UP के इस नए शहर के लिए फिर से शुरू हुई कवायद, 24 गांवों की जमीन का होगा अधिग्रहण, 6000 एकड़ में किया जाएगा डेवलेप
नया गोरखपुर बसाने के लिए एक बार फिर कवायद शुरू हो गई है। जीडीए की ओर से नया गोरखपुर के विस्तार के लिए 24 गांवों को चिह्नित किया गया है। इनमें से 12 गांव प्रस्तावित जंगल कौड़िया-जगदीशपुर फोरलेन बाईपास के आसपास हैं जबकि अन्य 12 गांव कुशीनगर रोड पर कुसम्ही के पास हैं। शासन की ओर से जमीन खरीदने के लिए पहले किस्त की धनराशि भेज दी गई है।आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

HR Breaking News (नई दिल्ली)। लोगों की आवासीय जरूरतों को पूरा करने के लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने एक बार फिर नया गोरखपुर विकसित करने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए लगभग 6,000 एकड़ जमीन ली जानी है। शासन की ओर से जमीन खरीदने के लिए पहले किस्त की धनराशि भेज दी गई है। शनिवार को जीडीए उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन ने सचिव उदय प्रताप सिंह व अन्य अधिकारियों के साथ कुसम्ही क्षेत्र के चार गांवों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने गांवों में जमीन देखी। पहले से तैयार ले-आउट का अवलोकन किया। निरीक्षण के बाद उन्होंने अभियंताओं को रिपोर्ट तैयार करने को कहा है।
जीडीए की ओर से नया गोरखपुर के विस्तार के लिए 24 गांवों को चिह्नित किया गया है। इनमें से 12 गांव प्रस्तावित जंगल कौड़िया-जगदीशपुर फोरलेन बाईपास के आसपास हैं, जबकि अन्य 12 गांव कुशीनगर रोड पर कुसम्ही के पास हैं। उपाध्यक्ष ने तकिया मैदनीपुर, माड़ापार, कोनी व रुद्रापुर गांवों का निरीक्षण किया। इन गांवों में जमीन समतल है और इसे पहले चरण के लिए उपयुक्त माना जा रहा है। जीडीए की टीम इस बात का अध्ययन करेगी कि इन गांवों में बड़े चक उपलब्ध हैं या नहीं।
नया गोरखपुर बसाने के लिए ऐसे चक की तलाश की जा रही है, जो एक साथ हों और उनका बड़ा क्षेत्रफल हो। जीडीए की ओर से पहले से तैयार योजना के मुताबिक गांव की आबादी से 100 मीटर की परिधि छोड़कर नया गोरखपुर के लिए जमीन लेने की तैयारी है। आबादी से दूरी को लेकर दोबारा मंथन करने को कहा गया है। मौके पर मिले कुछ किसानों से बात भी की गई है। उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित भी किया जाएगा। जीडीए चर्चा के बाद तय करेगा कि जमीन की खरीद होगी या अनिवार्य अर्जन किया जाएगा। इसके बाद ही धारा-चार के तहत कार्यवाही शुरू हो सकती है।
इस दौरान इस क्षेत्र में बैनामा प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। निरीक्षण के दौरान अधिशासी अभियंता नरेंद्र कुमार, तहसीलदार रामभोज, ओम प्रकाश आदि रहे। दो बार हो चुकी है बैठक: नया गोरखपुर को लेकर चिह्नित 24 गांवों के किसानों के साथ जीडीए व राजस्व विभाग की टीम दो चरण की वार्ता कर चुकी है।
एक गांव छोड़कर सभी ने वर्तमान कीमत पर जमीन देने से इनकार कर दिया है। इसके बाद जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने जमीन की दर तय करने के लिए समिति बनाई है। इधर, रिंग रोड बाईपास के किसानों की ओर से आर्बिट्रेशन दाखिल किया गया है। उम्मीद है कि आर्बिट्रेशन दाखिल करने वाले किसानों को कुछ अधिक दर मिल सकती है।
क्या बोले अधिकारी
नया गोरखपुर के लिए चिह्नित गांवों में से चार का निरीक्षण किया गया है। कुछ किसानों से बात भी की गई है। उनसे भविष्य में भी बात की जाएगी। जमीन के रेट को लेकर अभी निर्णय लिया जाना है।