NPS वालों के लिए जरूरी अपडेट, बदल गए ये नियम
NPS - अगर आप नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) के खाताधारक है तो ये खबर आपके बड़े काम की है। दरअसल आपको बता दे कि इस स्कीम में चार्ज से जुड़े कुछ नियम बदल गए हैं। ऐसे में चलिए आइए नीचे खबर में जानें, इन नियमों में क्या बदलाव हुआ है।
HR Breaking News, Digital Desk- PoP Charges are Changed : नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में पॉइंट ऑफ प्रेजेंस (PoP) से जुड़े चार्ज स्ट्रक्चर में बदलाव किया गया है। यह बदलाव पेंशन फंड रेग्युलेटरी एंड डेवलेपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने किए हैं। दरअसल, PFRDA का काम NPS को रेग्युलेट करना है। PFRDA ने चार्ज स्ट्रक्चर से जुड़े जिन नियमों को बदला है, उसके लिए सर्कुलर भी जारी कर दिया गया है।
जानें, क्या है PoP-
कस्टमर के लिए NPS अकाउंट खुलवाने और उसे ऑपरेट करने में आसानी हो, इसकी जिम्मेदारी PoP पर होती है। इनकी नियुक्ति PFRDA की ओर से होती है। PoP का एक पूरा ब्रांच नेटवर्क होता है, जिसे PoP-SP कहते हैं। PoP-SP ऐसा पहला पॉइंट होता है जिसके जरिए कस्टमर और NPS आपस में कॉन्टेक्ट कर सकते हैं। कस्टमर को सर्विस देने के बदले PoP कुछ फीस लेते हैं।
चार्ज की तय हुई लिमिट-
सर्विस प्रोवाइडर जो फीस लेंगे, बदलाव उसी में किया गया है। दरअसल, पहले PoP जो चार्ज लेते थे, उसकी कोई लिमिट नहीं होती थी। इसके लिए कस्टमर PoP के पास मोलभाव करते थे। अब इस फीस की मिनिमम और मैक्सिमम लिमिट तय कर दी गई है। हालांकि कस्टमर पहले की तरह मोलभाव कर सकेंगे।
बदल गए ये नियम-
अगर कोई शख्स NPS में शुरुआती रजिस्ट्रेशन कराता है तो उसे PoP को 200 से 400 रुपये तक देने होंगे।
शुरुआती कंट्रीब्यूशन पर 0.50 फीसदी तक चार्ज देना होगा। हालांकि यह चार्ज 30 रुपये से 25 हजार रुपये के बीच में रहेगा।
सभी नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन पर चार्ज 30 रुपये हैं जो फिक्स रहेंगे।
क्या है NPS-
यह एक टैक्स सेविंग स्कीम है। इसमें आप कुछ रकम इन्वेस्ट करते हैं। 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद आपको इन्वेस्ट रकम का एक हिस्सा मिल जाता है और दूसरे हिस्से से आपको पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है। लगभग सभी बैंक NPS की सुविधा देते हैं। रिटायर होने या 60 साल की उम्र के बाद इस रकम में से आपको बीमा कंपनियों से एन्युटी खरीदनी होती है और इसी से आपको पेंशन मिलती है। इस स्कीम में शामिल होने की उम्र 18 से 60 साल के बीच है।