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Delhi में धारा 144 हुई लागू, चप्पे-चप्पे पर तैनात की गई फोर्स

Delhi - दिल्ली पुलिस के अनुसार, जानकारी मिली है कि कुछ किसान संगठनों ने एमएसपी पर कानून और अन्य मांगों को लेकर अपने समर्थकों से 13 फरवरी को दिल्ली चलो का आह्वान किया है। किसानों द्वारा उनकी मांगें पूरी होने तक दिल्ली की सीमा पर धरना देने की संभावना है।
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HR Breaking News, Digital Desk-  किसानों की 13 फरवरी को दिल्ली कूच की हुंकार से दिल्ली से हरियाणा तक हलचल बढ़ गई है। किसानों के एक और आंदोलन की तैयारी ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। हालात को देखते हुए दिल्ली में धारा-144 लागू कर दी गई है। इसके अलावा हरियाणा से लगे बॉर्डरों पर बैरिकेडिंग करने के साथ ही पुलिस भारी फोर्स तैनात करने की तैयारी है। 

किसान संगठनों द्वारा 13 फरवरी को राजधानी तक मार्च करने के आह्वान के बीच टिकरी बॉर्डर के पास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर पुलिस अधिकारियों द्वारा बड़े कंटेनर, सीमेंट और लोहे के बैरिकेड और वॉटर कैनन लगाए गए हैं।

दिल्ली पुलिस के अनुसार, जानकारी मिली है कि कुछ किसान संगठनों ने एमएसपी पर कानून और अन्य मांगों को लेकर अपने समर्थकों से 13 फरवरी को दिल्ली चलो का आह्वान किया है। किसानों द्वारा उनकी मांगें पूरी होने तक दिल्ली की सीमा पर धरना देने की संभावना है। किसी भी अप्रिय घटना से बचने और कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए, क्षेत्र में जीवन और संपत्ति को बचाने के लिए धारा 144 आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 का एहतियाती आदेश जारी करना आवश्यक है।

बता दें कि, यूपी, पंजाब और हरियाणा के कई किसान संगठनों ने एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, पुलिस मामलों को वापस लेने और लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय की भी मांग कर रहे हैं। इसके लिए 13 फरवरी को एक और विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाले कानून की मांग उन शर्तों में से एक है जो किसानों ने तब निर्धारित की थी जब वे 2021 में कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन वापस लेने पर सहमत हुए थे। बाद में इन कानूनों को निरस्त कर दिया गया था।

'दिल्ली चलो' मार्च में 200 से अधिक किसान यूनियन हिस्सा ले सकती हैं हिस्सा-

संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए कानून बनाने सहित कई मांगों को स्वीकार करने के सिलसिले में केंद्र पर दबाव बनाने को लेकर 13 फरवरी को 'दिल्ली चलो' मार्च की घोषणा की है, जिसमें 200 से अधिक किसान यूनियन हिस्सा लेने का अनुमान है।

गौरतलब है कि, 2020 में किसानों ने अब निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं - सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर एक साल तक विरोध प्रदर्शन किया था।