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tenancy rules : एक साल में कितना किराया बढ़ा सकता है मकान मालिक, किराएदार जरूर जान लें नियम

rent hike rules : घर से दूर जाकर किराए पर रहना आज के महंगाई के दौर  में किसी चुनौती से कम नहीं है। कई किराएदारों (rent rules for tenant) के लिए हर माह का किराया चुकाना ही मुश्किल हो जाता है, ऊपर से समय समय पर मकान मालिक की ओर से की जाने वाली किराया बढ़ौतरी उसके बजट को और प्रभावित करती है। अधिकतर किराएदार (kirayedari ke niyam) इस बात से भी अनजान होते हैं कि एक साल में मकान मालिक अधिक से अधिक कितना किराया बढ़ा सकता है। आइये जानते हैं इस नियम के बारे में खबर में।

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tenancy rules : एक साल में कितना किराया बढ़ा सकता है मकान मालिक, किराएदार जरूर जान लें नियम

HR Breaking News - (tenancy law)। आजकल कस्बों व शहरों में किराए पर मकान देकर एक्ट्रा कमाई करना आम बात हो गई है। अक्सर यह भी देखा जाता है कि मकान मालिक मनमर्जी से किराए में बढ़ौतरी (House Rent Rules) कर देते हैं। इससे किराएदार पर अनावश्यक बोझ तो बढ़ता ही है, साथ ही उसका बजट भी गड़बड़ा जाता है।

एक किराएदार (tenant's rights) के लिए इस बारे में जानना बेहद जरूरी है कि कोई मकान मालिक एक साल में ज्यादा से ज्यादा कितना किराया (House Rent hike Rules) बढ़ा सकता है। किराएदारी कानून में इसे लेकर विशेष तौर पर नियम तय कर रखे हैं।

राज्यों के अनुसार हैं अलग-अलग नियम -


किराए पर अपनी प्रोपर्टी (property knowledge) व मकान या दुकान आदि देने वाले मकान मालिकों की मनमर्जी पर अंकुश लगाने के लिए  विभिन्न राज्य सरकारों ने किरायेदारी कानून (kirayedari kanoon) लागू किया हुआ है। इन राज्यों में कुछ राज्य मॉडल स्टेट का काम करते हैं।

इनमें महाराष्‍ट्र, दिल्ली और उत्तर प्रदेश (UP tenancy law) मुख्य रूप से शामिल हैं। इन राज्यों के अपने-अपने किराया कानून हैं। अन्य राज्यों में भी कुछ इसी तरह के नियम लागू किए हुए हैं। इन राज्यों के किराएदारी कानून में मकान मालिकों व किराएदारों के अधिकारों (landlord tenant's rights) के संरक्षण के लिए भी नियम तय किए गए हैं।

देश की राजधानी में यह है नियम-


देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां पर 2009 का रेंट कंट्रोल एक्ट (rent control act delhi)लागू है। इसके अनुसार किरायेदार लगातार रह रहा है, तो मकान मालिक साल में 7 प्रतिशत से अधिक किराया नहीं बढ़ा सकता। मकान खाली होने पर मकान मालिक (mkan malik ke adhikar) को नए किराएदारों से किराया बढ़ाकर लेने का अधिकार प्राप्त है। अगर  छात्रावास, बेडिंग स्‍पेस या बोर्डिंग हाउस के रूप में कोई अपनी प्रोपर्टी (property news) को किराए पर चला रहा है तो साल में एक बार ही किराया बढ़ा सकता है।

क्या कहता है उत्तर प्रदेश का किराएदारी कानून-


यूपी के किराएदारी कानून के अनुसार मकान मालिकों (landlord's property rights) को आवासीय भवनों के किराए में साल में 5 प्रतिशत किराया बढ़ाने की इजाजत है। गैर आवासीय भवन है तो किराये में 7 प्रतिशत की बढ़ौतरी मकान मालिक कर सकता है। यहां पर किराया बढ़ौतरी (house rent hike rules) की गणना चक्रवृद्धि आधार पर होती है। किराएदार दो माह तक किराया नहीं देता है तो  मकान मालिक उसे मकान से बाहर कर सकता है। उत्तर प्रदेश (UP home rent rules) में नगरीय किराएदारी विनियमन अध्यादेश-2021 लागू है। 

इस राज्य में यह है किराया बढ़ाने का नियम -


महाराष्ट्र में  साल 2000 में महाराष्ट्र किराया नियंत्रण अधिनियम (Maharashtra Rent Control Act) लागू किया गया था। इसके अनुसार मकान मालिक साल में 4 प्रतिशत किराया बढ़ा सकता है। इसके अलावा मकान की मरम्मत आदि करनी है तो भी किराया (home rent rules) बढ़ा सकता है। यह बढ़ौतरी निर्माण कार्य की लागत की 15 प्रतिशत से अधिक नहीं की जा सकती। टैक्स बढ़ने पर मकान मालिक वार्षिक किराया बढ़ा सकता है। यह बढ़ौतरी टैक्स (tax rules) राशि से अधिक नहीं बढ़ाई जा सकती।