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Bank Cheque Rules : चेक से लेनदेन करने वाले हो जाएं सावधान, अब चेक बाउंस होने पर होगी ये सजा

Cheque Bounce Rules : अगर आप चेक से ही ज्यादातर लेनदेन करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद खास है। चेक से लेनदेन करना जितना आसान व सुविधाजनक है, उतना ही चेक बाउंस (Cheque Bounce kab hota h)  होने पर चेक देनदार के लिए दुविधा भी खड़ी हो जाती है। चेक बाउंस होने पर आपको सजा भी हो सकती है। चेक बाउंस (Cheque Bounce new rules) को लेकर बहुत से नियम भी अब बदल चुके हैं। ऐसे में आपको इन नियमों के बारे में जानते हुए यह भी पता होना जरूरी है कि चेक बाउंस के मामले में अब क्या सजा होगी। इस बारे में खबर में जानिये पूरी डिटेल...

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Bank Cheque Rules : चेक से लेनदेन करने वाले हो जाएं सावधान, अब चेक बाउंस होने पर होगी ये सजा

HR Breaking News - (Cheque Bounce case)। आज के डिजिटल जमाने में पैसों के भुगतान के कई विकल्प मौजूद हैं। चेक से भुगतान करना भी उनमें से एक है। आजकल अनेक लोग चेक (Cheque using tips) से भुगतान करते हैं लेकिन चेक उपयोग करने के सही तरीकों व नियमों से अनजान हैं। अगर किसी चूक की वजह से चेक बाउंस (Cheque Bounce par sja) हो जाता है तो सजा तक का प्रावधान है। चेक से लेनदेन करने वालों को अलर्ट होना जरूरी है। आइये जानते हैं अब चेक बाउंस (Cheque Bounce alert) होने पर क्या सजा मिलेगी।

चेक बाउंस होने पर जुर्माने साथ इतनी है सजा-


अब सचेक बाउंस को लेकर नियम (Cheque Bounce New Rules) भी बदल गए हैं। लगातार तीन बार चेक बाउंस होता है तो चेक जारीकर्ता का खाता ही अस्थायी रूप से फ्रीज हो सकता है।  इस साल में नए वित्तीय (FY) वर्ष से ये नियम लागू हो चुके हैं। कोई जान बूझकर चेक बाउंस करता है, तो दो साल तक की जेल (Cheque Bounce punishment)  और चेक राशि के दोगुने तक जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।

अब बदल गया यह नियम -


चेक बाउंस (Cheque Bounce ke niyam) होने पर पहले पीड़ित यानी चेक लेनदार को शिकायत दर्ज कराने के लिए एक महीने का ही समय मिलता था, अब इसे बढ़ाकर तीन महीने कर दिया गया है। चेक बाउंस (Cheque Bounce complaint)  की शिकायत ऑनलाइन दर्ज करने की सुविधा भी अब मिलती है और डिजिटल सबूतों को भी कोर्ट में मान्यता मिलेगी। कोर्ट में चल रहे चेक बाउंस के मामलों की सुनवाई की प्रक्रिया को तेज करने के लिए मद्रास हाईकोर्ट (madrash high court) ने इस बारे में कुछ समय पहले ही दिशा-निर्देश भी जारी किए थे।

24 घंटे में बैंक देंगे ये सूचना -


नए नियमों के अनुसार अब हर बैंक (bank rules on Cheque Bounce) के चेक बाउंस पर समान प्रक्रिया लागू होगी। बैंक को 24 घंटे में चेक देनदार और लेनदार दोनों को SMS और ईमेल से चेक बाउंस (Cheque Bounce) होने का कारण बताते हुए सूचित करना होगा। 

चेक बाउंस होने से बचने के लिए यह रखें ध्यान -


अगर आपके खाते में उतना बैलेंस (bank account balance) नहीं है, जितना आपको चेक से भुगतान करना है तो चेक न काटें। इसके अलावा चेक पर तारीख और नाम सही से भरें। नीली या काली स्याही का ही उपयोग चेक भरने में होना चाहिए। कभी भी फटे हुए चेक का प्रयोग (Cheque using tips) नहीं करना चाहिए।

अधिक सावधानी बरतते हुए चेक पर कोने में ‘Account Payee’ जरूर लिखें। अपने खाते की बैंक स्टेटमेंट चेक करते रहें व इसमें उपलब्ध बैलेंस से अपडेट रहें। चेक राशि या खाते में पैसों की उपलब्धता को लेकर कोई बात चेक लेनदार को बतानी हो तो जरूर साझा करें।

इस धारा के तहत होती है सजा-


भारतीय कानून (indian law on Cheque Bounce) में चेक बाउंस होना दंडनीय अपराध माना जाता है। नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 में भी यही बात कही गई है। अगर चेक बाउंस (Cheque Bounce punishment rules) हो जाता है तो दोषी को दो साल तक की जेल और चेक राशि के दोगुने रुपये का जुर्माना लग सकता है। इसके अलावा कोर्ट फीस और वकील का खर्च भी चेक देनदार को देना पड़ सकता है। इसके अलावा बैंक पेनाल्टी (penalty on Cheque Bounce) अलग से देनी पड़ सकती है।

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