Tenant Rights : अब मकान मालिक नहीं चला सकेगा अपनी मनमानी, किरायेदार को मिलेंगे ये अधिकार
Rights of tenant : आज के समय में अक्सर लोग काम की तलाश में दुसरे शहरों में जा रहे हैं इसकी वजह से उनको वहां पर रहने के लिए किराये का घर लेना पड़ता है। कई बार देखने को मिलता है कि मकान मालिक किरायेदार (tenant's rights of property) के साथ मनमानी करता है। जिसके कारण किरायेदारों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। कानून में किरायेदार के लिए कुछ अधिकार बनाए है। आइए विस्तार से जानते हैं इन नियमों के बारे में।

HR Breaking News - (Property Knowledge)। कानून में भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए कुछ न कुछ अधिकार बनाए है। ऐसे में मकान मालिक सहित किरायेदार को भी कुछ अधिकार दिये जानते हैं इन अधिकारों का उलंघन्न होने पर दोनों पक्ष में से कोई भी व्यक्ति मामले को कोर्ट में लेकर जा सकता है।
आमतौर पर देखने को मिलता है कि मकानमालिक किरायेदार (property rights of tenant) के साथ मनमानी करता है जिसकी वजह से किरायेदारों के अधिकारों का उलंघन्न होता है। ऐसे में कानून में सभी किरायेदारों को कुछ अधिकार दिये हुए है। खबर में जानिये किरायेदारों के अधिकार के बारे में।
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मकान मालिक नहीं निकाल सकता घर से बहार-
मकान मालिक (Rights of landlord) रेंट एग्रीमेंट में लिखी समय सीमा से पहले मकान मालिक किराएदार को घर से नहीं निकाल सकता है। अगर किराएदार ने 2 महीने से रेंट को भुगतान नहीं किया है तो मकान का इस्तेमाल कॉमर्शियल काम या किसी ऐसे काम के लिए कर रहा हो, जिसका जिक्र रेंट एग्रीमेंट (rent agriment) में न तो वो मकान को खाली करने को कह सकता है। लेकिन इस स्थिति में भी मकान मालिक को किराएदार को 15 दिनों का नोटिस देना पड़ता है।
तीन महीने पहले देना होता है नोटिस-
अगर मकान मालिक मकान के किराये को बढ़ा दिया है तो उसे किराएदार (property Rights of tenant) को कम से कम तीन महीने पहले इसका नोटिस जारी करना होगा। अचानक से कोई भी मकान मालिक किराया नहीं बढ़ाया जा सकता है। इसका अलावा मकान मालिक (makan malik ke adhikar) से बिजली का कनेक्शन पीने का साफ पानी पार्किंग जैसी साधारण सुविधा मांगना किराएदार का अधिकार होता है। इसको लेकर मकान मालिक इनकार नहीं कर सकता है।
सिक्योरिटी मनी को लेकर भी बनाए गए है नियम-
कानून के नियमों के मुताबिक किराएदारों (kirayedar ke adhikar) की सिक्योरिटी मनी दो महीने के किराये से ज्यादा नहीं ली जा सकती है। यदि इससे ज्यादा सिक्योरिटी की राशि नहीं ली जा सकती है। इसके साथ ही इसका जिक्र एग्रीमेंट में भी किया गया जाना चाहिए। इसके अलावा घर को खाली करने पर मकान मालिक को एक महीने के भीतर ही उस रकम को लौटाना होगा।
मकान रेनोवेट कराने को लेकर भी है नियम-
रेंट एग्रीमेंट लागू करने के बाद अगर मकान का ढांचा खराब हो जाता है तो इसको ठीक कराने की जिम्मेदारी भी मकान मालिक का ही होता है। अगर मकान मालिक (landlord rights in law) उसे रेनोवेट कराने की स्थिति में नहीं है, तो किराएदार मकान का किराया कम करने के लिए भी कह सकते हैं। किसी विवाद की स्थिति में किराएदार रेंट अथॉरिटी से भी संपर्क कर सकता है।
किराएदार को मिलता है प्राइवेसी का अधिकार-
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रेंट एग्रीमेंट के लागू हो जाने के बाद कोई भी मकान मालिक (makan malik ke adhikar) उसे बार-बार डिस्टर्ब नहीं कर सकता है। अगर मकान मालिक किराएदार के घर रिपेयर से जुड़े या फिर किसी अन्य कार्य से जुड़े मकसद से मकान को विजिट करना चाहता हें तो उसे इस बारे में जानकारी किरायेदार (kiraydar ke adhikar) को कम से कम 24 घंटे से पहले देनी होगी।
इसके साथ ही में अगर किरायेदार घर में उपस्थित नहीं हैं तो ऐसे में मकान मालिक घर पर लगे ताले को नहीं तोड़ सकता है और इसके साथ ही में किरायेदार के किसी समान को भी घर से बहार नहीं निकाला जा सकता है।