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Gadgets News AC खरीदने से पहले समझें Inverter vs Non Inverter AC के बीच का पूरा अंतर

Tech News Hindi inverter ac vs non inverter ac: गर्मियों का सीजन आ गया है और कई लोग नया AC खरीदने का रुख कर रहे हैं लेकिन अगर आपने भी अभी नया एसी नहीं खरीदा है तो हम आज आपको इनवर्टर और नॉन-इनवर्टर एसी के बीच का अंतर समझाने जा रहे हैं।
 
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Gadgets News AC खरीदने से पहले समझें Inverter vs Non Inverter AC के बीच का पूरा अंतर

HR Breaking News, नई दिल्ली, अब भारत में गर्मी बढ़ने का समय आ रहा है और इस दौरान ही लोग सबसे ज्यादा एसी की खरीदारी करते हैं। अगर आप एक नए एसी की तलाश में तो आप इन्वर्टर एसी की तरफ रुख कर सकते हैं। यहां हम आपको एसी में इनवर्टर टेक्नोलॉजी के बारे में बता रहे हैं।


AC में क्या है इन्वर्टर टेक्नोलॉजी ( What is inverter technology in AC)
एसी में इन्वर्टर टेक्नोलॉजी इलेक्ट्रिक वोल्टेज, करंट और फ्रीक्वेंसी के लिए कंट्रोलर के तौर पर काम करती है। यह इन्वर्टर एसी को कंप्रेसर में पावर की सप्लाई में हेरफेर करके कूलिंग या हीटिंग को कंट्रोल करने की अनुमति देता है। यह इन्वर्टर एसी को कूलिंग इफेक्ट पर सही कंट्रोल रखने की अनुमति देता है।

 

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नॉन-इन्वर्टर एसी क्या होते हैं (What are non-inverter ACs)
नॉन-इन्वर्टर एसी में सिर्फ टेंपरेचर को एडजेस्ट करने के लिए कंप्रेसर को ऑन या बंद करने का ऑप्शन होता है। वे साफतौर पर तय कूलिंग पावर के साथ आते हैं, जिसका अर्थ है कि आसपास के टेंपरेचर के आधार पर एसी कंप्रेसर को ऑन या बंद कर सकता है।

 

इन्वर्टर vs नॉन-इन्वर्टर टेक्नोलॉजी (Inverter vs Non-Inverter Technology)
इन एसी के बीच बड़ा अंतर यह है कि वे कूलिंग और हीटिंग को मैनेज करने के लिए एसी के कंप्रेसर को ऑपरेट करते हैं और हैंडल करते हैं। इन्वर्टर एसी के पास अपनी ऑपरेटिंग कैपेसिटी में हेरफेर करने का ऑप्शन होता है,

जबकि गैर-इन्वर्टर एसी सिर्फ एक तय कैपेसिटी पर ही काम कर सकते हैं। वे एसी की कूलिंग या हीटिंग कैपेसिटी को एडजेस्ट करने के लिए कंप्रेसर को मॉड्यूल नहीं कर सकते हैं।


Daikin के अनुसार, 1.5-टन का इन्वर्टर AC 0.3-टन और 1.5-टन के बीच काम कर सकता है, जबकि नॉन-इन्वर्टर AC हमेशा 1.5-टन पर काम करेगा।

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इन्वर्टर एसी टेंपरेचर में उतार-चढ़ाव से बचा सकते हैं ( Inverter can protect against fluctuations in AC temperature)
सामान्य एसी के मुकाबले में इन्वर्टर एसी के असली फायदों में से एक यह है कि वे टेंपरेचर को स्टेबल रख सकते हैं। वहीं नॉन-इन्वर्टर एसी के साथ टेंपरेचर अलग-अलग हो सकता है। जैसे कि अगर आपने एसी को 24-डिग्री पर सेट किया है तो एक इन्वर्टर एसी पूरे ऑपरेशन के दौरान टेंपरेचर बनाए रखेगा, जबकि नॉन-इन्वर्टर एसी टेंपरेचर को 1 या 2 डिग्री बढ़ा या घटा सकता है।

इन्वर्टर एसी टेंपरेचर के लिए कम हानिकारक होते हैं (Inverters are less harmful to AC temperature)
मॉडर्न इन्वर्टर एसी R32 रेफ्रिजरेंट का इस्तेमाल करते हैं जो न सिर्फ बेहतर कूलिंग कैपेसिटी प्रदान करते हैं, बल्कि कम हानिकारक एमिशन भी छोड़ते हैं।

इन्वर्टर एसी महंगे हैं, लेकिन ज्यादा एनर्जी एफिशिएंट (Inverter ACs are expensive but more energy efficient)
इन्वर्टर एसी आमतौर पर नॉन-इन्वर्टर एसी से महंगे होते हैं। हालांकि, लंबे समय में उनकी ऑपरेटिंग कॉस्ट कम है, क्योंकि वे जरूरत के हिसाब से हाई और लो दोनों कैपेसिटी पर काम कर सकते हैं। एक नॉन-इन्वर्टर एसी सिर्फ कंप्रेसर को बंद कर सकता है और जरूरत पड़ने पर फिर से चालू कर सकता है। लेकिन कंप्रेसर को फिर से ऑन करने के लिए खपत की गई बिजली इसे बंद करने से बचाई गई बिजली से भी अधिक हो सकती है।

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इन्वर्टर एसी भी लंबे समय तक चलने वाले होते हैं (Inverter ACs are also long lasting)
एसी कम से कम कुछ सालों तक चलते हैं। हालांकि सिर्फ ऑपरेटिंग विधि के चलते, इन्वर्टर एसी में कंप्रेसर अधिक टिकाऊ होते हैं और नॉन-इन्वर्टर एसी के मुकाबले में लंबे समय तक चलते हैं।

इन्वर्टर एसी नॉन-इन्वर्टर एसी से कम शो करते हैं (Inverter ACs show less performance than non-inverter ACs)
इन्वर्टर एसी में नॉन-इन्वर्टर एसी के मुकाबले कम ऑपरेटिंग साउंड होता है। हाईटेक इन्वर्टर एसी में एक ऑप्शन के तौर पर स्लीप मोड या क्वाइट मोड भी होता है।

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इन्वर्टर एसी में मेंटेनेंस कम होता है (Inverter AC has less maintenance)
इन्वर्टर एसी सामान्य एसी के मुकाबले में कई फायदे दे सकते हैं। लेकिन इन्वर्टर एसी के साथ मेंटेनेंस कॉस्ट ज्यादा हो सकती है।