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EPFO Interest : दिवाली पर पीएफ होल्‍डर्स की बल्ले-बल्ले, अकाउंट में आने लगा ब्याज का पैसा

PF Account Interest Rate : दिवाली के इस खास त्यौहार पर पीएफ होल्‍डर्स के लिए बड़ी खबर सामने आई है, आपको बता दे कि EPFO की तरफ से सभी कर्मचारियों के अकाउंट में ब्याज का पैसा जमा करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. आइए खबर में जानते है इससे जुड़ी पूरी जानकारी।
 
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EPFO Interest : दिवाली पर पीएफ होल्‍डर्स की बल्ले-बल्ले, अकाउंट में आने लगा ब्याज का पैसा

HR Breaking News (ब्यूरो)। फेस्‍ट‍िव सीजन की शुरुआत के साथ ही पीएफ अकाउंटहोल्‍डर्स को बड़ा तोहफा म‍िला है. जी हां, कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट में ब्‍याज का पैसा आना शुरू हो गया है. ईपीएफओ ने पीएफ अकाउंट में ब्याज (interest in pf account) जमा करना शुरू कर दिया है. फाइनेंश‍ियल ईयर 2022-23 के लिए पीएफ अकाउंट पर ब्याज दर 8.15 परसेंट है. कुछ कर्मचारियों के अकाउंट में ब्याज का पैसा पहले ही आ चुका है. आपके अकाउंट में यह पैसा द‍िखाई देने में समय लग सकता है. ईपीएफओ की तरफ से सभी कर्मचारियों के अकाउंट में ब्याज का पैसा जमा करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

प्रक्रिया में तेजी लाने का आश्‍वासन दिया


ईपीएफओ ने पीएफ अकाउंट में ब्याज की राश‍ि जमा करने की प्रक्रिया में तेजी लाने का आश्‍वासन दिया है. ईपीएफओ के अनुसार यह पूरा प्रोसेस पाइपलाइन में है और जल्द पूरा कर ल‍िया जाएगा. ईपीएफओ ने कर्मचार‍ियों से इंतजार करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि जब भी ब्याज जमा किया जाएगा, इसका पूरा भुगतान किया जाएगा. ईपीएफओ की तरफ से यह भी साफ क‍िया गया क‍ि ब्याज की राश‍ि में क‍िसी प्रकार की कटौती नहीं की जाएगी.

ईपीएफओ की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया क‍ि ब्याज जमा करने की प्रक्रिया को पहले के मुकाबले स्‍मूथ बनाया जा रहा है. आगे से ब्‍याज का पैसा (interest money) अकाउंट में जमा करने में कम समय लगेगा. केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया क‍ि 24 करोड़ से ज्‍यादा पीएफ अकाउंट में पहले से ही ब्‍याज जमा क‍िया जा चुका है. आपने पीएफ अकाउंट में आने वाले पैसे को टेक्स्ट मैसेज, मिस्ड कॉल, उमंग एप या ईपीएफओ की वेबसाइट के जर‍िये चेक कर सकते हैं.

पीएफ अकाउंट पर ब्याज दर हर साल ईपीएफओ की तरफ से तय की जाती है. ब्याज दर को तय करने के लिए ईपीएफओ वित्त मंत्रालय के साथ परामर्श करना होता है. ब्याज दर तय करने के दौरान सरकारी प्रतिभूतियों की ब्याज दर, महंगाई दर और इकोनॉम‍िकी की स्‍थ‍ित‍ि को ध्‍यान में रखा जाता है.