home page

UP News : फोरलेन हाईवे के लिए सर्किल रेट पर नहीं देंगे जमीन, 26 गांवों के लोगों ने रोका हाईवे का काम

फोरलेन बाईपास के लिए जमीन अधिग्रहण पर रोक लगा दी है। 26 गांवों के किसानों ने भहट के इटहिया में महापंचायत कर मुआवजे की दर बढ़ाने को लेकर मांग रखी है। किसानों का कहना है कि अगर जबतक मुआवजा नहीं मिला फोरलेन हाईवे का काम पूरा नहीं होने देंगे। 

 | 

HR Breaking News (नई दिल्ली)। जंगल कौड़िया-जगदीशपुर फोरलेन बाईपास के किनारे के 26 गांवों के किसानों ने भटहट के इटहिया में महापंचायत लगाकर यह स्पष्ट किया कि मुआवजे की दर बढ़ने तक फोरलेन से जुड़ा काम नहीं करने देंगे। किसानों ने वहां सर्वे करने आए एनएचएआइ के सर्वेयर महेंद्र कुमार गौड़ को बैठा लिया और सर्वे से रोक दिया। वे एनएचएआइ के अधिकारियों को बुलाने की मांग करने लगे।


जिलाधिकारी के निर्देश पर पहुंचे तहसीलदार सदर विकास सिंह ने किसानों से बात की, लेकिन बात नहीं बनी। किसान बढ़ा हुआ मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। यह मांग पूरी न होने पर उन्होंने जमीन के बदले जमीन का विकल्प भी दिया है। प्रशासन की ओर से उन्हें समझाया गया कि एक बार मुआवजे की दर तय हो जाने के बाद उसमें संशोधन कर पाना संभव नहीं है। किसानों को आर्बिटेशन में जाने की सलाह दी गई।

ये भी पढ़ें : MP के इन जिलों के बीच बनेगा 104 किलोमीटर का नया फोरलेन हाईवे, दो हजार करोड़ की आएगी लागत

किसानों ने कहा- संतोषजनक मुआवजा नहीं दिया जा रहा-

किसान रविवार की सुबह से ही इटहिया के स्वामी दयानंद इंटर कालेज परिसर में एकत्रित होने लगे थे। सुबह 11 बजे तक करीब 500 किसान वहां पहुंच गए। किसान अपनी मांगों को लेकर चर्चा कर रहे थे कि इसी बीच एनएचएआइ के सर्वेयर द्वारा सर्वे करने की जानकारी हुई तो उन्होंने सर्वेयर को अपने बीच बैठा लिया और एनएचएआइ के अधिकारियों को बुलाने को कहा। सर्वेयर को बैठाने की जानकारी मिलने पर सदर तहसीलदार भी मौके पर पहुंच गए।


प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों के पहुंचने की जानकारी होने पर किसान उनके पास गए। काफी देर तक किसानों व प्रशासन के बीच चर्चा हुई। किसानों ने कहा कि उन्हें संतोषजनक मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। जब तक मुआवजा नहीं मिलता, वे काम नहीं शुरू होने देंगे। यद्यपि, तहसीलदार की ओर से उन्हें समझाया गया कि मुआवजा मिलने से पहले निर्माण कार्य शुरू नहीं होगा। उन्होंने सर्वे होने देने की अपील की, जिसपर किसान नहीं माने।

बाजार मूल्य पर मुआवजा चाह रहे किसान-

किसानों का कहना है कि सात साल से सर्किल रेट नहीं बढ़ा है। उन्होंने बाजार मूल्य पर मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने जिलाधिकारी के यहां आर्बिटेशन में जाने का सुझाव दिया। किसानों ने कहा कि जुलाई महीने के अंत तक आर्बिटेशन का अवसर दिया जाए। जब तक इसका परिणाम नहीं आता, एनएचएआइ की ओर से मौके पर किसी प्रकार का सर्वे या निर्माण न किया जाए। तहसीलदार ने जिलाधिकारी के समक्ष किसानों की बात रखने का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री से मिलकर समस्या बताएंगे किसान-

महापंचायत में निर्णय लिया गया कि किसान मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी समस्या बताएंगे। इसके साथ ही सरैया गांव से जिलाधिकारी कार्यालय तक शांति मार्च निकाला जाएगा। इसके बाद जिलाधिकारी कार्यालय पर क्रमिक अनशन किया जाएगा। इसके बाद भी मांग नहीं मानी गई तो सड़क जाम एवं आमरण अनशन किया जाएगा। बैठक में सरैया के ग्राम प्रधान सुमित साहनी, राम बचन सिंह, त्रयंबक उपाध्याय, धर्मेंद्र कुमार गुप्ता, कोनी के विनय सिंह, गणेश सिंह, अरुण सिंह, राजन यादव, अनिकेश सिंह आदि उपस्थित रहे।

प्रशासन ने की सर्वे शुरू होने देने की अपील-

सदर तहसीलदार विकास सिंह ने बताया कि किसानों से कहा गया है कि सर्वे का काम होने दें। जहां के लोगों को शिकायत है, वे अपनी बात रखें। जहां लोगों को कोई दिक्कत नहीं है, वहां काम होने दें। उन्होंने कहा कि किसानों को बताया गया है कि एक बार दर तय हो जाने के बाद आर्बिटेशन में जाकर उसमें परिवर्तन कराया जा सकता है।

क्या कहते हैं अधिकारी-

ये भी पढ़ें : Rajasthan Railway : राजस्थान में बिछाई जाएगी 30 नई रेलवे लाइन, इन जिलों को होगा फायदा

जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने बताया कि किसानों ने इटहिया में बैठक की थी। वे मुआवजे को लेकर अपनी बात रख रहे थे। सर्वेयर से भी बातचीत की चल रही थी। उन्हें आर्बिटेशन में अपील करने को कहा गया है। किसानों से काम न रोकने की अपील की गई है।