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Gold Price : सोना खरीदने जा रहे हैं तो 5 बातों का जरूर रखें ध्यान, ज्वैलर नहीं लगा पाएगा चूना

Gold Price : अगर आप भी सोना खरीदने की प्लानिंग कर रहे है तो ये खबर आपके फायदे की है. दरअसल आज हम आपको अपनी इस खबर में पांच ऐसी जरूरी बातें बताने जा रहे है... जिन्हें जान लेने के बाद ज्वैलर आपको कभी चूना नहीं लगा पाएंगे... चलिए आइए जान लेते है नीचे इस खबर में-

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Gold Price : सोना खरीदने जा रहे हैं तो 5 बातों का जरूर रखें ध्यान, ज्वैलर नहीं लगा पाएगा चूना

HR Breaking News, Digital Desk- (Gold Buying Tips) सोना खरीदने और पहनने का शौक हर किसी को होता है, लेकिन इसकी बढ़ती कीमत (आज 1 लाख रुपये से ऊपर) इसे मुश्किल बनाती है. सोने की गुणवत्ता की कई श्रेणियां होती हैं और इसके दाम रोज बदलते हैं, जिससे खरीदारी में परेशानी आती है.

कई बार ज्वेलर्स भी मनमानी कीमतें लगाकर ग्राहकों को ठगते हैं. हालांकि अगर आप सोना खरीदने से पहले सिर्फ 5 जरूरी बातों को याद रखेंगे तो आप बेधड़क किसी भी दुकान पर जाकर सोना खरीद पाएंगे और ठगे भी नहीं जाएंगे.

इंडिया बुलियन ज्वेलर्स के मुताबिक जब से हॉलमार्क का सोना आया है, बहुत सारी चीजें साफ हो गई हैं. बिना हॉलमार्क (hallmark) के सोने में ये संभव है कि सोने की गुणवत्‍ता कुछ और हो लेकिन कीमत कुछ और वसूली जाए. हालांकि अगर कुछ मुख्‍य बातों का ध्‍यान रखेंगे तो सोना खरीदकर फायदे में रहेंगे.

सबसे पहले सोने के कैरेट का गणित समझें..

 अगर आप 24 कैरेट में कोई बिस्‍कुट खरीद रहे हैं तो 24 कैरेट सोने का जो भाव चल रहा है वही कीमत होगी लेकिन अगर आप सोने के गहने खरीद रहे हैं तो वे भारत में पांच हॉलमार्क श्रेणियों 23, 22, 20, 18 और 14 कैरेट में बनते हैं. उसी के अनुसार सोने की कीमत तय होती है.

23 कैरेट- 95.88 प्रतिशत गोल्‍ड-

22 कैरेट- 91.66 प्रतिशत 

20 कैरेट- 84 प्रतिशत

18 कैरेट- 75.76 प्रतिशत

14 कैरेट- 58. 50 प्रतिशत

सोने के गहनों पर क्‍या लिखा होना चाहिए?

सोना खरीदते समय हमेशा हॉलमार्क वाले गहने चुनें. इन पर BIS का तिकोना मार्क होना चाहिए, जो भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards) से अनुमोदन को दर्शाता है. साथ ही, गहनों पर HUID (Hallmark Unique Identification) नंबर भी लिखा होता है. यह एक 6 अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक कोड होता है जिसमें अक्षर और संख्याएं दोनों शामिल होती हैं, और यह गहने की विशिष्ट पहचान सुनिश्चित करता है.

उदाहरण के लिए अगर आपका ज्‍वैलर अपने किसी गहने को 22 कैरेट हॉलमार्क का बता रहा है तो उस गहने पर बीआईएस स्‍टेंडर्ड मार्क (BIS Standard Mark) के साथ 22k916 तो लिखा ही होगा, इसके साथ ही 6 डिजिट का एचयूआईडी नंबर (HUID Number) भी होगा. अगर ऐसा नहीं है तो गहना हॉलमार्क का नहीं है. इसमें मिलावट हो सकती है.

कैसे तय होगा गहने का रेट?

कैरेट की समझ और हॉलमार्क (gold hallmark) की जानकारी के बाद जो सबसे जरूरी चीज है वह है गहने का दाम कैसे तय होता है तो समझ लें कि जितने कैरेट का गहना है, उसकी कीमत उस कैरेट की कीमतों के हिसाब से होगी. इसका सिंपल सा गणित ये है, मान लीजिए 24 कैरेट सोने की कीमत 60 हजार रुपये है तो 22 कैरेट सोने की कीमत 60 हजार रुपये की 91.66 प्रतिशत जो भी कीमत निकलेगी वह होगी. ये ज्‍वैलर ही नहीं आप खुद भी केलकुलेट कर सकते हैं. अगर ज्‍वैलर आपको कुछ अलग कीमत बता रहा है तो उससे बात करें. ऐसा ही 18 कैरेट में होगा. यह 24 कैरेट सोने की कीमत की 75 प्रतिशत कीमत होगी. (gold latest price)

कैसे जानें क्‍या चल रहा है सोने का भाव?

सोने की कीमतें हर दिन बदलती हैं, इसलिए लाइव रेट (gold live rate) देखना ज़रूरी है. इसके लिए इंडिया बुलियन एसोसिएशन (IBA) की वेबसाइट सबसे भरोसेमंद स्रोत है. वहां आप सोने के मौजूदा भाव देख सकते हैं, जो आपको अपने जौहरी से बात करते समय सही कीमत का अंदाज़ा लगाने में मदद करेंगे.

सोने का मेकिंग चार्ज कितना हो?

सोने की कीमत के बाद मेकिंग चार्ज (gold making charge) लगता है, जिसे ज्वेलर्स सोने की कारीगरी का शुल्क बताते हैं. यह आमतौर पर प्रति ग्राम सोने पर 10 से 30 प्रतिशत तक होता है. बड़ी ज्वेलरी खरीदने पर यह शुल्क खरीदार के लिए एक अतिरिक्त बोझ बन जाता है, क्योंकि यह सोने के वास्तविक मूल्य के अलावा एक महत्वपूर्ण लागत जोड़ता है.

अगर आप सोना खरीदने जा रहे हैं तो ध्‍यान रखें कि मेकिंग चार्ज नेगोशिएबल (Making charge negotiable) है. इसे आप कम भी करा सकते हैं, इसके साथ ही साधारण डिजाइन (design) की चीजें खरीदने पर यह कम लगता है लेकिन बारीक और गहराई वाले डिजाइनर गोल्‍ड आइटम्‍स पर यह ज्‍यादा लगता है.

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