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Central Government : इन बड़ी कंपनियों में सरकार बेचने जा रही है अपनी हिस्सेदारी, सरकार ने पूरी करली त्यारी

इन बड़ी कंपनियों में सरकार अपनी हिस्से दारी बेचने जा रही जिससे सरकार कई लाखों करोड़ रूपए जुटाएगी।  सरकार ने इन कंपनियों से हिस्सेदारी बेचने की पूरी त्यारी कर ली है।  आइये जानते हैं कौनसी है ये कंपनियां 
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HR Breaking News, New Delhi : केंद्र सरकार (Central Government) देश की कई दिग्गज कंपनियों को बेचने का प्लान बना रही है. इसमें कोल इंडिया (CoIndia) समेत देश की कई दिग्गज कंपनियां शामिल हैं. सरकार ने फैसला लिया है कि वह अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है. इस लिस्ट में कोल इंडिया के अलावा हिंदुस्तान जिंक (hindustan zinc) और राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स (RCF) शामिल है. 

क्यों हो रही बेचने की प्लानिंग?
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, शेयर मार्केट में आई तेजी के बाद कंपनी ने इन कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने का सोचा है. इसके साथ ही इन कंपनियों के रेवेन्यू को बढ़ाने के लिए भी काम किया जा रहा है. हिंदुस्तान जिंक समेत कई कंपनियों में छोटी हिस्सेदारी बेचने का प्लान बनाया जा रहा है. 

जल्द जारी होगी OFS
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार मार्च 2023 तक देश की दिग्गज 3 कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी. इन कंपनियों का ऑफर फॉर सेल जल्द ही तैयार कर लिया जाएगा. 

20,000 करोड़ रुपये जुटाएगी सरकार
इन कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचकर सरकार 65,000 करोड़ रुपये जुटाने का प्लान बना रही है. सरकार ने बजट में विनिवेश के जरिए ये राशि जुटाने का ऐलान किया था, जिसमें से अबतक करीब 24,000 करोड़ रुपये जुटाए जा चुके हैं और बारी की राशि को कंपनी जल्द ही जुटा लेगी. हाल ही में जिन 3 या 4 कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने की बात चल रही है उसके जरिए करीब 20,000 करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं. 

कितने रुपये जुटाएगी सरकार?
कोल इंडिया कंपनी में सरकार ऑफर फॉर सेल के जरिए करीब 3 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी और करीब 5,000 करोड़ रुपये जुटाएगी. इसके अलावा हिंदुस्तान जिंक कंपनी में करीब 8 फीसदी हिस्सेदारी बेची जाएगी, जिसके जरिए करीब 10,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे. वहीं RITES में भी सरकार 10 फीसदी हिस्सेदारी को बेच कर करीब 1,000 करोड़ रुपये जुटाने का प्लान बना रही है. 

ये कंपनियां भी लिस्ट में हैं शामिल
इसके अलावा लिस्ट में इन कंपनियों के अलावा राष्ट्रीय केमिकल्स फर्टिलाइजर्स (RCF) और नेशनल फर्टिलाइजर्स (NFL) भी शामिल है, जिसमें सरकार अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है. इसमें भी करीब 10 से 20 फीसदी तक की हिस्सेदारी बेची जाएगी.