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SEBI on Hindenburg Report : हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पेश होने के बाद SEBI ने उठा लिया ये कदम, जल्दी होगी इन चीजों की जाँच

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने पुरे देश में हाहाकार मचा दिया है , शेयर मार्किट धड़ाम हो गयी है जिससे अडानी को अरबों रूपए का नुक्सान हो गया है।  इस रिपोर्ट के बाद SEBI ने उठाया ये सख्त कदम और अब SEBI इन चीजों की करेगी जाँच।  
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HR Breaking News, New Delhi : अमेरिकी की फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने जब से अडानी ग्रुप को लेकर रिपोर्ट जारी की है, तभी से भारतीय शेयर बाजार में भूचाल मचा हुआ है. हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे, जिसके बाद से ही अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में पिछले कुछ दिन में भारी गिरावट आई है. वहीं हिंडनबर्ग ने भी कहा है कि वो अडानी ग्रुप की कंपनियों पर शॉर्ट सेलिंग की पॉजिशन बनाए हुए हैं. वहीं इसके बाद से ही एक बार फिर से शॉर्ट सेलिंग को लेकर चर्चाएं होने लगी हैं. इसके बाद अब बाजार नियामक सेबी पिछले कुछ दिनों में भारतीय शेयर बाजारों में शॉर्ट सेलिंग की जांच कर सकता है.

शेयर मार्केट
सूत्रों ने कहा कि पिछले कुछ कारोबारी सत्रों में भारतीय बाजारों पर दबाव रहा है और जांच से बाजार को नीचे लाने में शॉर्ट सेलर्स की भूमिका का पता चलेगा. बता दें कि शॉर्ट सेलिंग के तहत किसी शेयर को पहले से ही बेच दिया जाता है. इसके तहत शेयर बेचने वाले के पास वो शेयर पहले से मौजूद नहीं होता है और जब शेयर में गिरावट आती है तो कम दाम में उस शेयर को खरीद लिया जाता है और मुनाफा कमाया जाता है.

शॉर्ट सेलिंग
हालांकि शॉर्ट सेलिंग के समर्थक इसे प्रतिभूति बाजार की वांछनीय और आवश्यक विशेषता मानते हैं. दूसरी ओर शॉर्ट सेलिंग के आलोचकों का मानना है कि शॉर्ट सेलिंग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संभावित जोखिम पैदा करता है और बाजार को आसानी से अस्थिर कर सकता है. हालांकि यह ध्यान देने वाली बात है कि ज्यादातर देशों में प्रतिभूति बाजार नियामक और विशेष रूप से सभी विकसित प्रतिभूति बाजारों में शॉर्ट सेलिंग को एक वैध निवेश गतिविधि के रूप में पहचाना जाता है.

शेयर बाजार
वहीं इस तरह के अधिकार क्षेत्र में इक्विटी डेरिवेटिव के लिए एक सक्रिय बाजार भी होता है जिसमें स्टॉक फ्यूचर्स शामिल होते हैं. कुछ कोर्ट कुछ परिस्थितियों में और शॉर्ट सेल्स को प्रतिबंधित करने के बजाय नेकेड शॉर्ट सेल्स की उपयोगिता को भी पहचानते हैं, नियामकों ने इसे एक विनियमित ढांचे के भीतर होने की अनुमति दी है.

शॉर्ट सेलिंग की पारदर्शिता
प्रतिभूति आयोगों के अंतर्राष्ट्रीय संगठन (IOSCO) ने भी बाजारों में शॉर्ट सेलिंग और सिक्योरिटीज लेंडिंग प्रथाओं की समीक्षा की है और इसे प्रतिबंधित करने के बजाय शॉर्ट सेलिंग की पारदर्शिता की सिफारिश की है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 2022 में अमेरिकी अभियोजकों ने हेज फंडों और स्टॉक के खिलाफ दांव लगाने वाली अनुसंधान फर्मों की व्यापक जांच में धोखाधड़ी के आरोपों पर विचार किया.