) की पूरी रकम दिए जाने के बाद बनाया जाता है. ऐसे में किसी प्रॉपर्टी की पूरी रकम देने मात्र से आप किसी संपत्ति के कानूनन मालिक नहीं बन सकते हैं. किसी भी प्रॉपर्टी पर कानूनन मालिकाना हक पाने के लिए उसकी रजिस्ट्री कराना अनिवार्य है.
प्रॉपर्टी बेचने वाला ही कोर्ट में दे सकता है चुनौती-
प्रॉपर्टी की खरीद को लेकर कानून कहता है कि आप कोई भी प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो उसकी एवज में स्टांप ड्यूटी की रकम भरकर रजिस्ट्री करा लें. इसलिए कभी भी प्रॉपर्टी खरीदते समय स्टांप ड्यूटी देकर जल्द से जल्द रजिस्ट्री करा लेनी चाहिए. इतना ही नहीं, रजिस्ट्री कराने के बाद उस प्रॉपर्टी का दाखिल खारिज कराना भी बहुत जरूरी है.
इतना ही नहीं, कई बार तो प्रॉपर्टी बेचने वाले की मृत्यु (Death of the property seller) के बाद उसके बच्चे या करीबी रिश्तेदार ही ऐसी प्रॉपर्टी पर अपना दावा कर देते हैं. ऐसी परिस्थितियों में आपको सिर्फ और सिर्फ भारी मुसीबतों का सामना ही करना पड़ सकता है. ऐसे मामले कोर्ट (court) में हमेशा कमजोर होते हैं और बिना रजिस्ट्री (regiestry) आप प्रॉपर्टी पर अपना मालिकाना हक नहीं पेश कर पाते. आखिर में जिस खून-पसीने की कमाई से आपने वो प्रॉपर्टी खरीदी होती है, उसे गंवाना पड़ जाता है.
बहुत जरूरी है रजिस्ट्री-
प्रॉपर्टी खरीदते समय स्टांप ड्यूटी (stamp duty) चुकाकर तुरंत रजिस्ट्री कराना कानूनी तौर पर अनिवार्य है. यह सुनिश्चित करता है कि आप संपत्ति के वैध मालिक हैं. रजिस्ट्री के बाद, संपत्ति का दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) कराना भी उतना ही महत्वपूर्ण है. यह सरकारी रिकॉर्ड (government record) में मालिक का नाम अपडेट करता है, जिससे भविष्य में किसी भी विवाद से बचा जा सके. इन दोनों प्रक्रियाओं को पूरा करना आपकी संपत्ति के स्वामित्व को मजबूत करता है.