Supreme Court Decision : सरकारी कर्मचारियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला, अब इन मामलों में सबूत की नहीं होगी जरूरत
govt employees news : देशभर के करोड़ों सरकारी कर्मचारियों के लिए अहम खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने इन कर्मचारियों से जुड़ा ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट (SC Decision) के अनुसार अब कुछ खास मामलों में सबूतों की जरूरत नहीं पड़ेगी और इनके बिना ही फैसला सुना दिया जाएगा। खबर में जानिये सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बारे में विस्तार से।
HR Breaking News - (Supreme Court)। सुप्रीम कोर्ट के एक बड़े फैसले के बाद सरकारी कर्मचारियों में खलबली मच गई है। इस फैसले में कोर्ट ने क्लियर किया है कि अब इन मामलों में सरकारी कर्मचारी के खिलाफ सबूतों की जरूरत नहीं होगी। सरकारी कर्मचारियों व अफसरों से जुड़ा और हर तरफ चर्चा का विषय बना यह फैसला काफी लंबी जद्दोजहद के बाद सुनाया गया है। कई दिनों तक यह मामला लंबित था, इस फैसले का असर हर सरकारी कर्मचारी पर पड़ेगा।
इस मामले में सुनाया है अहम फैसला -
भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट (corruption case decision) की ओर से फैसला सुनाया गया है। पांच न्यायाधीशों की पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार के मामले (corruption cases) में किसी सरकारी कर्मचारी को दोषी ठहराने के लिए जरूरी नहीं है कि इसका प्रत्यक्ष सबूत हो। ऐसा भ्रष्टाचार विरोधी कानून में भी प्रावधान है। यानी भ्रष्टाचारी कर्मचारी को सजा (punishment in corruption cases) के लिए किसी सबूत का इंतजार नहीं किया जाएगा और न ही इसकी जरूरत है।
दोषी ठहराने का क्या होगा आधार -
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी सरकारी कर्मचारी (SC decision for govt employees) को भ्रष्टाचार के केस में मामले और स्थिति के आधार पर ही दोषी ठहराया जा सकता है। किसी अन्य सबूत की इसके लिए जरूरत नहीं है। रिश्वत के मामले में भी यही प्रावधान (legal provisions in corruption) लागू होगा।
सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी -
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस बात पर भी गौर किया कि किसी सरकारी भ्रष्ट कर्मचारी और अफसर को कानूनी कटघरे तक लाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। हर किसी कोई इस पचड़े में नहीं फंसना चाहता, कोई खास विशेष व्यक्ति ही भ्रष्ट अधिकारी (decision on corrupt officials) को कोर्ट तक खींचकर लाता है।
कर्मचारियों के बीच फैसला हुआ चर्चित -
सुप्रीम कोर्ट (SC decision in corruption) ने कहा है कि रिश्वत व भ्रष्टाचार के मामले में किसी कर्मचारी के खिलाफ चाहे प्रत्यक्ष साक्ष्य न हो, कानूनी प्रावधानों के अनुसार भी स्थितिजन्य आधार पर सरकारी अधिकारी को दोषी करार दिया जा सकता है। इसलिए कोई कर्मचारी यह न सोचे कि इस मामले में सबूतों (proves for corruption cases) की जरूरत पड़ेगी। अब यह फैसला कर्मचारियों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। मृत्यु या किसी दूसरी वजह से शिकायत देने वाला न भी मौजूद होगा तो भी ऐसे मामलों में कर्मचारी (govt employees news) को दोषी करार दिया जा सकता है।
बड़े अफसरों को दंडित कराने में भी न हटें पीछे-
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भ्रष्टाचार के मामलों (corruption cases) में चाहे बड़े लेवल के अधिकारी जैसे IAS व IPS भी क्यों न आरोपी हों, आम व्यक्ति को भी ऐसे भ्रष्ट अधिकारी को दंडित कराने में पीछे नहीं हटना चाहिए, तभी भ्रष्टाचार खत्म (anti corruption rules) हो सकेगा। ऐसे मामलों में शिकायत देने वाले सहित जांच करने वाले को भी पूरी ईमानदारी से अपनी भूमिका बढ़ चढ़कर निभानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई यह चिंता-
लोक सेवकों का भ्रष्टाचार के मामलों (decision on corruption cases) में संलिप्त पाया जाना देश के लिए भी घातक है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि रिश्वतखोरी व भ्रष्टाचार के आरोपी के प्रति कोई नरमी नहीं बरती जा सकती।
