खराब CIBIL Score वालों को मिली बड़ी राहत, कोर्ट ने कहा- इस लोन के लिए मना नहीं कर सकते बैंक
CIBIL Score : अच्छे सिबिल स्कोर से जहां फटाफट लोन मिल जाता है, वहीं खराब सिबिल स्कोर (CIBIL Score for loan) होने पर लोन से वंचित ही रहना पड़ता है। अब खराब सिबिल स्कोर वालों को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने कहा है कि सिबिल स्कोर (cibil score news) खराब होने पर भी बैंक इस लोन को देने से मना नहीं कर सकते। आइये जानते हैं कोर्ट के इस फैसले को-

HR Breaking News - (bank loan news)। सिबिल स्कोर की अहमियत लोन लेते समय समझ आती है। सिबिल स्कोर (how to improve cibil score) का खराब होना ग्राहक के लिए कई तरह से नुकसानदायक होता है। अब उन लोगों को विशेष राहत मिली है जिनका सिबिल स्कोर (cibil score update) खराब है।
कोर्ट ने ऐसे लोगों के हित में बड़ा फैसला सुनाया है। बैंक खराब सिबिल स्कोर वालों को यह लोन देने से मना भी नहीं कर सकेंगे। यानी सिबिल स्कोर खराब होने की वजह से लोन (bank loan rules) रिजेक्ट नहीं होगा।
केरल हाईकोर्ट ने सुनाया यह फैसला-
केरल हाईकोर्ट का एजुकेशन लोन (education loan process) के मामले में बड़ा फैसला आया है। अब कोई हायर एजुकेशन लेना चाहता है तो छात्रों को एजुकेशन लोन (Kerala HC Order on Education Loan ) के लिए बैंक मना नहीं कर सकेंगे।
केरल हाई कोर्ट ने कहा है कि कम सिबिल स्कोर के आधार पर एजुकेशन लोन (HC decision on Education Loan) के लिए किसी छात्र की ओर से किए गए आवेदन को बैंक की ओर से रिजेक्ट नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने यह लोन देने में मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की बात भी कही है।
यह टिप्पणी भी की है कोर्ट ने-
केरल हाईकोर्ट (kerla high court) के जज ने टिप्पणी करते हुए कहा कि छात्र कल का भविष्य और राष्ट्र निर्माता हैं। इसलिए किसी स्टूडेंट का एजुकेशन लोन केवल सिबिल स्कोर (cibil score news) खराब होने के नाम पर रिजेक्ट नहीं किया जा सकता। इस मामले में कोर्ट ने संबंधित लोन प्रदाता संस्थान को 4 लाख रुपये जारी करने का आदेश दिया है।
छात्र ने लिए थे दो लोन-
केरल हाईकोर्ट (keral HC decision) ने जिस मामले में यह निर्णय सुनाया है, उसके अनुसार एक छात्र ने पहले ही दो एजुकेशन लोन ले रखे थे। इनमें से एक लोन ओवरड्यू था और दूसरा लोन ठंडे बस्ते में पहले ही डाला चुका था। लोन ओवरड्यू होने के कारण छात्र का सिबिल स्कोर (cibil score for loan) कम था। इस कारण बैंक ने उसे एजुकेशन लोन देने से मना किया था।
भविष्य खराब होने का दिया था तर्क-
याची छात्र के वकील ने इस मामले में तर्क दिया था कि अगर छात्र को एजुकेशन लोन (education loan news) नहीं मिला तो छात्र का भविष्य खराब हो जाएगा। बकौल वकील उस छात्र को मल्टीनेशनल कंपनी की ओर से नौकरी का एक अच्छा प्रस्ताव मिला है। भविष्य में छात्र लोन (loan repayment rules) राशि चुकाने में सक्षम हो सकेगा, इसलिए उसे लोन से मना नहीं किया जाना चाहिए।
यह होना चाहिए लोन का आधार-
केरल हाईकोर्ट ने कहा कि किसी छात्र को एजुकेशन लोन देने के लिए सिबिल स्कोर (cibil score update) को आधार बनाने के बजाय लोन रिपेमेंट क्षमता को देखा जाना चाहिए। इस मामले में छात्र को नौकरी का प्रस्ताव मिला है तो वह भविष्य में लोन चुकाने (loan repayment rules) में सक्षम हो सकता है।
इसलिए उसे लोन से मना नहीं किया जाना चाहिए। इस मामले में न्यायमूर्ति पीवी कुन्हीकृष्णन ने बैंक (bank loan news) को छात्र की ओर से मांगे गए 4 लाख से ज्यादा का लोन देने का आदेश दिया है। वहीं दूसरी ओर लोन प्रदाता को जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए भी कहा है।