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FD में पैसा लगाने वाले हो जाएं सावधान, निवेश करने से पहले जान लें 5 जरूरी बातें

FD investment : आजकल एफडी में पैसा निवेश करने को सुरक्षित विकल्प माना जाता है, लेकिन इसमें निवेश करने से पहले कई बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है, नहीं तो आपको तगड़ा नुकसान हो सकता है। एफडी में निवेश (investment in FD) के बाद हर कोई शानदार रिटर्न चाहता है, लेकिन आपने इन खास 5 बातों का ध्यान नहीं रखा तो फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। आइये जानते हैं इसे लेकर खास टिप्स।

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FD में पैसा लगाने वाले हो जाएं सावधान, निवेश करने से पहले जान लें 5 जरूरी बातें

HR Breaking News - (FD rules)। आमतौर पर एफडी में निवेश फायदा सोचकर ही किया जाता है, इस फायदे की जगह अगर आपको नुकसान हो तो फिर पूंजी बेकार जाने जैसी बात है। जी हां, अगर आप एफडी (Fixed deposit) में निवेश से पहले इन बातों पर गौर नहीं करेंगे तो आपको फायदे की जगह नुकसान ही होगा। इसलिए इस बारे में पहले ही जान लेना आपके लिए आवश्यक है। एक-एक करके जानिये इन बिंदुओं को इस खबर में।

इन बातों का रखना होगा ध्यान -

1.ब्याज पर लगता है टैक्स : FD में निवेश के बाद ब्याज के रूप में जो रिटर्न मिलता है, उस पर टैक्स भी देना होता है। इस ब्याज की प्रोफिटेबल राशि को आप सीधे खाते में लेकर यूज नहीं कर सकते। इतना ही नहीं, इनकम टैक्स रिटर्न (income tax return) में भी इसका ब्योरा देना होता है। इसका कारण यह है कि इस ब्याज की राशि काे ग्राेथ इनकम का हिस्सा माना जाता है और टैक्स (tax rules) देना पड़ता है। 

2.टीडीएस कटने का भी है विकल्प - एफडी के ब्याज पर हुई आय से टीडीएस (TDS rules for FD) काटे जाने का भी प्रावधान है, लेकिन आपकी आय ढाई लाख रूप से कम है तो यह नहीं वसूला जाएगा। इसके लिए आपको संबंधित बैंक की शाखा में अपनी आया की जानकारी फॉर्म 15G और फॉर्म 15H को भरकर देनी होगी। इसके बाद आप टीडीएस (TDS kab lgta hai) से बच सकेंगे।

3. म्यूचुअल फंड की अपेक्षा कम ब्याज - एफडी से ज्यादा ब्याज दरें म्यूचुअल फंड में निवेश करने से मिल सकती हैं, लेकिन म्यूचुअल फंड (Mutual fund) में जोखिम अधिक रहते हैं। आमतौर पर एफडी में तो 10 प्रतिशत तक का ही ब्याज मिलता है लेकिन म्यूचुअल फंड में यह FD की अपेक्षा तिगुना तक मिल सकता है। इसलिए कई लोग एफडी के बजाय म्यूचुअल फंड में भी निवेश करते हैं। ऐसा करके एफडी से ज्यादा रिटर्न म्यूचुअल फंड में निवेश (investment in mutual funds) करके लिया जा सकता है।

4. ब्याज दरें नहीं कर पाती महंगाई की भरपाई : एफडी में मिलने वाले ब्याज से महंगाई से लड़ पाना मुश्किल होता है, क्योंकि जिस दर से आपको एफडी पर ब्याज (FD par kitna byaj milta hai) मिलता है, उस हिसाब से महंगाई ज्यादा ही बढ़ती है। इस कारण से यह निवेश कम फायदेमंद लगने लगता है। इसके अलावा कभी एफडी के पैसे को बीच में ही निकालना पड़ गया तो निवेश (best investment options) किए गए पैसों से ज्यादा नहीं मिलता। यह एक तरह का नुकसान ही है।

5. ब्याज दरें रहती हैं समान : जब एफडी करवाते हैं तो शुरू में ही ब्याज दरें निर्धारित कर दी जाती हैं। इसके बाद पूरी अवधि तक वे वैसी ही रहती हैं। ऐसे में कोई खास फायदा ग्राहकों को नहीं मिल पाता, क्योंकि दूसरे निवेश में कई बार ब्याज दरें (FD interest rates) बाद में भी बढ़ जाती हैं और ग्राहकों को अच्छा रिटर्न मिल जाता है।

आजकल फ्लैक्सीबल इंटरेस्ट रेट वाले निवेश ऑप्शन भी मार्केट में खूब ट्रेंड में हैं। एफडी पहले  छोटी अवधि की बचत के लिए ठीक थी, लेकिन अब अवधि अधिक है और इसके ब्याज (tax on FD interest) से होने वाली कमाई पर टैक्स लगता है। इसके विपरीत अगर पीपीएफ (PPF) में निवेश करेंगे तो इसके ब्याज से हुई कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता।