5 साल के लिए FD या नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट में कर रहे हैं निवेश, तो पहले जानें ये 3 बातें, कौन सा ज्यादा फायदे का सौदा
NSC vs FD : अगर आप पांच साल के लिए निवेश करने की सोच रहे हैं तो ये खबर आपके लिए जरूरी है। आप एफडी या नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट में निवेश कर सकते हैं। लेकिन आपको पहले ये जानना होगा कि कौन सा ज्यादा फायदे का सौदा है।

HR BREAKING NEWS (ब्यूरो) : 5 साल यानी लंबी अवधि के निवेश की योजना बना रहे हैं और समझ नहीं पा रहे हैं कि फिक्स्ड डिपॉजिट और नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट में कौन-सा ऑप्शन ज्यादा बेहतर है। इन दोनों ही ऑप्शन के बीच एक अंतर को समझ लें तो फैसला लेने में आसानी हो सकती है।
फिक्स्ड डिपॉजिट और नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट को लेकर ब्याज और इनकम टैक्स के नियमों की जानकारी मायने रखती है। निवेश के दोनों विक्लपों के अंतर को समझाने के लिए यहां ब्याज दर, निवेश की राशि और इनकम टैक्स से जुड़े नियमों की जानकारी दे रहे हैं।
ये भी जानें : दिल्ली में 15 साल बाद बढ़ाए गए सर्किल रेट, 1 करोड़ की जमीन हो गई 10 करोड़ की
NSC vs FD: ब्याज दर
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट में अभी 7.7% की दर से कंपाउंडिंग ब्याज दिया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर एसबीआई, पोस्ट ऑफिस और आईसीआईसीआई जैसे बैंक 5 साल के फिक्स्ड डिपॉजिट पर 6.5% से 7.5% तक सालाना ब्याज दिया जा रहा है।
NSC Vs FD: निवेश राशि
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट में निवेश की कोई सीमा नहीं है। स्कीम के साथ 100, 500, 1000, 5000, 10,000 और इससे ज्यादा के सर्टिफिकेट मिलते हैं। देश के लगभग सभी प्रमुख बैंकों और पोस्ट ऑफिस में 1000 रुपये से एफडी शुरू की जा सकती है।
ये भी पढ़ें : NCR में इस जगह सबसे ज्यादा प्रोपर्टी खरीद रहे लोग, कम कीमत होने के कारण बढ़े खरीदारी
NSC Vs FD: इनकम टैक्स के नियम
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट और फिक्स्ड डिपॉजिट में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत छूट 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर ली जा सकती है। निवेश के दोनों विकल्पों में अंतर को समझने की कोशिश करें तो पाते हैं कि नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट पर टीडीएस नहीं काटा जाता है।
वहीं दूसरी ओर फिक्स्ड डिपॉजिट में अगर सालाना ब्याज की राशि 40 हजार रुपये से ज्यादा बनती है तो 10 प्रतिशत टीडीएस कटना शुरू हो जाता है। हालांकि, सीनियर सिटीजंस के केस में यह सीमा 40 हजार की जगह 50 हजार हो जाती है।