Gold Price Hike : 11 प्रतिशत बढ़े सोने के भाव, जानिये सोने में निवेश को लेकर क्या कह रहे एक्सपर्ट
gold latest rate : नए साल की शुरूआत से ही सोने की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है। जहां पिछले साल सोने में 27 फीसदी की बढ़त देखने को मिली थी। इस बार साल 2025 में दो महीनों में ही सोना 11 प्रतिशत से ज्यादा महंगा हो चुका है। सोने में निवेश करने वालों को तगड़ा रिटर्न मिला है। लगातार सोने की बढ़ती कीमतों और आने वाले समय में सोना कितना महंगा हो सकता है इसको लेकर एक्सपर्टस् ने अपनी राय दी है। आईये जानते हैं -

HR Breaking News - बजट के बाद से ही सोने का भाव सातवें आसमान पर जा पहुंचे हैं। पिछले साल सोने की कीमतों (gold price) में 27 प्रतिशत की बढ़ौतरी दर्ज की गई थी। इस साल 2025 के फरवरी महीने में ही सोने में 11 प्रतिशत से अधिक की बढ़त बना चुका है। इस बीच एक्सपर्ट्स ने कहा है कि जिस तरह से सोने के भाव (gold latest rate) में उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है निवेशकों को सतर्क और संतुलित रुख अपनाने की जरूरत है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने का प्रदर्शन इक्विटी और बॉन्ड दोनों से बेहतर रहा है। वैश्विक अनिश्चितताओं और रुपये की विनिमय दर में गिरावट के साथ, यह रुख आगे भी जारी रहने की संभावना है। पिछले साल करीब 27 प्रतिशत की तेजी के बाद सोने में इस साल भी तेजी जारी है। इस साल सोने का दाम (Gold Price today) कुल 11.20 प्रतिशत चढ़ा है।
सोने की कीमतों को लेकर एक्सपर्ट ने दी राय -
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक्सपर्ट मोतीलाल ओसवाल ने कहा, “नए वर्ष की शुरुआत से ही सोने की कीमतों (Sone kaa Bhav) में तेजी देखने को मिल रही है। हालांकि, इस समय शादियों का सीजन चल रहा है और मार्केट में सोने की डिमांड बढ़ी है। ऐसे में आने वाले दिनों में सोने की कीमतों (Gold Price) में जबरदस्त उछाल आ सकता है। जिस तरह से सोने के दाम तेजी जारी है, इस स्तर पर सोने में नया निवेश करते समय कुछ सर्तक रहने की जरूरत है।
एक्सपर्ट राहुल कलंत्री ने कहा, “एमसीएक्स (MCR) वायदा में सोना इस साल के पहले 50 दिन में ही 11.2 प्रतिशत की बढ़ौतरी के साथ 77,500 रुपये से महंगा होकर 86,200 के पार पहुंच गया है। बीते साल 2024, सोने (gold Hike) में करीब 27 प्रतिशत बढ़त दर्ज की गई थी। इसका मतलब है कि जनवरी, 2024 से अब तक इसमें 38 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा हो चुका है।
कोलिन शाह का कहना है कि सोना हमेशा ही अपने निवेशकों को ज्यादा रिटर्न देता है। चाहे महंगाई हो या आर्थिक अनिश्चितता, सोने की बढ़ती कीमतों (Gold Price) ने निवेशकों को नुकसान से बचाया है। इसलिए, इस साल सिर्फ दो महीनों में ही सोने का भाव (sone ka bhav) सातवें आसमान पर पहुंच चुका है। ऐसे में मौजूदा समय में निवेश और रिटर्न के मामले में एक बहुत ही पसंदीदा विकल्प है।
मोदी का कहना है कि निवेशकों को हमेशा एक विविध पोर्टफोलियो यानी निवेश के विभिन्न उत्पादों में पैसा रखने की सलाह दी जाती है। सोना एक सुरक्षित परिसंपत्ति है और अपेक्षाकृम कम अस्थिर वस्तु है, जिससे निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो को संतुलित रखने में सहायता मिलती है।’
उन्होंने आगे कहा की सोने में निवेश (gold investment) विकल्प आपके वित्तीय लक्ष्यों, जोखिम लेने की क्षमता, नकदी की जरूरतों और निवेश अवधि पर निर्भर करता है। अगर आप कर लाभ और ब्याज आय चाहते हैं, सरकारी स्वर्ण बॉन्ड (हालांकि सरकार अब इसे जारी नहीं कर रही) अच्छा है। यदि आपको उच्च नकदी और कारोबार में आसानी चाहिए, गोल्ड ईटीएफ बेहतर है।
कलंत्री का कहना है कि अगर आप एसआईपी (SIP investment) में निवेश करना पसंद करते हैं, गोल्ड म्यूचुअल फंड (Gold Mutual Fund) अच्छा है। अगर आप भौतिक रूप से संपत्ति को महत्व देते हैं, सोने के सिक्के/छड़ (बनाने के शुल्क के कारण आभूषण नहीं) बेहतर है।
मोदी का कहना है कि सोने में निवेश के लिए कई तरह के विकल्प मौजूद हैं। जैसे गोल्ड ईटीएफ (Exchange Traded Fund), म्यूचुअल फंड, डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) या हाजिर बाजार में खरीदारी। यह निवेशकों की जोखिम लेने की क्षमता और अलग-अलग निवेश अवधि के लिहाज से उपयुक्त हैं।
सोने की कीमतों (gold prices) में लगातार हो रही बढ़ौतरी को लेकर उन्होंने कहा कि अनिश्चितता के बीच सोने में निवेश बढ़ता है। मौजूदा समय में यही स्थिति है। वैश्विक स्तर पर जारी तनाव और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) की शुल्क लगाने की चेतावनियों के बीच अनिश्चितता बढ़ने से सोने में निवेश का आकर्षण बढ़ रहा है। इसके अलावा, अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (US central bank Federal Reserve) के नीतिगत दर में कटौती की संभावना कम होने, दिवाली, 2024 के बाद से रुपये की विनिमय दर में में 3 फीसदी की तेज गिरावट से भी कीमतें बढ़ी हैं।
भविष्य में सोने की कीमतों (gold rate) को लेकर मोदी ने कहा की अमेरिका और अन्य देशों के बीच व्यापार युद्ध, वैश्विक स्तर पर तनाव बढ़ने, केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीद की होड़ जारी रहने, चीन में पुररुद्धार, धीमी वैश्विक वृद्धि की आशंका कुछ ऐसे कारण हैं जो कीमतों को समर्थन देना जारी रख सकते हैं।’’