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High Court ने सुनाया अहम फैसला, CIBIL स्कोर खराब होने पर नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी

Cibil Score News : अब तक सिबिल स्कोर सिर्फ लोन लेने और क्रेडिट कार्ड के लिए महत्व रखता था, लेकिन अब हाल ही में हाईकोर्ट ने सिबिल स्कोर को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। इस फैसले के तहत अब युवाओं को सरकारी नौकरी करने के लिए भी सिबिल स्कोर  (CIBIL Score News )मेंटेन रखना बेहद  जरूरी है।  आइए खबर में जानते हैं हाई कोर्ट के इस फैसल के बारे में।

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High Court ने सुनाया अहम फैसला, CIBIL स्कोर खराब होने पर नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी

HR Breaking News (High Court)  समय के साथ-साथ सिबिल स्कोर का महत्व बढ़ता  जा रहा है। अब सिर्फ लोन लेने के लिए ही नहीं बल्कि सरकारी नौकरी के लिए भी सिबिल स्कोर बेहद मेंटेन रखना बेहद जरूरी हो गया है।

 

अगर आप भी सरकारी नौकरी (Government Jobs Rules) के लिए अप्लाई कर रहे हैं तो अपने सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर का खास ध्यान रखें। अब हाल ही में एक मामले के तहत हाईकोर्ट ने सिबिल स्कोर को लेकर अहम फैसला सुनाया है।

 

क्या था पूरा मामला
 

मामले पर गौर करें तो हाल ही में पी। कार्तिकेयन ने जुलाई 2020 में भारतीय स्टेट बैंक (state Bank of India) द्वारा CBO पद की नौकरी के लिए विज्ञापन दिया था। कार्तिकेयन ने नौकरी के लिए अप्लाई तो किया था और उसके बाद सभी परीक्षाएं पास कर ली।

परीक्षाएं पास करने के बाद एसबीआई ने 12 मार्च, 2021 में उन्हें अपॉइंटमेंट लेटर (Appointment Letter) जारी कर दिया था। लेकिन, एसबीआई की ओर से 9 अप्रैल, 2021 को कार्तिकेयन की नियुक्ति को रद्द कर दिया।

एसबीआई ने इसे रद्द कारणा का बताया कि उन्होंने कार्तिकेयन यानी आवेदक के CIBIL रिपोर्ट में वित्तीय अनुशासन की कुछ कमियां पाई हैं। इस वजह से अपॉइंटमेंट को कैंसिल कर दिया गया।

आवेदक ने दी ये दलीलें
 

एसबीआई बैंक के इस फैसले (decision of SBI Bank)के खिलाफ कार्तिकेयन यानी आवेदक ने मद्रास हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की और एसबीआई बैंक के आदेश को रद्द करने की मांग की। याचिकाकर्ता ने दलील देते हुए कहा कि बैंक ने जब विज्ञापन जारी किया था तो उस समय उसके ऊपर कोई लोन पेंडिंग (Pending Loan) नहीं था। 

उन्होंने सभी लोन को चुकता कर दिया था। याचिकाकर्ता का कहना है कि उनको सिबिल समेत किसी भी क्रेडिट एजेंसी ने डिफॉल्टर भी घोषित नहीं किया है तो इस वजह से एसबीआई बैंक (state bank of india) का यह फैसला गलत है।


 

एसबीआई ने दी टिप्पणी
 

बैंक ने फैसला सुनाते हुए बचाव में कहा कि विज्ञापन की धारा 1(E) के अनुसार, अगर किसी भी आवेदक के नाम पर लोन या क्रेडिट कार्ड पेमेंट (Credit Card Payment) में चूक या सिबिल या किसी अन्य क्रेडिट एजेंसी से खराब रिपोर्ट हो तो उन्हें नौकरी के लिए पात्र नहीं माना जाएगा।

उनको नौकरी मिलने में परेशानी आ सकती है। बैंक का कहना है कि नौकरी के लिए जो एडवरटाइजमेंट निकाला गया था, उसमे इस शर्त (Govt. Job conditions in advertisement) का स्पष्ट उल्लेख किया गया था।

मद्रास हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला
 

जब यह मामला मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court Decisio)पहुंचा तो पी। कार्तिकेयन की याचिका पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस ने कहना कि सिर्फ लोन चुका देना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि पूरे समयावधि में लोन की अदायगी का रिकॉर्ड भी क्लियर होना चाहिए और किसी भी समयावधि में किसी भी प्रकार की खराब CIBIL रिपोर्ट नहीं होनी चाहिए।

हाईकोर्ट (highcourt orders)ने फैसला सुनाते हुए कहा कि जब कोई आवेदक एक बार एडवरटाइजमेंट के शर्तों के आधार पर नौकरी के लिए अप्लाई करता है तो बाद में उन शर्तों को चुनौती देना गलत है। इस वजह से मद्रास हाई कोर्ट ने एसबीआई के फैसले को बरकरार रखते हुए शिकायतकर्ता की याचिका को खारिज कर दिया।

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