Home Loan EMI : घर खरीदना सही रहेगा या किराए पर लेना,समझ ले पूरी कैलकुलेशन वरना हो जाएगा नुकसान

HR Breaking News - (Home Loan EMI) देश भर में प्रॉपर्टी की कीमतें हर रोज बढ़ती ही जा रही है। बढ़ रही प्रॉपर्टी की कीमतों को देख हर किसी के लिए खुद का घर खरीदना कोई आम बात नहीं है। बजट कम होने की वजह से कई लोग घर खरीदते वक्त होम लोन का सहारा लेते हैं। लेकिन कई लोग होम लोन की ईएमआई (Home Loan EMI) भरने की बजाय किराए पर घर लेना सही मानते हैं। आइए जानते हैं इनमें से कौन सा फायदेमंद है।
अकसर नौकरी लगते ही उठाते है ये कदम
नौकरी और डाउन पेमेंट का जुगाड़ होते ही घर खरीदने के लिए होम लोन (Home Loan) आसानी से मिल जाता है। इसलिए आमतौर पर लोग नौकरी लगते ही घर खरीदने का बड़ा फैसला ले लेते हैं। डाउन पेमेंट (Down Payment) का जुगाड़ इधर-उधर से हो जाता है।
लेकिन क्या जॉब लगते ही मकान खरीदने का फैसला सही होता है? और क्या करियर की शुरुआत में होम लोन (Home Loan) लेना सही कदम होता है? चलिए इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं -
गौरतलब है कि कर्ज लेकर घर या फ्लैट खरीदना क्यों फायदे का सौदा नहीं है और वो भी पहली जॉब लगते ही। यदि आप ऐसा करते हैं तो फाइनेंशियल तौर पर बंध जाते हैं। इससे अच्छा तो आप रेंट पर मकान लेकर ही रहें। आज खुद से भी हिसाब लगा सकते हैं कि आपके लिए क्या सही कदम होगा।
अक्सर जब लोग भी होम लोन या अन्य लोन लेकर घर खरीदते हैं तो वह EMI में बंधकर रह जाते हैं। एक रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक देश में ज्यादातर लोग कम से कम 20 साल के लिए होम लोन (home loan tips) लेते हैं। एक उदाहरण के तौर पर समझते हैं खुद का घर खरीदने में फायदा है या किराये के मकान में रहना फायदे का सौदा है...
बड़े शहरों में कितने में मिल जाता है 2BHK फ्लैट
देश में ज्यादातर मिडिल क्लास परिवार 2BHK फ्लैट खरीदते हैं, खासकर मेट्रो शहरों में यही ट्रेंड है। शहरों के हिसाब से 2BHK फ्लैट की कीमत तय होती है। यदि हम दिल्ली-NCR को उदाहरण के तौर पर लें तो यहां 2BHK फ्लैट लगभग 50 लाख रुपये में मिल जाते हैं।
इसके लिए लगभग 15 प्रतिशत तक अमाउंट डाउन पेमेंट (Down Payment) करना होता है। यानी लगभग 7 से 8 लाख रुपये डाउन पेमेंट करना होता है। इसके साथ ही Stamp Duty, Registration Charges और ब्रोकरेज अलग से लगता है।
इसके अलावा नया घर खरीदने पर अक्सर लोग नए फर्नीचर और डेकोरेशन के सामान भी खरीदते हैं, जिसपर एक अनुमान के अनुसार 4 लाख रुपये तक का खर्चा कर देते हैं. डाउन पेमेंट और इस खर्च को जोड़ें तो घर में आने से पहले 12 लाख रुपये तक अलग खर्चा हो जाता है।
लोन पर लेते है घर तो हर महीने इतनी बनती है EMI...
मान लीजिए लगभग 50 लाख रुपये का फ्लैट खरीदने के लिए कोई यदि 7 लाख रुपये डाउन पेमेंट करता है और बाकी 43 लाख रुपये होम लोन लेता है। सिबिल स्कोर (Credit Score) अच्छा होने पर वर्तमान समय में 9 प्रतिशत ब्याज दर पर होम लोन आसानी से मिल जाता है।
9 प्रतिशत ब्याज के हिसाब से 20 साल के लिए 43 लाख रुपये के होम लोन पर 38,688 रुपये की प्रति माह EMI बनती है। इसके अलावा डाउन पेमेंट और बाकी चीजों पर आपको लगभग 12 लाख रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
किराये पर मकान लेने में इतना होगा फायदा
अब दूसरी स्थिति को देखते हैं। अगर आप नया घर खरीदने की बजाय किराये (home loan tips) पर रहने का फैसला करते हैं, और जो फ्लैट खरीद रहे थे उसे ही किराये (Flat On Rent) पर लेते हैं, जिसका हर महीने किराया लगभग 15 से 17 हजार रुपये हो सकता है। हालांकि, इतने रुपये में छोटे या बड़े शहरों में रेंट पर घर आसानी से उपल्बध हो जाते हैं।
ऐसे में प्रति माह आपके पास सेविंग (Saving) के लिए लगभग 21 हजार रुपये से अधिक बच जाएंगे। अब अगर आप इन पैसों को सही जगह निवेश करते हैं तो करोड़ों रुपये का मोटा फंड तैयार कर सकते हैं। आज बजार में इन्वेस्टमेंट के लिए अनेकों विकल्प मौजूद हैं जो तगड़ा रिटर्न भी देते हैं।
होम लोन की किस्त बचाकर तैयार हो जाएगा 3.18 करोड़ का फंड
अगर आप कम पैसे निवेश करके अधिक रिटर्न (Return) चाहते हैं तो इस मामले में एसआईपी (SIP) सबसे अच्छा इन्वेस्टमेंट विकल्प है।
SIP में 10 से 12 प्रतिशत का रिटर्न (Home Loan EMI Calculator) आसानी से मिल जाता है यदि आप हर महीने 21 हजार रुपये निवेश करते हैं, और उसपर 12 प्रतिशत का रिटर्न मिलता है तो आपको 20 साल के बाद लगभग 2.09 करोड़ रुपये का फंड तैयार हो जाएगा।
जबकि आप 20 साल में लगभग 50 लाख रुपये इन्वेस्ट करेंगे। SIP में 15 प्रतिशत रिटर्न मिलना भी कोई बड़ी बात नहीं है। अगर 15 प्रतिशत रिटर्न मिलता है तो 20 साल के बाद करीब 3.18 करोड़ रुपये मिलेंगे।
इस हिसाब से आप अगर नौकरी लगते ही घर खरीदने का फैसला नहीं लेते हैं और किराये के मकान में रहकर ही निवेश करते हैं तो एक साथ दो घर आसानी से खरीद सकते हैं और आपको कभी फाइनेंशियल तंगी का भी सामना नहीं करना पड़ेगा।