Gold Rate : सोना गिरा औंधे मुंह, 22 कैरेट सोने के रेट में 3050 रुपये की गिरावट, जानिये 24 कैरेट गोल्ड के रेट

HR Breaking News - (Gold Price Down)। सोने की बढ़ती कीमतों ने आम लोगों के पसीने छूड़ा दिए हैं। परंतु अब तेज रफ्तार से दौड़ती सोने की कीमतों पर ब्रेक लगा है। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनिश्चिता का माहौल कम हुआ है। इससे शेयर बाजार (stock market) में तेजी देखने को मिली है और निवेशकों ने गोल्ड से पैसा निकालना शुरू कर दिया है और अन्य निवेश विकल्पों में निवेश कर रहे हैं। ऐसे में अचानक सोने की डिमांड़ घटने से सोने में बड़ी गिरावट आई है।
22 कैरेट सोने में आई 3,050 रुपये गिरावट -
सोने के भाव (Gold Rate Down) में लगातार दूसरे हफ्ते गिरावट दर्ज की गई है। पिछले एक सप्ताह में 24 कैरेट सोने की कीमतों में 3,330 रुपये की कमी आई है। सोना सस्ता होकर दिल्ली में 97,570 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया है। वहीं, 22 कैरेट गोल्ड (22 carat gold rate) की बात करें तो एक हफ्ते में 3,050 रुपये की गिरावट आई है। आईये जानते हैं देश के प्रमुख शहरों मे सोने चांदी का ताजा भाव -
दिल्ली में सोने का रेट -
24 कैरेट सोने का भाव 97,570
22 कैरेट का भाव 89,450
कोलकाता -
24 कैरेट गोल्ड का रेट 97,420
22 कैरेट सोने की कीमत 89,300
चेन्नई -
24 कैरेट गोल्ड का रेट 97,420
22 कैरेट सोने की कीमत 89,300
मुंबई -
24 कैरेट गोल्ड का रेट 97,420
22 कैरेट सोने की कीमत 89,300
जयपुर -
24 कैरेट सोने का भाव 97570
22 कैरेट सोने का रेट 89450
लखनऊ -
24 कैरेट सोने का भाव 97570
22 कैरेट सोने का रेट 89450
चंडीगढ़ -
24 कैरेट सोने का भाव 97570
22 कैरेट सोने का रेट 89450
हैदराबाद में सोने भाव -
22 कैरेट सोने की कीमत 89300
24 कैरेट सोने की कीमत 97420
भोपाल -
22 कैरेट सोने की कीमत 89350
24 कैरेट सोने की कीमत 97470
अहमदाबाद -
22 कैरेट सोने की कीमत 89350
24 कैरेट सोने की कीमत 97470
चांदी का ताजा भाव -
सोने की तरह चांदी की कीमतों (Gold Silver Rate) में भी तगड़ी गिरावट देखने को मिली है। एक हफ्ते में चांदी के भाव में 2200 रुपये की कमी आई है। 29 जून को चांदी 1,07,800 रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही है।
एक्सपर्ट का अनुमान है कि जून के आखिरी तक चांदी की कीमत (Silver Price) 1,30,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती हैं। एक्सपर्ट ने चांदी में तेजी आने के पीछे के तीन अहम कारण हैं- चीन का रेयर-अर्थ मैग्नेट्स के निर्यात पर प्रतिबंध, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) में चांदी का बढ़ता इस्तेमाल, और लगातार पांचवें साल वैश्विक आपूर्ति घाटा।