CIBIL Score Rule : क्या एक महीने में ठीक हो जाता है सिबिल स्कोर, लोन लेने वाले जान लें ये जरूरी बात
CIBIL Score News : सिबिल स्कोर की जरूरत लोन लेते समय हर हाल में पड़ती है। इसे चेक करने के बाद ही कोई बैंक लोन देने या न देने का फैसला करता है। एक बार सिबिल स्कोर खराब (bad CIBIL Score ) होने पर इसे सुधारने के लिए कई प्रयत्न करने पड़ते हैं। इसे लेकर भी लोगों में कंफ्यूजन होती है कि क्या यह एक माह में सुधर सकता है। खासकर जल्दी लोन (CIBIL Score for loan) की जरूरत वाले इस सवाल का जवाब ढूंढते हैं। आइये जानते हैं इस बारे में विस्तार से इस खबर में।

HR Breaking News : (cibil score update)। किसी उपभोक्ता का सिबिल स्कोर (good CIBIL Score) अच्छा है तो उसे फटाफट लोन मिल जाता है, इसके विपरीत खराब सिबिल स्कोर वालों को पैसों की जरूरत में लोन से वंचित रहना पड़ता है। इसलिए लोन लेने के लिए अच्छा सिबिल स्कोर (CIBIL Score) होना बेहद जरूरी है। कई लोगों को लोन की जरूरत पड़ने पर सिबिल स्कोर याद आता है, तब यह एकदम से सही भी नहीं हो पाता। कुछ लोग सोचते हैं कि क्या इसे फटाफट एक महीने में सुधार सकते हैं। तो आइये बताते हैं इसके बारे में डिटेल से।
क्रेडिट हिस्ट्री का होना जरूरी-
अगर आप कभी बैंक से कुछ उधार नहीं लेंगे तो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री (credit history) ही नहीं बनेगी। इसके बनने के बाद ही सिबिल स्कोर बनता है। सिबिल स्कोर बैंक से लिए गए क्रेडिट को चुकाने का इतिहास ही है। इसलिए क्रेडिट हिस्ट्री का होना जरूरी है। बिना क्रेडिट हिस्ट्री के तो आमतौर पर सिबिल स्कोर जीरो ही होता है। इसलिए सबसे पहले अपना सिबिल स्कोर (CIBIL Score genrate) जनरेट करें। इसके लिए कुछ तरीके आपको आजमाने पड़ेंगे।
सिबिल स्कोर की रेंज-
सिबिल स्कोर तीन अंकों की संख्या है, जो 300 से 900 के बीच होती है। 750 या इससे ऊपर का सिबिल स्कोर ही सही माना जाता है, जो लोन दिलाने में सहायक होता है। अगर सिबिल स्कोर खराब है तो लोन मिलने में मुश्किलें आती हैं। इसलिए पहले सिबिल स्कोर (high CIBIL Score tricks) को सुधार लेना जरूरी होता है। वैसे तो सिबिल स्कोर को सुधरने में 1 साल या इससे ज्यादा समय लगता है लेकिन इसे 30 दिनों में भी सुधारा जा सकता है। इसके लिए आपको कुछ प्रयास करने होते हैं, जिनके बारे में यहां जान सकते हैं।
बिल भरने में न करें देरी-
सबसे पहले सिबिल स्कोर सुधारने (how to improve cibils score) के लिए यह तय करें कि किसी भी बिल के भुगतान में देरी न हो। इसमें बिजली बिल, पानी बिल, क्रेडिट कार्ड बिल, ईएमआई (EMI) सब शामिल हैं। किसी बिल की अंतिम तारीख से जितनी पहले भुगतान करेंगे उतना ही आपके सिबिल स्कोर के लिए अच्छा रहेगा। तय तारीख के बाद भुगतान करने पर सिबिल स्कोर खराब हो जाएगा। अंतिम तिथि से पहले पेमेंट करने पर सिबिल स्कोर (CIBIL Score) पर सकारात्मक असर पड़ता है और यह जल्दी सुधरता है।
क्रेडिट हिस्ट्री करें जनरेट
सबसे पहले तो आपको क्रेडिट हिस्ट्री (how to generate credit history) जनरेट करनी पड़ेगी। तभी आपका सिबिल स्कोर बनेगा। इसके लिए सबसे आसान है कि आप किसी भी बैंक का क्रेडिट कार्ड बनवा लें।
