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NCR के इस इलाके में बड़ी-बड़ी कंपनियां खरीदना चाह रही जमीन, सातवें आसमान में पहुंचने वाले हैं प्रोपर्टी के रेट

NCR - दिल्ली एनसीआर में लगातार प्रोपर्टी के रेट बढ़ते जा रहे है। हालिया रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली और एनसीआर में पिछले 3 सालों में प्रोपर्टी के दामों में 30 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ौतरी हुई है। रियल स्टेट विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले साल 2024 में दिल्ली की बजाए एनसीआर में ज्यादा तेजी से प्रोपर्टी की रेट बढ़ने वाले हैं। एनीसआर के कुछ इलाकों में बड़ी बड़ी कंपनियों जमीन खरीदने में दिलचस्पी दिखा रही हैं। 
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HR Breaking News, Digital Desk-  एनसीआर के गौतमबुद्धनगर शहर में आईटी सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है। इसका कारण है -ग्रेनो एक्सप्रेसवे के किनारे के सेक्टर। कारण पहले से एक्सप्रेस-वे किनारे आ चुकी कई बड़ी कंपनियों के साथ मौजूदा में मेट्रो और आने वाले दिनों में नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी है।

 

 

Noida अथॉरिटी के पास कई बड़े IT सेक्टर के ग्रुप आए हैं जो एक्सप्रेसवे किनारे ही जमीन चाह रहे हैं। कई बड़े आवंटन यहां पर अथॉरिटी कर भी चुकी है। इस तरह शहर का सिलिकॉन वैली एक्सप्रेस-वे का किनारा बन रहा है। अथॉरिटी अधिकारियों ने बताया कि सेक्टर-153 को आईटी के लिए रिजर्व किया गया है।

इसमें आईटी और आईटी इंस्टिट्यूट के उपयोग के प्लॉट हैं। इस सेक्टर में मौजूदा समय में कई बड़े ग्रुप आ चुके हैं। डेटा सेंटर से लेकर सॉफ्टवेयर पार्क भी शामिल हैं। बात अगर कंपनियों की करें तो टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज भी 75 एकड़ में अपना प्रोजेक्ट बना रहा है। इसी कड़ी में ऐस ग्रुप भी में ऐस 153 तैयार कर रहा है।

इस आईटी प्लॉट में 10 हजार से ज्यादा लोग काम करेंगे। सॉफ्टवेयर की अग्रिणी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट सेक्टर-145 में सॉफ्टवेयर पार्क और डेटा सेंटर बनाने जा रही है। अग्रवाल असोसिएट्स ग्रुप को सेक्टर-140 ए में 55 हजार वर्ग मीटर जमीन पर आईटी पार्क बनाने जा रहा है, जमीन आवंटित हो चुकी है। एडवर्ब ने अभी हाल ही में एक्सप्रेस-वे किनारे सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट सेंटर शुरू किया है। सैमसंग और एचसीएल पहले से एक्सप्रेस-वे किनारे हैं।



वॉक टू वर्क की संभावनाएं देख रहा आईटी सेक्टर-
अथॉरिटी की टीम ने पिछले दिनों गुजरात का दौरा न्यू नोएडा के लिए किया था। मौजूदा समय में इंडस्ट्री के अलग-अलग सेक्टर की जरूरतें व पसंद क्या है इसका अनुमान अधिकारियों ने लगाया हुआ है। इसमें भविष्य के लिहाज से आईटी सेक्टर वॉक टू वर्क की संभावनाएं भी वर्क फ्रॉम होम के साथ देख रहा है। एक्सप्रेस-वे किनारे बहुत सी ग्रुप हाउसिंग हैं और नए प्रॉजेक्ट भी आ रहे हैं।



ऐस ग्रुप के सीएमडी अजय चौधरी ने कहा कि इसमें कोई दोराय नहीं है कि आने वाले सालों में नोएडा एक्सप्रेस वे एरिया सिलिकॉन वैली की तर्ज पर बन जायेगा। तमाम मल्टी नेशनल आईटी कंपनिया नोएडा में निवेश कर रही हैं। वर्ल्ड क्लास इंफ्रा भी अहम वजह है।


नोएडा में आईटी सेक्टर के लिए यह भी अच्छे संकेत-

-शहर में हरियाली वृद्धि के साथ साफ-सफाई तेजी से सुधरी है। 10 लाख से कम आबादी में नोएडा देश में साफ-सफाई में चौथे नंबर का शहर है।
-डेटा सेंटर तेजी से बन रहे हैं। जिले में पिछले एक साल में 10 से ज्यादा डेटा सेंटर आने का करार हो चुका है।
-जेवर में इंटरनैशनल एयरपोर्ट भी जल्द चालू होगा। पूरे शहर में मेट्रो कनेक्टिविटी है। राष्ट्रीय राजधानी व एयरपोर्ट भी ज्यादा दूरी पर नहीं है।
-आईटी सेक्टर के लिए कामगार भी एक जरूरत है जो नोएडा में कंपनियों को मिल जा रहा है।वॉक टू वर्क की संभावनाएं भी नोएडा में हैं।



क्या कहते हैं अधिकारी-
नोएडा अथॉरिटी की ओएसडी वंदना त्रिपाठी ने बताया कि आईटी सेक्टर का विकास नोएडा में तेजी से हो रहा है। बहुत सी विदेशी कंपनियां आईटी और डेटा सेंटर प्रॉजेक्ट के लिए आ रही हैं। एक्सप्रेस-वे किनारे के प्लॉट डेटा सेंटर, आईटी पार्क के लिए ज्यादा डिमांड में हैं।