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Home loan : इन 5 आसान तरीकों से कम कर सकते हैं होम लोन की EMI, हर महीने नहीं पडेगा किस्तों का बोझ

Home loan EMI : घर खरीदना एक बड़ा सपना होता है और होम लोन इस सपने को साकार करने में अहम भूमिका निभाता है। लेकिन होम लोन की ईएमआई का बोझ कई बार आम आदमी पर भारी पड़ सकता है। अगर आप भी होम लोन लेने की सोच रहे हैं या (home loan emi reduction) पहले से ही होम लोन चुका रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती हैं। आप यहां बताए गए 5 तरीकों से अपने होम लोन की ईएमआई का बोझ कम कर सकते हैं...

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Home loan : इन 5 आसान तरीकों से कम कर सकते हैं होम लोन की EMI, हर महीने नहीं पडेगा किस्तों का बोझ

HR Breaking News - (Home Loan Details) आज के समय में मनपसंद घर खरीदना काफी मुश्किल है। अक्सर लोगों को अपने सपनों का घर लेने के लिए लोन का सहारा लेना पड़ता है। लेकिन, होम लोन की बढ़ती किस्तें एक बड़ी चिंता का विषय बन जाती हैं। अगर आप भी होम लोन की किस्तों से परेशान हैं तो घबराएं नहीं, क्योंकि इन्हें कम करने के कुछ तरीके हैं।

अधिकतर लोगों को इन तरीकों (home loan emi calculator) के बारे में जानकारी नहीं होती हैं। अगर आप भी इन तरीकों पर अम्ल करें तो यह आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं, लेकिन कुछ के नुकसान भी हो सकते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से -

इन तरीकों से होता है लोन ईएमआई कम?

1. क्रेडिट स्कोर- 


हमारे लोन और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल हमारे क्रेडिट स्कोर पर गहरा प्रभाव डालता है। एक अच्छा क्रेडिट स्कोर एक मजबूत नींव की तरह हमें लोन प्राप्त करने में मदद करता है।  बैंक हमारे अच्छे क्रेडिट स्कोर को देखकर हमें लोन देने में अधिक उत्सुक होते हैं।

इसके (Cibil Score For Home Loan) अलावा एक अच्छा क्रेडिट स्कोर हमें कई तरह के लाभ भी दिलाता है। बैंक हमारे अच्छे क्रेडिट स्कोर को देखकर हमें बेहतर ब्याज दरें और अन्य विशेष लाभ प्रदान करने को तैयार रहते हैं जिसके चलते आपको कम ईएमआई का भी लाभ मिल सकता हैं। 


2.डाउन पेमेंट बढ़ाना- 


होम लोन लेते समय हमें कुछ पैसे डाउन पेमेंट के रूप में देने होते हैं। बैंक बाकी की राशि हमें लोन के रूप में प्रदान करता है जिसे हम ईएमआई के माध्यम से धीरे-धीरे चुकाते हैं।

अगर हम डाउन (Home Loan Down Payment) पेमेंट की राशि बढ़ा देते हैं, तो लोन की कुल राशि कम हो जाती है। इसका मतलब है कि हमें बैंक को कम ब्याज देना होगा। कम ब्याज का मतलब है कि हमें कम ईएमआई देनी होगी। इस प्रकार, डाउन पेमेंट बढ़ाने से हम लोन की कुल लागत को कम कर सकते हैं।


3.प्री-पेमेंट- 


यह सच है कि आप लोन की अवधि खत्म होने से पहले अतिरिक्त भुगतान करके अपनी ईएमआई कम कर सकते हैं। इससे आपकी ब्याज राशि भी कम हो जाती हैं। समय से पहले पूरा लोन चुका देने को प्रीपेमेंट कहते हैं, इस प्रक्रिया के लिए हर बैंक का अलग नियम होता हैं। कुछ बैंक प्रीपेमेंट पर कोई शुल्क नहीं लेते हैं, जबकि अन्य बैंक एक निश्चित प्रतिशत शुल्क वसूल सकते हैं। 


4.अलग-अलग होम लोन की तुलना- 


अगर आप भी होम लोन लेने जा रहे हैं तो यह बेहद जरूरी हैं कि लोन लेने से पहले अलग-अलग बैंकों द्वारा ऑफर किए गए ब्याज दरों की तुलना करना बेहद जरूरी है। यह कदम आपको भारी फायदा दिला सकता है। आप फ्लोटिंग रेट के तहत लोन लेने का विकल्प चुन सकते हैं।

लेकिन अगर बैंक रेपो रेट में बदलाव के बाद भी अपने फ्लोटिंग रेट में बदलाव नहीं करता है, तो ऐसे बैंक से लोन लेने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि रेपो रेट में बदलाव के साथ फ्लोटिंग रेट में बदलाव होने पर आपकी ईएमआई कम हो सकती है, जो आपके लिए फायदेमंद होगा।


5. रिफाइनेंस- 


रिफाइनेंस करने का मतलब है कि आप अपने मौजूदा लोन को किसी नए बैंक या वित्तीय संस्थान से कम ब्याज दर पर फिर से ले सकते हैं। यानी लोन लेने के बाद अगर आपको कोई बेहतर विकल्प मिलता है, तो आप रिफाइनेंस कर सकते हैं। इससे आपकी ईएमआई कम हो सकती है और आपको लोन चुकाने में आसानी होगी।

हालांकि, रिफाइनेंस करने पर आपको कुछ खर्च भी करने पड़ सकते हैं। जैसे, आपको प्री-क्लोजर फीस देनी पड़ सकती है, जो कि आपका मौजूदा लोन चुकाने पर लगने वाला चार्ज होता है। ये चार्ज अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग होते हैं। 

होम लोन लेना क्यों है जरूरी?


आज के महंगाई भरे जमाने में पूरे पैसे देकर घर खरीदना हर किसी के लिए संभव नहीं होता। इसी के चलते अपने घर का सपना पूरा करने के लिए होम लोन लेना बेहद आवश्यक हो जाता है। होम लोन की मदद से घर खरीदने पर आपकी जमा पूंजी या सेविंग्स पर ज्यादा असर भी नहीं पडता हैं।

क्योंकि होम लोन के जरिए आप अपने घर की कीमत का भुगतान धीरे-धीरे करते हैं, इसलिए आपकी बचत पर कोई असर नहीं पड़ता है। हालांकि, घर की कीमत के अलावा आपको ब्याज भी चुकाना होगा। अगर आप लंबी अवधि के लिए लोन लेते हैं, तो आपकी ईएमआई राशि कम हो जाएगी।