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Home Loan लेने से पहले जान लें, 30 लाख के लोन पर कितनी बनेगी EMI और चुकाने में कितना लगेगा समय

Home Loan EMI : होम लोन एक बड़ा और लंबी अवधि का कर्ज होता है। आमतौर पर लोग खुद का घर खरीदते समय कम बजट के चलते लोन लेने का फैसला करते हैं। होम लोन लेने से पहले हर कोई यही सोचता है कि हर महीने छोटी छोटी किस्तों में आसानी से लोन पूरा हो जाएगा और कुछ ही सालों में घर भी उनका हो जाएगा। लेकिन कई बार आर्थिक संकट आने पर बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है। अगर आप होम लोन की योजना बना रहे हैं तो पहले यह जरूर जान लें कि 30 लाख का लोन लेने पर महीने की कितनी किस्त बनेगी और उसे चुकाने में कितना समय लगेगा। चलिए जानते हैं - 
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Home Loan लेने से पहले जान लें, 30 लाख के लोन पर कितनी बनेगी EMI और चुकाने मं कितना लगेगा समय 

HR Breaking News - (Home Loan Interest Rates) आज के समय में घर का सपना देखना आसान है, लेकिन उसे हकीकत में बदलना आसान नहीं होता है। होम लोन लेना एक जरूरी कदम है लेकिन बिना जानकारी के लिया गया लोन आपके जीवन पर बोझ बन सकता है। कई बार डाउन पेमेंट में सारी बचत लगा देने से लोन की अवधि बढ़ जाती है और EMI का बोझ कई सालों (home loan tenure) तक बना रहता है। 


होम लोन लेने से पहले बारीकी से शर्तों को समझना और अपनी क्षमता के अनुसार लोन लेना ज़रूरी है। बहुत से लोग घर खरीदने के लिए होम लोन लेते हैं, लेकिन लोन लेते समय कुछ गलतियाँ हो जाती हैं। जैसे लोग अपनी सारी बचत डाउन पेमेंट में लगा देते हैं, जिसकी वजह से लोन की अवधि बढ़ जाती है। 20 साल में चुकाया जा सकने वाला लोन 25-30 साल तक चल जाता है। आइए जानते हैं इसके बारे में पूरी जानकारी -

इन बातों का जरूर रखें ध्यान -


घर का लोन लेने के बाद कई लोग सोचते हैं कि बस हर महीने EMI भरनी है और बाकी सारी जिम्मेदारी बैंक की रह जाती है। लेकिन, होम लोन के साथ (personal finance) कईं बातों को नज़रअंदाज़ करना एक बड़ी गलती हो सकती है। होम लोन पर ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव एक महत्वपूर्ण पहलू है जिसे समझना ज़रूरी है। बहुत से लोग नहीं जानते कि जब ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो EMI की राशि भी बढ़ जाती है। अगर आपने लोन की अवधि कम रखी है, तो बढ़ी हुई EMI का भार आप पर ज़्यादा पड़ेगा। हालांकि यह आपके लोन की अवधि को भी प्रभावित कर सकता है।

यहां समझिए पूरी कैलकुलेशन -


मान लीजिए कि आपने 20 साल के लिए 30 लाख रुपये का लोन 8 प्रतिशत की दर पर लिया है। इस स्थिति में आपकी ईएमआई लगभग 25,093 रुपये होगी। यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि अधिकतर बैंक होम लोन फ्लोटिंग रेट पर देते हैं। इसका मतलब है कि आपकी लोन की दर रेपो रेट के हिसाब से बदलती रहेगी। 


अगर 5 साल बाद आपके होम लोन की दर 11 प्रतिशत हो जाती है तो आपकी ईएमआई बढ़ जाएगी। यह इसलिए है क्योंकि शुरुआती सालों में ईएमआई का बड़ा हिस्सा ब्याज चुकाने में जाता है जबकि मूलधन (प्रिंसिपल) की देन कम होती है। इस समय आपका लोन का बकाया 26 लाख रुपये के आसपास होगा।

इसका मतलब है कि 11 प्रतिशत की ब्याज दर पर आपको अधिक ब्याज चुकाना होगा, जिससे आपकी ईएमआई बढ़ जाएगी। इस स्थिति में आपको अपने बजट को फिर से देखना होगा और अपनी वित्तीय स्थिति का आंकलन करना होगा ताकि आप बढ़ी हुई ईएमआई को आसानी से संभाल सकें।

इस तरह बढ़ जाती हैं होम लोन की समय अवधि -

अक्सर बैंक लोन पर लंबे समय तक ब्याज लेने के लिए 5 साल बाद ब्याज दरों में बढ़ोतरी होने पर बैंक लोन की अवधि बढ़ा देते हैं, इससे ग्राहकों पर EMI का बोझ कम हो जाता है। लेकिन इसका मतलब यह है कि आपका लोन पहले से कहीं ज्यादा लंबे समय तक चलेगा। उदाहरण के लिए, अगर आपकी EMI 25,093 रुपये के आसपास ही रखी जाती है, तो आपके लोन की अवधि 15 साल की बजाय 28 साल हो जाएगी।  


अगर आपकी EMI 15 साल के हिसाब से देखी जाए तो वह बढ़कर 29,500 रुपये के आसपास हो जाएगी। इस तरह, आपका 20 साल का लोन करीब 33 साल में चुकाना पड़ेगा। इससे आपकी कुल ब्याज की राशि भी काफी बढ़ जाएगी। इसलिए, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप अपने लोन की शर्तों को ध्यान से पढ़ें और समझें ताकि आप इस तरह की स्थिति से बच सकें।

ऐसे हालात से कैसे बचाएं खुद को ?


होम लोन की अवधि बढ़ने से बचने के लिए, ब्याज दरें बढ़ने पर बैंक से संपर्क करके अपने लोन को रीस्ट्रक्चर करवाना एक बेहतर ऑप्शन होता है।

इसका मतलब है कि बैंक से अनुरोध करना कि लोन की अवधि न बढ़ाएं, बल्कि ईएमआई को नई ब्याज दर के अनुसार बढ़ा दें। ज्यादातर ग्राहक यह गलती करते हैं और बैंक से लोन को रीस्ट्रक्चर नहीं कराते हैं, जिसके परिणामस्वरूप उनकी लोन की अवधि बढ़ जाती है और उन्हें अधिक ब्याज का भुगतान करना पड़ता है।