home page

NCR में सस्ते में घर बनाने का मौका, GDA बेच रहा इस इलाके में 14 प्लॉट

NCR Update - हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक ये कहा जा रहा है कि एनसीआर में सस्ते में घर बनाने का मौका मिल रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि जीडीए इस इलाके में 14 प्लॉट बेच रहा है... इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी जानने के लिए खबर को पूरा पढ़े। 
 | 
NCR में सस्ते में घर बनाने का मौका, GDA बेच रहा इस इलाके में 14 प्लॉट

HR Breaking News, Digital Desk-  अगर आप भी एनसीआर में आशियाना बनाने का सपना देख रहे हैं तो आपके लिए गुड न्यूज है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) को स्वर्ण जयंती पुरम में 14 प्लॉट खाली मिले हैं। अब इन भूखंडों को बेचने की तैयारी की जा रही है। जीडीए का अनुमान है कि इससे प्राधिकरण को 10 करोड़ से अधिक की आय अर्जित होगी।

जीडीए ने वर्ष 1998 में स्वर्ण जयंती पुरम में आवासीय योजना लॉन्च की थी। 1998 से 2003 के बीच 1583 भूखंडों की 11 योजनाओं को लॉन्च किया। लोगों ने फॉर्म भरकर भूखंड के लिए आवेदन किया और उन्हें खरीद लिया। इसके बाद राशि जमा नहीं करने और छोड़ने के चलते कुछ भूखंडों का आवंटन निरस्त कर दिया गया। इन निरस्त 139 प्लॉटों को नियमों की अनदेखी कर फरवरी 2005 से फरवरी 2007 के दौरान प्राधिकरण ने बहाल कर दिया। इसकी शिकायत भाजपा पार्षद राजेंद्र त्यागी ने पहले मेरठ मंडल के कमिश्नर से फिर 2011 में हाईकोर्ट में राजस्व नुकसान का दावा कर पीआईएल दायर की थी। इसको लेकर कोर्ट में केस चल रहा है। जांच में कई अधिकारी और कर्मचारी फंस रहे हैं।

कोर्ट में योजना की विस्तृत जानकारी देने के लिए जीडीए के अधिकारियों ने सृजित और बेचे गए भूखंडों की संख्या का मिलान किया। उन्हें सृजित भूखंडों की संख्या बेचने वालों से अधिक मिली। जीडीए की टीम ने मौके पर जाकर सर्वे किया। इस सर्वे में पता चला कि मौके पर 14 भूखंड खाली पड़े हैं।

रिकॉर्ड में बिकने के साक्ष्य नहीं मिले-

जीडीए के अधिकारियों ने सर्वे के बाद इन भूखंड की जानकारी अपने रिकॉर्ड में देखी तो वहां भी इनकी बिक्री करने का कोई साक्ष्य नहीं मिला। ऐसे में अब प्राधिकरण इन भूखंडों को बेचेगा, जिससे प्राधिकरण को दस करोड़ से अधिक की आय होने की उम्मीद है।

दस करोड़ से अधिक की होगी आय-

अधिकारी बताते हैं कि स्वर्ण जयंती पुरम योजना में खाली भूखंडों की मांग लगातार बढ़ रही है। ऐसे में इन भूखंडों को बेचकर प्राधिकरण को दस करोड़ रुपये से अधिक की कमाई हो सकती है। इसके लिए प्राधिकरण इन्हें नीलामी प्रक्रिया में शामिल करेगा, ताकि बोलीदार ज्यादा से ज्यादा बोली लगाकर इन्हें बेच सके।

अन्य योजनाओं में भी भूखंड हो सकते हैं खाली-

जानकार बताते हैं कि स्वर्ण जयंती पुरम योजना की तरह अन्य योजनाओं में भी भूखंड खाली हो सकते हैं। इसके लिए सभी योजनाओं में सर्वे होना चाहिए ताकि योजना में सृजित किए गए भूखंड और बेचे हुए भूखंडों की जांच की जाए। अगर किसी योजना में भूखंड खाली है, तो उन्हें भी बेचा जा सकता है। सर्वे से जिले में विभिन्न योजनाओं में खाली पड़े भूखंडों की जानकारी मिल सकेगी।