Gold Rate : सोने के भाव में 25 फिसदी का बंपर उछाल, एक्सपर्ट ने बताया, आगे आएगी गिरावट या बढ़ेंगे रेट

HR Breaking News - (Gold Rate)। अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ नीति की खींच तान चल रही है। बीते दिनों चीन द्वारा अमेरिका पर 125 प्रतिशत तक टैरिफ लगाया है। वहीं, जवाब में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 245 प्रतिशत का टैरिफ (Tariff) लगा दिया है। दरअसल, अमेरिका और चीन के बीच चल रही इस ट्रेड वॉर (trade war) की वजह से सभी केंद्रीय बैंक निवेश के विकल्प के तौर पर सोना अर्जित करने लगे हैं। इससे वैश्विक बाजार में सोने की मांग बढ़ गई है।
सोने ने दिया 110 प्रतिशत का रिटर्न -
सोने की बढ़ती कीमतों (gold rate hike) की बात करें तो साल 2025 में अब तक लगभग 25 प्रतिशत की बढ़ौतरी हो चुकी है। पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो जहां मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX Gold Rate) पर 17 अप्रैल को सोने का भाव 95,239 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गया था,
जबकि आज से 5 साल पहले यानी 17 अप्रैल 2020 को सोने का दाम 44,906 रुपये प्रति प्रति तोला था। इसका मतलब यह है कि बीते पांच साल में सोने ने 110 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की है। इससे सोने में लॉन्ग टर्म के लिए निवेश (Gold long term investment) करने वाले निवेशकों को मोटा मुनाफा हुआ है।
जिस तरह से पिछले कुछ सालों में सोने की कीमतें (Gold Price) डबल इंजन की तरह रॉकेट की स्पीड से दौड़ रही हैं। ऐसे में अब हर किसी के मन में यही सवाल उठ रहा है कि अब कब तक सोना 1 लाख रुपये तोले के पार पहुंच जाएगा। या फिर इसमें मुनाफावसूली के चलते बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है?
क्यों महंगा हो रहा सोना -
HDFC सिक्योरिटीज में कमोडिटी एंड करेंसी के हेड, अनुज गुप्ता का कहना है कि अमेरिका, चीन, जापान और कई अन्य बड़े देशों के बीच चल रही ट्रेड वॉर के चलते आर्थिक मंदी का डर बना हुआ है। ऐसे में निवेशकों के लिए सोना सुरक्षित निवेश विकल्प के तौर पर बना हुआ है। इसी वजह से निवेश ज्यादातर सोने में इन्वेस्ट कर रहे हैं, जिसकी वजह से बाजार में सोने (sone ka bhav) की मांग तेजी से बढ़ी है और इसकी कीमतें सातवें आसमान पर जा पहुंची है।
US फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल सहित कई एक्सपर्ट का कहना है कि 1 प्रतिशत टैरिफ वृद्धि से अमेरिकी विकास दर में 0.10 प्रतिशत की कमी आ सकती है। इस स्थिति के चलते निवेशकों में सोना निवेश का सबसे सुरक्षित विकल्प बना हुआ है।
क्या सस्ता होगा सोना?
सोने की कीमतों (gold rate) को लेकर एक्सपर्टस् की अलग अलग राय है। वहीं, गुप्ता का मानना है कि जिन कारणों से सोने में इतनी बढ़ौतरी देखने को मिली है, वह स्थिति अभी भी बनी हुई है। यह कहना गलत नहीं होगा कि अभी कई देशों के बीच ट्रेड वॉर के बादल छंटे नहीं है, इसलिए इन परिस्थितियों को देखते हुए आने वाले समय में सोने की कीमतों में गिरावट की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है।
ग्लोबल ब्रोकरेज गोल्डमैन ने भी गोल्ड रेट (gold rate latest update) के आगमी आंकड़े जारी कर दिए हैं - अब यह 3,700 डॉलर प्रति औंस है। और अगर स्थिति और गंभीर होती है, तो यह 4,500 डॉलर प्रति औंस तक भी जा सकता है। ऐसे में किसी भी गिरावट को खरीदारी के मौके के तौर पर देखा जाना चाहिए।
क्या 1 लाख रुपये तोला होगा सोना?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि तो सोने की कीमतों (gold price) में आगे भी उछाल आने की संभावना है। बैंक ऑफ अमेरिका के एनालिस्ट्स का अनुमान है कि अगले 2 सालों में COMEX सोने की कीमतें 3,500 प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं, जबकि गोल्डमैन को उम्मीद है कि 2025 के आखिरी महीने तक गोल्ड $3,300 प्रति औंस पर पहुंच जाएगा। यदि ऐसा होता है तो भारत में भी सोने की कीमत 1 लाख प्रति 10 ग्राम हो जाएगी।