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Bank News : रेपो रेट में कटौती के बाद इस बैंक ने सस्ता कर दिया लोन

Indian Overseas Bank Lending Rate : इमरजेंसी में पैसो की जरूरत पड़ने पर व्यक्ति लोन का ही सहारा लेता है। अगर आप हाल फिलहाल में किसी भी प्रकार के लोन को लेने के बारे में सोच रहे हैं तो अभी आपके पास लोन लेने का सुनहरा मौका है। इस समय में एक सरकारी बैंक ग्राहको को कम ब्याज दरों पर लोन दे रहा है, जिससे आप पर ईएमआई का बोझ भी नहीं पड़ेगा। आइए खबर के माध्यम से जानते हैं कि कौन सा बैंक आपको सस्ता लोन ऑफर कर रहा है।
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Bank News : रेपो रेट में कटौती के बाद इस बैंक ने सस्ता कर दिया लोन

HR Breaking News - (Bank News)।  रेपो  रेट में कटौती के बाद कई बैंको की ओर से लोन की ब्याज दरो में कटौती की गई थी। आरबीआई ने दूसरी बार रेपो रेट में कटौती की है, जिसके बाद से लोगो के लिए किसी भी प्रकार का लोन लेना आसान हो जाएगा।

RBI ने 9 अप्रैल को रेपो रेट (Repo Rate) को 6.25 प्रतिशत से घटाकर 6.00 प्रतिशत कर दिया है, जिसके बाद से बैंकों ने ग्राहको को सस्ता लोन देना शुरू कर दिया है। अब हाल ही में एक बैंक की ओर से  ग्राहको की लोन की ब्याज दरों (Indian Overseas Bank RLLR update) में कटौती की है। आइए खबर में जानते हैं इस बैंक के बारे में।

ब्याज दरों में कटौती -


अब हाल ही में इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) की ओर से ब्याज दरों में कटौती की गई है। Indian Overseas Bank का कहना है कि बैंक की एसेट लायबिलिटी मैनेजमेंट कमेटी (ALCO) की 11 अप्रैल 2025 को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया  इस बैंक की ओर से ग्राहकों को ब्याज दर में कटौती का लाभ दिया जाएगा।

इसके साथ ही  बैंक ने अपने रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) को 25 बेसिस पॉइंट को घटा दिया है। पहले यह 9.10 प्रतिश थे, जो अब घटकर 8.85  प्रतिशत हो गया है। दरअसल, आपको बता दें कि यह नई दरें (Indian Overseas Bank RLLR April 2025)12 अप्रैल 2025 से लागू हो चुकी है।


रेपो रेट में कटौती का किसे होगा फायदा-


बैंक का कहना है कि रेपो रेट से जुड़े ग्राहको को इसका सीधा फायदा होगा।अब इस फैसले से उनकी मासिक EMI (loan EMI) में कमी आएगी, जिससे ग्राहको के लिए होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन लेना पहले से सस्ता हो जाएगा। एक ही वर्ष में रेपो रेट में कटौती (cut the repo rate) से ग्राहको को सीधा लाभ होगा।

RBI ने कब- कब घटाई ब्याज दरें-


रेपो रेट बढ़ने से लोन की ब्याज दरें (Loan interest rates) बढ़ती है और कम होने से कम होती है। रेपो रेट में कमी का असर सभी प्रकार के लोन की ब्याज दरों पर होता है। बैंक के इस निर्णय से आम आदमी को राहत मिलेगी। इसके साथ ही आपको बता दें कि केंद्रीय बैंक (Central bank) ने मौद्रिक नीति के रुख को 'न्यूट्रल' से बदलकर 'अकोमोडेटिव' कर दिया है। अकोमोडेटिव (Accommodative kya hai) का अर्थ है कि केंद्रीय बैंक के इन फ्यूचर मौद्रिक नीति का नरम रुख जारी रखने की संभावना है।

जानिए GDP का संभावित अनुमान-


बात करें जीडीपी की तो RBI ने फाइनेंशियल ईयर (Financial Year) 26 के लिए GDP विकास दर (GDP growth rate) अनुमान को 20 आधार अंक कम कर दिया है। इस दर को कम कर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया है। GDP विकास दर वित्त वर्ष 26 (FY26) की पहली तिमाही में 6.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 6.3 प्रतिशत रह सकती है।