Credit Card : आपको क्रेडिट कार्ड कर देगा कंगाल, बैंक कभी नहीं बताते ये 4 बातें
credit card mistakes - आजकल कैश पेमेंट की जगह फोन पे, गूगल, यूपीआई आईडी आदि ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का क्रेज तेजी से बढ़ा रहा है। वहीं, एक ओर क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल भी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन अधिकतर लोगों को इस चीज की जानकारी नहीं है कि क्रेडिट कार्ड आपको कंगाल कर सकता है। जब अकाउंट में पैसे मिनिमम बैलेंस के लिए तय लिमिट से नीचे आ जाते हैं तो बैंक से कई मैसेज आते हैं। लेकिन क्रेडिट कार्ड पर ऐसा कोई मैसेज नहीं आता।

HR Breaking News (ब्यूरो)। पिछले कुछ वर्षों में ऑनलाइन ट्रांजैक्शन और Online Shopping का क्रेज काफी अधिक बढ़ा है। इन सबके साथ क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल (Credit Card Usage) भी काफी बढ़ा है। क्रेडिट कार्ड को ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए एक्सपर्ट्स ज्यादा सेफ मानते हैं। इसमें ट्रांजैक्शन के बाद पेमेंट के लिए करीब 50 दिन का समय मिल जाता है।
इससे भी क्रेडिट कार्ड यूजर्स (Credit Card Users) को मदद मिल जाती है और इमरजेंसी के समय में भी यह काफी काम आता है। हालांकि, इसके कुछ नुकसान भी हैं, जिसके बारे में क्रेडिट कार्ड कंपनियां आपको खुलकर नहीं बताती हैं। वास्तव में अगर क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल (Credit Card Utilization) ठीक ढंग से नहीं किया जाए तो इससे आपको काफी अधिक नुकसान पहुंचता है।
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केवल मिनिमम बैलेंस का पेमेंट
आपके पास जब क्रेडिट कार्ड का बिल (Credit Card Bill) आता है तो उसमें दो रकम लिखी होती है- Total Due (कुल बकाया) और Minimum Due (न्यूनतम बकाया)। कई लोगों को लगता है कि मिनिमम ड्यु का पेमेंट करने से भी उनका काम चल जाएगा लेकिन हकीकत इससे अलग है। ऐसा कत्तई मत कीजिए। अगर आपने कुल बकाया राशि का भुगतान नहीं किया तो क्रेडिट कार्ड कंपनियां काफी अधिक ब्याज लगाती हैं। इस वजह से आपका बिल हर महीने काफी अधिक बढ़ जाता है। ये बात क्रेडिट कार्ड आपको नहीं बताती हैं।
समय से बिल का भुगतान नहीं करना
क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान समय पर नहीं करना काफी भारी पड़ सकता है। आप यह देखते हैं कि आपका रिचार्ज खत्म हो जाता है तो टेलीकॉम कंपनी लगातार मैसेज करती है। दूसरी ओर, अकाउंट में पैसे मिनिमम बैलेंस के लिए तय लिमिट से नीचे आ जाते हैं तो भी बैंक से कई मैसेज आते हैं। हालांकि, क्रेडिट कार्ड बिल के पेमेंट को लेकर ऐसा कोई रिमांडर नहीं आता है। इसकी वजह यह है कि कंपनियां यह नहीं चाहती हैं कि आप समय से बिल का भुगतान करें। इसकी वजह यह है कि बिल पेमेंट में देरी होने पर कंपनियां लेट फीस ले पाएंगी। दूसरी ओर, इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर भी असर पड़ता है।
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Free EMI से जुड़ी ये दिक्कत
जब आप कोई महंगा सामान खरीदते हैं तो कंपनियां उस ट्रांजैक्शन को फ्री में ईएमआई (No Cost EMI) में कवर्ट करने का वादा करती हैं। हालांकि, आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि इस पर तमाम नियम एवं शर्ते लागू होती हैं। अगर आपने किसी भी टर्म एंड कंडीशन को फॉलो नहीं किया तो आपको काफी अधिक ब्याज का भुगतान करना पड़ सकता है।
Rewards Points का चक्कर
क्रेडिट कार्ड कंपनियां या बैंक क्रेडिट कार्ड इश्यू करते समय फीचर्स बताते समय तो कई बार रिवार्ड प्वाइंट्स का जिक्र करते हैं लेकिन बाद में ये नहीं बताते हैं कि इन प्वाइंट्स को कैसे रिडीम (Credit Card Reward Points Redeem Process) किया जा सकता है। ये Rewards Points ऐसे ही एक्सपायर हो जातें हैं।
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Bank अक्सर आपको ऑफर देते हैं कि आप फ्री ऑफ कॉस्ट अपने सिल्वर कार्ड (Silver Card) को गोल्ड में और गोल्ड को प्लेटिनम में अपग्रेड करवा सकते हैं, लेकिन ये नहीं बताते कि नए क्रेडिट कार्ड के लिये आपको 500 रुपए से लेकर 700 रुपए तक का शुल्क भी देना पड़ेगा। क्रेडिट कार्ड धारकों को अक्सर एक कॉल आती है कि आप के क्रेडिट कार्ड की क्रेडिट लिमिट मुफ्त में बढ़ाई जा रही है लेकिन बैंक आपको कभी ये नहीं बताता कि इसके बाद आपका वार्षिक शुल्क बढ़ जायेगा।