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होम लोन वालों की EMI हो गई कम, जानिये 40 लाख के लोन वालों को कितनी होगी बचत

RBI Rate Cut : आज के समय में आमतौर पर जब भी लोन घर बनाने के बारे में विचार करते हैं तो उन्हें होम लोन (Home Loan Update) का सहारा लेना पड़ता है। हाल ही में आरबीआई से होम लोन को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। आरबीआई के इस अपडेट की वजह से होम लोन की इएमआई भी कम हो गई है। आइए जानते हैं 40 लाख के लोन वालों के लिए कितनी बचत होगी।

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होम लोन वालों की EMI हो गई कम, जानिये 40 लाख के लोन वालों को कितनी होगी बचत

HR Breaking News - (Home Loan EMI Calculation) अगर आप भी होम लोन लेने के बारे में विचार कर रहे हैं या फिर आपने पहले से ही कोई होम लोन लिया हुआ हैं तो ये खबर आपके काफी काम की हो सकती है। हाल ही में आरबीआई (RBI latest Update) ने होम लोन को लेकर एक बड़ा अपडेट जारी किया है। जारी किये गए अपडेट के मुताबिक अब लोगों के लिए होम लोन लेना काफी ज्यादा आसान होने वाला है। खबर में जानिये इस बारे में पूरी डिटेल्स।

कम हुआ रेपो रेट - 


हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI Update on home loan) ने नीतिगत ब्याज दरों यानी रेपो रेट को 25 बेसिस पॉइंट्स तक कम कर दिया है। बैंक के इस ऐलान की वजह से लोन लेने वालों को भारी राहत मिली है। आरबीआई का नया रेपो (new repo rate) 6.25 प्रतिशत के हिसाब से घोषित किया जा चुका है। इस फैसले के बाद से ही होम लोन लेने वालों की हर महीने दी जाने वाली किस्त यानी मंथली EMI (home loan) में कमी देखने को मिल सकती है।

EMI का भोझ होगा कम-


अगर आपके होम लोन की ईएमआई (EMI - Equated Monthly Instalment) के अंदर कमी आती हैं तो इसकी वजह से आपको बैंक की ओर से ब्याज दरों में कटौती का एलान भी किया जा सकता है। आरबीआई (RBI Monetary Policy) के निर्णय के मुताबिक अब बैंकों की ओर से इसी अनुपात में ब्याज दरें को घटाए जाने की उम्मीद की जा सकती है। इसके हिसाब से ही ब्याज भुगतान पर होने वाले संभावित फायदों को कैलकुलेट किया जाएगा। 

अगर आपने 40 लाख रुपये की राशि का होम लोन लिया हैं और इस लोन का टैन्यौर 20 साल का हैं तो ऐसे में आपको कुल 240 मंथली EMI का भुगतान करना होगा। 

वहीं अगर आपके होम लोन की सालाना ब्याज दर 9 प्रतिशत के हिसाब से हैं तो आपको हर माह लगभग 35,989 रुपये मंथली किश्तों का भुगतान करना होगा।

20 साल में ही आपको इंटरेस्ट पेमेंट यानी ब्याज भुगतान के तौर पर कुल करीब 46.37 लाख रुपये को देना होगा।

अगर रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती (Repo rate kitna kaam hua h) के बाद आपका बैंक भी ब्याज दर में कटौती कर देता है तो ऐसे में आपके लोन पर लगने वाला ब्याज 9 प्रतिशत से कम होकर 8.75 प्रतिशत तक हो जाएगा। 

ऐसे बैंक आपकी लोन EMI को घटकर करीब 35,348 रुपये तक का किया जा सकता हैं। 

20 साल में कुल इंटरेस्ट पेमेंट को भी घटकर लगभग 44.83 लाख रुपये तक किया जा सकता है। 

यानी आपको हर माह ईएमआई के रुप में 641 रुपये तक बचा सकते हैं।

20 साल में आपकी कुल बचत लगभग 1.54 लाख रुपये तक हो जाएगी।


लोन की EMI घटाएं या टेन्योर? 


जब ब्याज दरों में कटौती (RBI repo rate cut impact on home loan) की जाती हैं तो ऐसे में बैंक आपको EMI कम करने या फिर लोन के टेन्योर को कम करने का भी ऑप्शन दिया जाता है। अगर आप EMI को कम करने की जगह लोन के टेन्योर को घटाने का फैसला करते हैं, तो आप कुल इंटरेस्ट पेमेंट में ज्यादा पैसे की बचत कर सकते हैं और अपने सपने को साकार कर सकते हैं।

उदाहरण के तौर पर अगर ब्याज दर को 9 प्रतिशत से घटकर 8.75 प्रतिशत तक कर दिया जाता हैं तो ऐसे में आपको हर महीने 35,989 रुपये की किस्त का भुगतान करना होगा। 

वहीं इस परिस्थिति में आपकी लोन (Home loan EMI reduction) की कुल EMI की संख्या भी 240 से घटकर 229 तक हो जाएगी। 

आपको उतना ही लोन चुकाने के लिए 11 EMI का कम भुगतान करना होगा। 

जिसका मतलब हैं कि आपका लोन 11 महीने पहले ही समाप्त हो जाएगा।

ऐसे में आपकी कुल बचत 11x35,989 रुपये = 3,95,879 रुपये तक होगी। 

वहीं ईएमआई की रकम को घटाने पर होने वाली बचत भी लगभग 1.54 लाख रुपये थी।

इसकी वजह से ये सपष्ट किया जा सकता है कि ईएमआई की रकम (EMI ammount) को घटाने की तुलना में टेन्योर कम करने से होने वाला फायदा भी दोगुने से ज्यादा होगा। ऐसे में अगर आपका बजट इसकी इजाजत देता है, तो ऐसे में आपको ईएमआई (EMI calculator) की रकम को बनाए रखने के लिए लोन का टेन्योर घटाने का विकल्प भी चुनना काफी ज्यादा जरूरी है।

रेपो रेट का बैंको असर-


आरबीआई के रेपो रेट को घटाने (RBI repo rate cut) के एलान यह नहीं है कि कॉमर्शियल बैंकों की ब्याज दरें अपने आप घट जाएंगी, लेकिन ये अक्टूबर 2019 के बाद से ही लागू होंगी। सभी फ्लोटिंग रेट होम लोन को बाहरी बेंचमार्क से जोड़ा जाएगा। इसमें रेपो रेट (Repo rate) को भी शामिल किया गया है। इस वजह से रेपो रेट में कटौती की वजह से होम लोन के ब्याज दरों पर भी प्रभाव देखने को मिलेगा। 

बैंकों से उधार लेना भी होगा काफी आसान-


रेपो रेट एक तरह का ब्याज दर है जिसके अधार पर RBI कॉमर्शियल बैंकों को शॉर्ट टर्म के लिए फंड उधार देता है। जब RBI रेपो रेट (0.25% repo rate cut effect) में कटौती करता है, तो बैंकों के लिए उधार लेना भी काफी ज्यादा सस्ता होने वाला है। इसकी वजह से उनकी फंड की लागत भी कम हो जाती है। वे अपने ग्राहकों को कम ब्याज दर पर लोन दे सकते हैं। इसके अलावा रेपो रेट (rbi repo rate) को पॉलिसी रेट या नीतिगत ब्याज दर भी कहते हैं, इसकी वजह से ये पता चलता है कि रिजर्व बैंक इस वक्त किस तरह की मॉनेटरी पॉलिसी को लागू करने के बारे में विचार कर रहा है।  कॉमर्शियल बैंकों के लिए ये काफी उचित संकेत हो सकता है।