Toll Tax : अब इन हाईवे पर नहीं लगेगा कोई टोल टैक्स, सड़क परिवहन मंत्रालय ने दी मंजूरी
Toll Tax : वाहन चालकों के लिए जरूरी खबर. दरअसल आपको बता दें कि केंद्र सरकार (central government) जल्द ही नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर सफर करने वाले लाखों यात्रियों को टोल टैक्स में राहत दे सकती है. सड़क परिवहन मंत्रालय टोल से राहत देने के लिए दो प्रस्तावों पर विचार कर रहा है-

HR Breaking News, Digital Desk- (Big Relief from Toll Tax) केंद्र सरकार जल्द ही नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर सफर करने वाले लाखों यात्रियों को टोल टैक्स में राहत दे सकती है. सड़क परिवहन मंत्रालय टोल से राहत देने के लिए दो प्रस्तावों पर विचार कर रहा है. पहले प्रस्ताव के तहत, ढाई लेन और संकरे राष्ट्रीय राजमार्गों पर कोई टोल नहीं लगेगा. दूसरे प्रस्ताव में, कारों के लिए एक साल के लिए 3000 रुपये का अनलिमिटेड ट्रैवल पास का विकल्प दिया जा सकता है.
सूत्रों के मुताबिक, दोनों प्रस्तावों को सड़क परिवहन मंत्रालय (Ministry of Road Transport) ने मंजूरी दे दी है. फिलहाल इस प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय भेजा गया है क्योंकि इसके लागू होने के बाद सरकार को टोल से होने वाली कमाई में कमी आएगी. हालांकि, संकरे नेशनल हाईवे को टोल-फ्री (toll free) करने का ज्यादा नुकसान नहीं होने का अनुमान है.
केंद्रीय मंत्री कई बार कर चुके हैं ऐलान-
इससे पहले केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Union Road Transport Minister Nitin Gadkari) ने प्राइवेट गाड़ियों के लिए सालाना और लाइफटाइम पास का ऑप्शन देने की योजना के बारे में बात की थी. केंद्रीय मंत्री कई बार यह बयान दे चुके हैं कि नेशनल हाइवे 9national highway) और एक्सप्रेसवे (expressway) से सफर करने वाले यात्रियों को बड़ी राहत देने पर सरकार विचार कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर टोल में कटौती की जाती है तो उन्हें कोई शिकायत नहीं होगी.
टाइम्स ऑफ इंडिया सूत्रों के हवाले से लिखा है कि समीक्षा बैठक के दौरान नितिन गडकरी ने ढ़ाई लेन या पक्की सड़कों वाली दो लेन को टोल फ्री (toll free) करने का प्रस्ताव रखा था और अधिकारियों पर इससे विचार करने को कहा था. इन सड़कों पर टोल फी चार लेन या उससे अधिक वाले नेशनल हाईवों की तुलना में 64% टोल कम है. पूरे देश में इस तरह के 50 से भी कम टोल प्लाजा हैं और कुछ को छोड़कर सभी पब्लिक फंडेड (public funded) सड़कें हैं. यानी इन सड़कों पर टोल सरकारी एजेंसियों द्वारा वसूला जाता है.
नुकसान की भरपाई सरकार करेगी-
ज्यादातर टोल संग्रह (toll collection) खर्च से कम होता है, इसलिए टोल फ्री करना बुरा नहीं है। मुख्य मुद्दा 4+ लेन राजमार्गों/एक्सप्रेसवे पर निजी एजेंसियों (agencies) द्वारा टोल वसूली है. सरकार द्वारा निजी वाहनों के लिए वार्षिक पास जारी करने से होने वाले नुकसान की भरपाई सरकार को करनी होगी.
सरकारी डेटा के मुताबिक, 2024-25 के दौरान सरकार को टोल के माध्यम से कुल 61000 करोड़ की कमाई हुई है. इनमें प्राइवेट गाड़ियों की हिस्सेदारी लगभग 20-21% है. बाकी 79-80% कमाई सरकार को कॉमर्शियल और भारी वहनों (commercial and heavy vehicles) से हुई है.