आप नौकरी पेशा हैं तो आपका क्रेडिट कार्ड (Credi card) बनने में समय नहीं लगेगा। इसके बाद आप क्रेडिट कार्ड का प्रयोग कर कुछ खरीदें और उसकी पेमेंट तय समय पर कर दें। इससे आपकी क्रेडिट हिस्ट्री (Credit history) जनरेट होगी। वैसे भी 45 दिन के लिए तो आपको ब्याज मुक्त लोन एक प्रकार से क्रेडिट कार्ड से मिल ही जाता है।
क्रेडिट कार्ड की लिमिट पर करें फोकस-
हमेशा क्रेडिट कार्ड के उपयोग की लिमिट (Credit Card Limit) का ध्यान रखना चाहिए। सिबिल स्कोर मेंटेन रखने के लिए 30 प्रतिशत की लिमिट से अधिक यूज नहीं करना चाहिए। अगर लंबे समय से क्रेडिट कार्ड का प्रयोग कर रहे हैं तो क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने का आग्रह किया जा सकता है। 30 प्रतिशत से कम क्रेडिट लिमिट का प्रयोग कर रहे हैं और लोन (loan process) लेने के बाद उसकी ईएमआई भी समय पर भर रहे हैं तो क्रेडिट लिमिट आसानी से बढ़ा दी जाती है।
30 दिन में सिबिल स्कोर सुधारने की ट्रिक-
क्रेडिट यूजेज लिमिट बढ़ना बैंक से आपके सही क्रेडिट लेन देन का परिचायक है। बैंक की नजर में सही छवि होने पर लोन मिलने में यह सहायक होता है। इससे आपका सिबिल स्कोर (High CIBIL Score) भी तेजी से सुधरेगा यानी ऑनलाइन तरीके से भी आप सिबिल स्कोर को बढ़ा सकते हैं। 30 दिन में क्रेडिट स्कोर को ठीक करना चाहते हैं तो क्रेडिट कार्ड की लिमिट का 30 प्रतिशत से ज्यादा प्रयोग न करें। एक लाख क्रेडिट कार्ड की लिमिट है तो तीस हजार से ज्यादा रुपये खर्च न करें। इससे आपका क्रेडिट स्कोर (CIBIL score) सही रहेगा।
कैश-बैक्ड क्रेडिट कार्ड लें-
अगर क्रेडिट कार्ड लेना भी पड़ जाए तो कैश बैक्ड क्रेडिट कार्ड का चयन करना चाहिए। इसमें ग्राहक एक साथ कार्ड की क्रेडिट सीमा के बराबर या उससे थोड़ा कम पेमेंट कर सकते हैं। यह रीपेमेंट के लिए एक तरह से गारंटी देता है। इससे भी क्रेडिट स्कोर (CIBIL Score Increase) सुधारने में आपको मदद मिलेगी। यह कार्ड लेने में आसानी रहती है।
बैंक से अधिक कर्ज लेने से बचें -
बैंक से ज्यादा लोन व क्रेडिट कार्ड लेने से बचना चाहिए। कई लोन व क्रेडिट कार्ड (credit card rules) लेने पर इनकी ईएमआई और बिल चुकाना मुश्किल हो सकता है और इसका उल्टा असर सिबिल स्कोर पर पड़ता है। वहीं लोन (bank loan news) देने वाली कंपनियां भी इसे अच्छा नहीं मानती हैं। लोन एक अंतराल के बाद लेना ठीक रहता है, पहले वाले लोन को सही से चुकाएं व इसके बाद अगला लोन लें। एक साथ लोन लेना वित्तीय स्थिति के लिए भी ठीक नहीं रहता।
क्रेडिट हिस्ट्री पर रखें नजर -
सिबिल स्कोर (CIBIL Score)को मेंटेन रखने की तरह ही जरूरी है क्रेडिट हिस्ट्री को चेक करते रहना ताकि सिबिल स्कोर का पता रहे। अगर यह डाउन है तो इसे अप करने का प्रयास करें। सिबिल स्कोर को सिबिल, इक्वीफैक्स, हाईमार्क और एक्पीरियन कंपनियां तय करती हैं।
क्रेडिट हिस्ट्री में क्रेडिट स्कोर को देखकर पता करें कि कहीं इसमें गलती या गड़बड़ी तो नहीं है। सिबिल स्कोर कम (low cibil score reasons) होने के कारणों को भी जान सकते हैं। इसके बाद सिबिल स्कोर सुधारने के तरीके आजमाएं व इसे ठीक करें। इसके लिए क्रेडिट व लोन आदि लेकर समय पर रिपेमेंट करें।