home page

cheque bounce : चेक बाउंस होने पर कितने साल की होगी सजा, जानिये पैसे चुकाने के लिए कितना मिलता है समय

CIBIL Score update :सिबिल स्कोर लोन लेते समय सबसे ज्यादा मायने रखता है। अच्छे सिबिल स्कोर के दम पर तुरंत लोन मिल सकता है, वहीं खराब सिबिल है तो लोन से वंचित रह सकते हैं या महंगी ब्याज दरों पर लोन मिलेगा। एक बार सिबिल स्कोर खराब (how to improve cibil score) हो जाता है तो इस ठीक करने के लिए कई प्रयास करने पड़ते हैं। इसे सुधारने कि लिए भी कई नियमों  (CIBIL Score Rules) को फॉलो करना पड़ता है। अहम बात तो यह है कि खराब होने के बाद सिबिल स्कोर कितने दिन में ठीक होता है, जानिये इस बारे में पूरी डिटेल।
 | 
cheque bounce : चेक बाउंस होने पर कितने साल की होगी सजा, जानिये पैसे चुकाने के लिए कितना मिलता है समय

cheque bounce : चेक से रुपयों का लेनदेन सुरक्षित और आसान होता है, लेकिन चेक बाउंस होने की स्थिति में यह एक बड़ी आफत बन जाता है। हालांकि पैसों के भुगतान के लिए चेक देने वाले को कुछ समय मिलता है, पर इसके बाद जेल भी हो सकती है। खबर में जानते हैं चेक बाउंस में कितनी सजा (cheque bounce Punishment) होती है और पैसे चुकाने के लिए कितना समय मिलता है।

HR Breaking News - (cheque Using Tips)। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के इस जमाने में चेक के जरिये पेमेंट करने वाले भी बहुत हैं। चेक से भुगतान (cheque payment rules) हालांकि काफी सेफ है लेकिन इसके बाउंस होने पर चेक देने वाले को कई परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं।

 

 

जुर्माना भुगतने के अलावा उसे जेल भी काटनी पड़ सकती है। चेक बाउंस (cheque bounce ke karn) होने के बाद चेक जारी करने वाले को कुछ समय भी मिलता है। इस दौरान वह राहत पा सकता है लेकिन इसके बाद कोई मौका नहीं मिलता और इतने साल की सजा होती है, जानिये पूरी डिटेल।


चेक बाउंस होने पर क्या होगा


चेक बाउंस होते ही लेनदार को चेक बाउंस (cheque bounce Punishment) की सूचना उस व्यक्ति तक पहुंचानी होती है जिससे चेक लिया गया था। इसके बाद देनदार को एक माह के भीतर रुपयों का भुगतान करना होता है।

इस समय सीमा में चेक जारीकर्ता नहीं जागता है तो फिर लेनदार लीगल नोटिस (legal notice for cheque bounse) भेज सकता है। लीगल नोटिस का 15 दिन में जवाब नहीं दिया गया तो नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट 1881 की धारा 138 (cheque bounce Punishment act) के तहत चेक देने वाले शख्स पर केस दर्ज होगा। 

चेक बाउंस में सजा का प्रावधान 


चेक बाउंस होने पर चेक जारी करने वाले पर जुर्माना लगाने (cheque bounce Punishment jail or fine) और दो साल की सजा दिए जाने का प्रावधान है। चेक बाउंस दंडनीय अपराध माना जाता है। इसलिए इसमें केवल जुर्माना या केवल सजा भी हो सकती है और दोनों भी लागू हो सकते हैं।

चेक जारी (how to issue a cheque) करने वाले को रुपयों का ब्याज व जुर्माना देने के आदेश भी कोर्ट की ओर से सुनाए जा सकते हैं। 

बैंक भी लगाते हैं पेनेल्टी


चेक बाउंस होने पर बैंक भी चार्ज या पेनेल्टी (cheque bounce fine) लगाते हैं। यह राशि चेक जारी करने वाले के खाते से काट ली जाती है। इसके अलावा चेक बाउंस का मामला दर्ज होने पर कोर्ट (court decision on cheque bounce) की ओर से दी जाने वाली सजा व लगाए जाने वाले जुर्माने को भी भुगतना होगा।


चेक क्लीयर कराने की लिमिट 


किसी से चेक लेने के बाद उसे तीन माह के अंदर बैंक में लगाकर क्लियर करा सकते हैं। 3 माह बाद चेक की वैधता (cheque valid for days) खत्म हो जाती है। इसके बाद इसे अमान्य करार दे दिया जाता है, यह बाउंस भी हो सकता है।

चेक बाउंस होने पर बैंक चेक बाउंस (cheque bounce  reasons) होने का कारण बताते हुए लेनदार को एक रसीद देता है। इस रसीद से आगे की कार्रवाई की जा सकती है। 

News Hub