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होम लोन की EMI नहीं भरने पर क्या बैंक कर सकता है मकान पर कब्जा, जानिये नियम

Home Loan :आमतौर पर हर व्यक्ति खुद का घर होने का सपना देखता है, जिसे पूरा करने के लिए वह मेहनत करता है और इसके लिए अक्सर बैंक से लोन भी लेता है। कुछ कारणवश अगर वह उस लोन की ईएमआई (home loan ki EMI) को भरने में देरी करता है या नहीं भर पाता है, तो ऐसे में उस व्यक्ति के मन में एक सवाल आता है कि क्या इस परिस्थिति में बैंक उनके घर पर कब्जा कर सकता है या नहीं। आईये नीचे खबर में जान लेते हैं इस बारे में विस्तार से।

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होम लोन की EMI नहीं भरने पर क्या बैंक कर सकता है मकान पर कब्जा, जानिये नियम

HR Breaking News - (Home loan news)। होम लोन लेने के बाद जब होम लोन की EMI भरने में कोई असमर्थ हो जाता है तो लोनधारक को इस बात की चिंता सताने लगती है कि कहीं बैंक उस लोन के पैसे पूरे करने के लिए उनका घर तो जब्त नहीं कर लेगा। ऐसा होने पर बैंक की प्रक्रिया क्या होती है और इसके लिए कौन-कौन से नियम (home loan update) होते हैं, यह समझना बहुत जरूरी है। क्या बकाया EMI के कारण आपका घर छिन सकता है? इन सवालों के जवाब जानिये इस खबर के जरिये।

 

जानिये बैंक कब भेजता है नोटिस-

 

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सबसे पहले तो आप यह जान लें कि अगर आप होम लोन (home loan News) की एक या दो ईएमआई मिस करते हैं तो बैंक की कार्रवाई से बचे रहेंगे। लेकिन लगातार तीन ईएमआई मिस कर दी तो आपको बैंक के नोटिस का सामना करना पड़ेगा। अगर आप भी इस तरह की समस्या में हैं तो बता दें कि ईएमआई मिस होने पर लोन का ब्याज (interest rates on home loan) हर महीने आपके ओवरऑल बैलेंस में जुड़ता जाएगा। ऐसा होने पर लोन की अवधि भी बढ़ जाएगी। ऐसी सिचुएशन में बैंक जाकर स्पष्ट रूप से अपनी बात रखें और credit history अच्छी रखने वाले को बैंक की ओर से  मोहलत मिल सकती है। लोन की अवधि बढ़वाकर आप बैंक से ईएमआई (home loan EMI rules) घटाने के लिए आग्रह कर सकते हैं। यह आपके लिए राहत भरा कार्य होगा।

 


होम लोन पर RBI का नियम -

अगर आप होम लोन ले रहे हैं तो यह जानना जरूरी है कि आपके लोन का इंट्रेस्ट रेट repo rate पर आधारित होता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अक्टूबर 2019 में फ्लोटिंग इंट्रेस्ट रेट (floating interest rate) के नियम लागू किए थे, जिससे बैंक होम लोन के लिए रेपो रेट को बेंचमार्क मानते हैं। इस समय रेपो रेट कम है, जिससे लोन लेने वालों को सस्ते ब्याज दरों का लाभ मिल रहा है। हालांकि, जो लोग पहले से लोन चुका रहे हैं, उनकी ईएमआई में कोई बदलाव नहीं होगा।

कब हो सकता है घर नीलाम -

होम लोन की अगर आप लगातार तीन ईएमआई मिस (kitni EMI mis krne pr bank notice bhejta hai) करते हैं, तो बैंक आपको हर हाल में नोटिस भेजता है। यदि आप छह महीने तक लगातार ईएमआई भरने में असमर्थ रहते हैं तो ऐसी स्थिति में बैंक आपको दो महीने का और समय दे सकता है ताकि आप ईएमआई भर सकें। इसके बाद भी अगर भुगतान नहीं होता, तो बैंक आपका लोन NPA यानी नॉन-परफॉर्मिंग असेट (Non-Performing Asset) घोषित कर सकता है और फिर वह आपकी प्रॉपर्टी या घर की नीलामी कर सकता है। यानी बैंक ऐसी स्थिति में घर पर कब्जा करने का हक रखता है।

कानून में बैंक के अधिकार -


SARFAESI एक्ट 2002 के तहत बैंक को यह अधिकार होता है कि वह अपने NPA (non-performing assets) लोन की वसूली के लिए लोन लेने वालों की प्रॉपर्टी की नीलामी (property auction rules) कर सके। इस प्रक्रिया के लिए बैंक को कोर्ट की अनुमति की आवश्यकता नहीं होती। हालांकि, बैंक पहले इस प्रयास में रहता है कि लोन चुकता हो जाए, ताकि नीलामी से बचा जा सके। 

घर नीलामी की घोषणा के बाद यह है उपाय-

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अगर आपके घर या प्रोपर्टी की नीलामी का ऐलान (kya hai SARFAESI act) किया जाता है, तो लोन लेने वालों को एक आखिरी मौका दिया जाता है कि वे अपनी प्रॉपर्टी को बचाने के लिए बकाया राशि चुका सकें और नीलामी को रोक सकें। अगर आपके घर को नीलाम करने की तारीख भी बैंक की ओर से तय कर दी जाए तो भी आपके पास उसे बचाने का मौका होता है। इसके लिए आपको नीलामी की तारीख से पहले बैंक को ड्यू पेमेंट करके नीलामी प्रक्रिया (property neelam) को रुकवा सकते हैं। हालांकि नीलामी की प्रक्रिया पर लगा चार्ज आपको देना पड़ सकता है।