Income Tax : टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत, अब इतने साल पुराने मामले नहीं खोल पाएगा इनकम टैक्स विभाग
Income Tax :आयकर विभाग देश में रुपयों के लेन देन पर नजर रखता है। आयकर विभाग ही देखता है कि किसने टैक्स भरा है, किसने नहीं, कहीं भी टैक्स में गड़बड़ी मिलती है तो आयकर विभाग (Income Tax) नोटिस भेजकर जवाब मांग सकता है। अब सवाल आता है कि आखिर कितने साल पुरानी गड़बड़ी के लिए आयकर विभाग को जांच का अधिकार है। आइए जानते हैं।

HR Breaking News (Income Tax) आयकर विभाग की कार्रवाई से अच्छों अच्छों को पसीना आ जाता है। जब आयकर विभाग अपनी कार्रवाई शुरू करता है तो लोग डर जाते हैं। देश के राजस्व को बढ़ाने के लिए आयकर विभाग लगातार टैक्स चोरी व गड़बड़ी के मामलों की जांच करता रहा है।
आयकर विभाग की कार्रवाई कानून के हिसाब से चलती है, इसमें यह भी नियम है कि कितने साल बाद तक आयकर विभाग जांच बैठा सकता है। आइए जानते हैं-
पुराने मामलों को लेकर चिंतित रहते हैं लोग
लोगों को आयकर विभाग की कार्रवाई का डर सताया रहता है। लोग आयकर के पुराने केसेज को लेकर भी चिंता में रहते हैं। परंतु, हाईकोर्ट का एक फैसला आया है, इसमें टैक्स (Income Tax) देने वालों को बड़ी राहत मिली है। इसके अनुसार कुछ समय पुराने मामले आयकर विभाग नहीं खोल सकता है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया बड़ा फैसला
आयकर की कार्रवाई के मामलों में देश की राजधानी दिल्ली के हाई कोर्ट की ओर से महत्वपूर्ण आदेश दिया गया है। इसमें कहा गया है कि आयकर विभाग (Income Tax) एक तय समय सीमा से पुराने मामलों को नहीं खोल सकता। हाईकोर्ट के फैसले से टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिली है। इससे काफी संख्या में लोग लाभांवित होंगे।
कितने साल बाद नहीं खुल सकता मामला
दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High court) के आदेश में कहा गया है कि आयकर विभाग की ओर से तीन साल से ज्यादा पुराने आयकर से संबंधित मामले नहीं खोले जा सकते हैं।
कुछ ही मामले हैं, जिनकों छोड़कर बाकी को नहीं खोला जा सकता है। आयकर विभाग आम मामलों में 3 साल के बाद रीअसेसमेंट ऑर्डर (reassessment order) जारी नहीं कर सकता।
इन मामलों में ज्यादा टाइम
आयकर विभाग की ओर से री असेसमेंट (Income tax reassessment order) के लिए 10 साल पुराने मामले खोलने का अधिकार है। इसमें भी कुछ शर्तें हैं। यह दस वर्ष की समयसीमा तभी लागू होगी जब टैक्स चोरी 50 लाख रुपये की हो। सीरियस फ्रॉड के मामले में भी दस साल तक के पुराने मामले खोले जा सकते हैं।
हाईकोर्ट ने कही ये बात
दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से खास केस की सुनवाई की गई। यह सुनवाई जस्टिस राजीव शकधर और जस्टिस गिरीश कथपालिया की बेंच ने की। इसमें अदालत ने कहा कि ऐसेसमेंट के साल खत्म होने के तीन साल बाद सामान्य मामलों में नोटिस (Income tax Notice) जारी नहीं किया जा सकता।
कोर्ट ने साफ किया कि कुछ खास मामलों में ही तीन साल बाद नोटिस दिया जा सकता है। जिन मामलों में 50 लाख रुपये से अधिक आय छिपाई गई हो या फिर कोई गंभीर श्रेणी का टैक्स चोरी हो, वहां रीअसेसमेंट की जा सकती है।
इस धारा का है मामला
दरअसल, कोर्ट में जो मामला पहुंचा था उसमें इनकम टैक्स (Income tax) के अधिनियम की धारा 148 अनुसार याचिका कर्ता को जारी नोटिस की वैधता पर फैसला करना था। कोर्ट में साफ हुआ कि धारा 148 की पुरानी व्यवस्था के अनुसार आयकर अधिकारी 6 साल तक के पुराने मामलों पहले खोल सकता था। इसको सरकार ने बाद में बदल दिया था।