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Income Tax: मकान मरम्मत करने पर मिलेगी इनकम टैक्स छूट, कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

 income tax exemption/ITAT-NRI Taxpayer:  हाल ही में अदालत ने एनआरआई टैक्सपेयर(NRI Taxpayer) को मकान की मरम्मत पर हुए खर्च को कर छूट में दावा पेश करने का अधिकार दिया है। जानें पूरा मामला..  
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मकान मरम्मत करने पर मिलेगी इनकम टैक्स छूट

HR Breaking News, New Delhi:  हाल ही में इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (ITAT) ने कैपिटल गेन टैक्स(Capital Gain Tax) के मामले पर फैसला सुनाया है। इस फैसले में ट्रिब्यूनल ने एक एनआरआई टैक्सपेयर(NRI Taxpayer) को मकान की मरम्मत पर हुए खर्च पैसों को कर छूट में दावा पेश करने का अधिकार दिया है। अदालत ने आदेश में कहा कि मकान की सुविधाओं को अपग्रेड कराने जैसे टाइल लगावाने या पेंट कराने संबंधित अन्य कामों के लिए किए गए खर्च पर टैक्स छूट का दावा हो सकता है। 

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 ट्रिब्यूनल ने कहा की अगर व्यक्ति ने यह राशि कैश में खर्च की है तब भी इस पर छूट का दावा किया जा सकता है। यह मामला फ्लैट्स की बिक्री पर हुए कैपिटल गेन(Capital Gain Tax)  पर लगने वाले टैक्स का मामला था। जानकारों का मानना है कि इस मामले में पेमेंट में अनअकाउंटेड पैसे का इस्तेमाल नहीं किया गया था और टैक्सपेयर(Taxpayer)  किसी तरह का बिजनेस नहीं कर रहा था। इसलिए कोर्ट ने ऐसा आदेश दिए।

कैपिटल गेन पर लगता है टैक्स 


टैक्स नियमों के अनुसार कैपिटल गेन का कैलकुलेशन बिक्री की राशि माइनस कॉस्ट ऑफ एक्विजिशन और कॉस्ट ऑफ इम्प्रूवमेंट(Minus Cost of Acquisition and Cost of Improvement) के आधार पर की जाती है। इन दोनों का कैलकुलेशन कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स(Calculation Cost Inflation Index) के आधार पर की जाती है। इन दोनों कंपोनेंट्स का दाम जितना अधिक होगा, टैक्सेबल कैपिटल गेन उतना ही कम होगा और इस कैलकुलेशन के आधार पर टैक्स लगेगा। कॉस्ट ऑफ एक्विजिशन में मकान की कीमत, रजिस्ट्रेशन फीस और ब्रोकर की फीस शामिल की जाती है। कॉस्ट ऑफ इम्प्रूवमेंट में कैपिटल एक्सपेंडीचर शामिल किया जाता है जिससे प्रॉपर्टी की वैल्यू बढ़ जाती है।

यह है मामला  
 
 एनआरआई कोमल गुरुमुख संगतानी(NRI Komal Gurmukh Sangtani) और उनके पति ने आईटीएटी(ITAT) में अपील की थी। यह मामला वित्त वर्ष 2009-10 का है। संगतानी ने बताया कि फ्लैट को रहने लायक बनाने के लिए उन्हें उसे अपग्रेड कराना पड़ा। अमूमन इस तरह के मामलों में पेमेंट कैश में ही किया जाता है। संगतानी ने घर लोन पर 5.5 लाख रुपये के ब्याज को कॉस्ट ऑफ एक्विजिशन में शामिल करने का दावा पेश किया था। आईटीएटी ने अपने आदेश में कहा कि हो सकता है टैक्सपेयर ने इस ब्याज का दावा हाउस प्रॉपर्टी से हुई इनकम के तहत किया हो। ट्रिब्यूनल ने इस मसले को आईटी अधिकारी के पास दोबारा वेरिफिकेशन के लिए भेज दिया है।

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मकान बेचने पर कर(Tax) 

 आपको किसी भी संपत्ति को बेचने के कारण पूंजीगत लाभ(capital gains) पर एक पूंजीगत लाभ कर का भुगतान करना होगा। घर की बिक्री को लाभ पहुंचाने के लिए करों की गणना दो तरीकों से की जाती है। यदि आपने इसे दो साल तक संग्रहीत करने के बाद एक घर बेच दिया है, तो इसे एक लंबी पूंजी लाभ (लंबी -लंबी पूंजी लाभ) माना जाएगा। लंबे समय तक पूंजीगत लाभ 20 %तक पूंजीगत लाभ कर एकत्र करता है। लेकिन अगर आपने 24 महीने से पहले एक घर बेच दिया है, तो इस अल्पावधि को एक पूंजीगत लाभ(capital gains) (short term capital gain) माना जाएगा। यदि आपने संपत्ति खरीदने के बाद आईटी में सुधार या विस्तार किया है, तो खर्च का सूचकांक शुल्क(index fee) लेकर आयकर जारी किया जा सकता है। इससे कैपिटल गेन टैक्स बोझ कम हो जाएगा।