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लोन नहीं भरने पर SBI को केस दर्ज कराना पड़ा भारी, कोर्ट ने मांगा जवाब

SBI update : फाइनेंशियल जरूरतों को पूरा करने के लिए लोगों को लोन लेना पड़ता है। लोन के लिए लोग बड़े बड़े बैंकों जैसे एसबीआई (SBI Loan), एचडीएफसी, पीएनबी आदि का रूख करते हैं। लेकिन कई बार व्यक्ति लोन भरने में असमर्थ हो जाता है तो बैंक लोन वसूली को लेकर प्रक्रिया अपनाते हैं। बैंकों की ओर से मुकदमा भी दायर करा दिया जाता है। ऐसे ही एक मामले में एसबीआई (SBI) को केस दर्ज कराना महंगा पड़ गया। आइए जानते हैं। 

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SBI : लोन नहीं भरने पर एसबीआई को केस दर्ज कराना पड़ा भारी, कोर्ट ने मांगा जवाब

Hr Breaking News (ब्यूरो) : भारतीय स्टेट बैंक देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को एक लोन (SBI Loan case) के मामले केस दायर करना भारी पड़ गया। केस दायर करने को लेकर कोर्ट ने एसबीआई (state Bank of India) के जिम्मेदार कर्मचारियों से जवाब मांगा है। अदालत ने पहले जांच को कहा था। फिर मामला खुला तो बड़ी लापरवाही सामने आई। 

 

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कोर्ट ने केस किया खारिज


दिल्ली की एक अदालत में सिया नंद के खिलाफ मामला पहुंचा। मामले के अनुसार, सिया नंद से एसबीआई बैंक (SBI Bank Loan) को ब्याज समेत करीब 13.51 लाख रुपये रिवकरी करनी थी। इसी को लेकर एसबीआई की ओर से मुकदमा दायर किया गया था, जिसको कोर्ट ने बैंक की लापरवाही मिलने पर खारिज कर दिया है।  
 

 

बैंक की बड़ी लापरवाही आई सामने


दिल्ली की एक अदालत में एसबीआई (SBI) का एक व्यक्ति के खिलाफ ऋण नहीं चुकाने का केस पहुंचा। जिसमें सामने आया कि व्यक्ति की मौत हो चुकी है। इसको कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अदालत ने कार्रवाई को लेकर संबंधित अधिकारियों से जवाब भी मांगा है।

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कोर्ट ने मामले में लापरवाही मिलने के बाद कहा कि किसी भी बैंक से अपेक्षा की जाती है कि वह जांच पहले करेगा। कोर्ट ने कहा कि देश के अग्रणी बैंक एसबीआई (SBI News) से अपेक्षा की जाती है कि वह ऐसा सुनिश्चित करने को सक्रिय रूप से स्टेप लेगा कि जिनपर केस दर्ज किए हैं वो जीवित है या मृत।  

 


नोटिस भेजकर SBI से मांगा जवाब


कोर्ट ने बैंक से व्यक्ति की जांच करने को कहा था। जांच में पता चला कि केस दर्ज कराने से दो वर्ष पहले व्यक्ति की मौत हो गई थी। यह जानकारी मिलने पर कोर्ट ने झूठा हलफनामा देने की वजह से एसबीआई (SBI case) के संबंधित शाखा प्रबंधक व महाप्रबंधक को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने कहा कि बैंक ने मृत व्यक्ति पर केस दर्ज करने का फैसला क्यों लिया।
 

बैंक ने मानी अपनी गलती


दो नवंबर को कोर्ट ने एक आदेश जारी किया है। इसमें बताया गया है कि मामले में एसबीआई ने अपनी गलती मान ली है। एसबीआई (State bank of India) ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि मामले में मौजूदा दोषी अधिकारियों पर उचित कार्रवाई कर रहे हैं। साथ ही अदालत ने ये भी कहा कि बैंक की ओर से अपनाई जा रही एसओपी में ऐसा कुछ नहीं बताया कि ये कैसे पता चलेगा कि जिसपर मुकदमे की मांग की जा रही है वह जीवित है या नहीं। 

एसबीआई से की जाती है सक्रिय कदम उठाने की उम्मीद


कोर्ट ने कहा कि बैंकों से यह उम्मीद नहीं है कि वे बैठे-बैठे जानकारी का वेट करते रहें। जानकारी नहीं मिलती है तो बिना देखे मृत व्यक्ति पर भी केस दर्ज कराने के लिए आगे बढ़ जाएं। वहीं, कोर्ट ने कहा कि किसी भी बैंक, खासकर एसबीआई (State bank of India) से उम्मीद की जाती है कि वे सक्रिय रूप कदम उठाएं। वे केस दर्ज करने से पहले किसी के जीवित और मृत होने को सुनिश्चित करें। 

 

SBI ने  जुटाएगा आंकड़े


कोर्ट ने बताया कि एसबीआई ने कोर्ट के सुझाव को माना है। इसके अनुसार बैंक अधिकारी उपभोक्ता के जन्म-मृत्यु संबंधि आंकड़े रजिस्ट्रार से जुटाएंगे। वहीं, शाखा प्रबंधक ने बिना शर्त माफी मांगी, जिसके चलते न्यायाधीश ने नोटिस को खारिज कर दिया है। साथ ही एसबीआई (SBI) से इसका आगे से ध्यान रखने की अपेक्षा भी की है।