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EMI Bounce : समय पर होम लोन नहीं भरने पर क्या होगा बड़ा नुकसान, लोन लेने वाले जरूर जान लें नियम

EMI Bounce Rules : खुद का घर खरीदने का सपना पूरा करने के लिए लोग अक्सर बैंक से होम लोन लेते हैं। अगर होम लोन (Home Loan EMI) को समय पर न चुकाया जाए या इसकी ईएमआई न भरी जाए तो लोन लेने वाले को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। अगर आपके साथ भी यही स्थिति है तो होम लोन से जुड़े इन नियमों (home loan EMI rules) को जरूर जान लें।

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EMI Bounce : समय पर होम लोन नहीं भरने पर क्या होगा बड़ा नुकसान, लोन लेने वाले जरूर जान लें नियम

HR Breaking News - (home loan Rules)। होम लोन लेने के लिए ग्राहक को कई प्रक्रियाएं (home loan process) पूरी करनी होती हैं। इसके साथ ही होम लोन से जुड़े कई नियमों पर भी उसे लोन लेने के बाद खरा उतरना होता है।

इन्हीं नियमों में शामिल है समय पर लोन व इसकी ईएमआई (home loan repayment) चुकाना। अगर आप समय पर लोन नहीं चुका पाते हैं तो आपको भारी नुकसान उठाना ही पड़ेगा। अधिकतर लोग होम लोन से जुड़े नियमों से अनजान हैं। इन नियमों को लोन लेने से पहले ही जान लेना फायदेमंद रहता है।

लोन न चुकाने पर बैंक ऐसे करता है कार्रवाई -


होम लोन लेने के बाद पहली ईएमआई बाउंस (EMI bounce) होने पर बैंक कोई खास कदम नहीं उठाता । जब दो ईएमआई लगातार बाउंस होती हैं तो बैंक लोनधारक को रिमाइंडर (reminder on home loan) भेजता है।

इसके बाद भी ध्यान नहीं दिया जाए और लगातार तीन किस्तों का भुगतान न किया जाए तो बैंक ऋण (loan repayment rules) चुकाने के लिए लीगल नोटिस भेजता है। इसके बाद भी चौथी और पांचवीं ईएमआई नहीं भरी तो बैंक लोनधारक को डिफॉल्टर (loan defaulter) घोषित कर देता है। इसके बाद अगली कार्रवाई की जाती है।


क्रेडिट स्‍कोर हो जाता है खराब-


होम लोन न चुकाने पर सबसे पहले तो ग्राहक का सिबिल स्कोर (cibil score) खराब होता है। इसके बाद उसे दूसरे किसी बैंक से भी लोन नहीं मिलता है। अगर कहीं से लोन मिलता भी है तो ब्याज दरें (home loan interest rates) महंगी होंगी।

इसलिए हमेशा सिबिल स्कोर को दुरुस्त रखना ही बेहतर रहता है। अच्छा सिबिल स्कोर (how to improve cibil score) ही सस्ता लोन दिलाने में सहायक होता है। समय पर लोन की ईएमआई व क्रेडिट कार्ड आदि का भुगतान करके आप सिबिल स्कोर को मेंटेन (how to maintain cibil score) रख सकते हैं।

गिरवी रखी संपत्ति हो सकती है नीलाम-


होम लोन सिक्‍योर्ड लोन होता है, बैंक इसके बदले में शुरू में ही लोन देते समय लोनधारक की प्रॉपर्टी (property Mortgage rules) को गिरवी रखवा लेता है। प्रॉपर्टी के कागज (property documents) बैंक में जमा करा लिए जाते हैं, जिसे खरीदने के लिए लोन लिया जाता है।

लोन न चुका पाने की स्थिति में बैंक (bank news) उस प्रॉपर्टी को बेचकर लोन की भरपाई कर सकता है। ऐसे में लोन न चुकाने पर गिरवी रखी संपत्ति को नीलाम किया जा सकता है। लोन के बदले गिरवी रखी प्रॉपर्टी पर बैंक का कब्‍जा हो सकता है। जब तक लोन नहीं चुकाया जाता तब तक उस प्रॉपर्टी के कागज (property papers) बैंक के पास ही रहते हैं, इसे बेचने का अधिकार बैंक के पास होता है।

नीलामी से पहले मिलते हैं कई मौके-


ऐसा भी नहीं है कि बैंक बिना कोई मौका दिए ही प्रोपर्टी को नीलाम (property auction rules) कर देगा। बैंक पहले कई मौके देता है। लोन लेने वाला ईएमआई नहीं भरता है तो उसे बैंक की ओर से रिमाइंडर और नोटिस (bank notice on home loan) भेजे जाते हैं।

इसके बाद भी होम लोन का भुगतान नहीं किया जाता है तो  बैंक गिरवी रखी प्रॉपर्टी को नीलामी करने का कदम उठाता है। अंत में प्रॉपर्टी की नीलामी (property auction process) करके लोन राशि की भरपाई उससे अर्जित पैसे से करता है। बाकी के पैसे ग्राहक (borrower's rights) को लौटा दिए जाते हैं।

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