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Notice Period Rule: इस्तीफा देने से पहलें कर्मचारी जान लें नोटिस पीरियड से जुड़ी ये जानकारी, वरना होगी परेशानी

Notice Period Rule: हर कर्मचारी को इस्तीफा देने से पहले नोटिस पीरियड देना जरूरी होता है ऐसा इसलिए ताकि कंपनी की ओर से इस्तीफा देकर जाने वाले कर्मचारी की जगह दूसरा रिप्लेसमेंट ढूंढा जा सके और जाने वाले कर्मचारी के काम का जिम्मा किसी अन्य को सौंपा जा सकें। आइए जानते है नोटिस पीरियड से जुड़ी ये अहम जानकारी
 
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Notice Period Rule: इस्तीफा देने से पहलें कर्मचारी जान लें नोटिस पीरियड से जुड़ी ये जानकारी, वरना होगी परेशानी

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, अगर आप अपनी जॉब बदलना चाहते हैं, तो आपको मौजूदा कंपनी में नोटिस पीरियड (Notice Period) सर्व करना होता है. ये व्यवस्था लगभग सभी कंपनियों में है. लेकिन क्या नोटिस पीरियड देना वाकई जरूरी होता है? रेजिग्नेशन (Resignation) देने के बाद भी क्या कंपनी आपको इस वजह से रोक सकती है? अगर आपको नई जॉब पर जल्दी ज्वॉइन करना है तो क्या आप कम समय का नोटिस पीरियड सर्व कर सकते हैं? इन सब मामलों में आपके पास क्या विकल्प हो सकते हैं. आइए जानते हैं इससे जुड़े सही नियम

 


नोटिस पीरियड तय होता है आपके कॉन्ट्रैक्ट से
जब भी आप कोई कंपनी ज्वॉइन करते हैं तो आपसे कई तरह के दस्तावेज साइन कराए जाते हैं. इनमें कंपनी के साथ काम करने की शर्तों का दस्तावेज (Work Condition Contract) भी शामिल होता है. यही दस्तावेज आपके नोटिस पीरियड की पूरी जानकारी देता है. इसमें लिखा होता है कि इस्तीफा देने के बाद आपको कितने वक्त का नोटिस पीरियड देना होगा, अगर आप छोटा नोटिस पीरियड सर्व करना चाहते हैं तो उसकी नियम-शर्तें क्या होंगी और अगर आप नोटिस पीरियड नहीं सर्व करना चाहते हैं तो उसकी प्रक्रिया क्या होगी?

 

 कितना होता है नोटिस पीरियड?
नोटिस पीरियड का कोई यूनिफॉर्म नियम नहीं है. हर कंपनी अपने कॉन्ट्रैक्ट पॉलिसी में इसका उल्लेख करती है. आमतौर पर अस्थायी कर्मचारियों (Employee on Probation) के लिए नोटिस पीरियड की अवधि 15 दिन से 1 महीने तक की होती है, जबकि स्थायी (Payroll Employees) के लिए ये अवधि किसी कंपनी में 2 महीने तो किसी में 3 महीने तक होती है. 


क्यों होता है नोटिस पीरियड का प्रावधान
दरअसल नोटिस पीरियड का प्रावधान कंपनियां इसलिए रखती हैं, ताकि आपके नौकरी छोड़कर जाने पर उस अवधि में वो आपका रिप्लेसमेंट ढूंढ सके या किसी और को आपके कामकाज का जिम्मा सौंप सके. आपके इस्तीफा देते ही कंपनी नए कैंडिडेट की तलाश में लग जाती है. 


जरूरी होता है नोटिस पीरियड सर्व करना?
अगर आपने नौकरी ज्वॉइन करते वक्त कंपनी के नोटिस पीरियड वाले कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किए हैं. इसका मतलब ये है कि आप कंपनी की उस पॉलिसी को लेकर सहमत है. ऐसे में आपके लिए नोटिस पीरियड सर्व करना जरूरी होता है. लेकिन क्या कंपनी आपको इसके लिए बाध्य कर सकती है, नोटिस नोटिस सर्व नहीं करने की स्थिति में आपके पास क्या विकल्प हैं? 


बाध्य नहीं कर सकती कंपनी
 हालांकि नोटिस पीरियड सर्व करने के लिए कंपनी आपको बाध्य नहीं कर सकती है. आपके कॉन्ट्रैक्ट में इसके नहीं सर्व करने की शर्तें भी आमतौर पर दी जाती हैं. इनमें नोटिस पीरियड के बदले आपकी छुट्टियों (Earned & Sick Leaves) को काउंट करने या नोटिस पीरियड की अवधि के बदले पेमेंट करने के विकल्प शामिल होते हैं. ये पेमेंट आपकी बेसिक सैलरी के आधार पर करना होता है, वहीं आप अपनी नई कंपनी से Buy Out के ऑप्शन को लेकर भी चर्चा कर सकते हैं. हालांकि इसके लिए आपको अपनी कंपनी के एचआर से इस बारे में विस्तार में बात करके पूरी पॉलिसी को समझना चाहिए. आपकी सैलरी का बचा हुआ पेमेंट या आपके नोटिस पीरियड के एवज में किए गए पेमेंट का सेटलमेंट कंपनी आपके फुल एंड फाइनल पेमेंट (FnF Payment) से करती है.  

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