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Income Tax : इन 10 कमाई पर नहीं देना पड़ता एक रुपया भी टैक्स, जानिये इनकम टैक्स के नियम

what income is tax free : कई लोगों को लगता है कि हर तरह की कमाई पर टैक्स देना होता है लेकिन ऐसा नहीं होता। एक निश्चित सीमा से ज्यादा कमाई पर टैक्स लगता है इसमें सिर्फ सैलरी ही शामिल नहीं होती है बल्कि सैलरी के अलावा सेविंग से आने वाले ब्याज के पैसे पर भी टैक्स लगता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि कई तरह की इनकम पर एक रुपया भी टैक्स (tax free income) नहीं लगता। अब आप सोचेंगे क्या वाकई में ऐसा होता है? जी हां, ये बिल्कुल सच है। अगर आप भी टैक्स बचाना चाहते हैं तो चलिए नीचे खबर में जानते हैं किन इनकम पर टैक्स नहीं लगेगा। 

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Income Tax : इन 10 कमाई पर नहीं देना पड़ता एक रुपया भी टैक्स, जानिये इनकम टैक्स के नियम

HR Breaking News - (Income Tax Rule)। अगर आप टैक्सपेयर हैं तो ये खबर आपके काम की है। आयकर अधिनियम के अनुसार, भारत में रहने वाले हर व्यक्ति जो एक निश्चित सीमा से अधिक आय अर्जित करता है उसे टैक्स (Income Tax slabs) देना होता है। यह नियम हर किसी पर लागू होते हैं चाहे वह भारत का निवासी हो या अनिवासी। लेकिन आज बढ़ती महंगाई के इस दौर में हर कोई अपनी मेहनत की कमाई पर टैक्स बचाना चाहता है। इसके लिए लोग कई तरह के उपाय भी ढ़ूढ़ते हैं। लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कुछ ऐसी इनकम भी होती हैं जिनपर एक रुपया भी टैक्स नहीं लगता। आज हम आपको 10 ऐसी इनकम (tax free income) के बारे में बताने जा रहे हैं - 

 


निवेशकों को इतने रिटर्न पर नहीं देना होता टैक्स - 

 

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अगर आप शेयर (Shares) या इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund) में निवेश करते हैं और एक साल बाद इन्हें बेचने पर मिलने वाले 1 लाख रुपये तक का रिटर्न टैक्स फ्री (Tax Free) होता है। हालांकि, इस रिटर्न को LTCG के तहत गिना जाता है। वहीं, पिछले साल के बजट में यह प्रावधान किया गया था कि अगर शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड से मिलने वाला रिटर्न अगर 1 लाख रुपये से ज्यादा है तो उस पर LTCG लगाया जाएगा। यह रूल उन निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण हैं जो शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड में लॉन्ग टाइम तक investment करना पसंद करते हैं। 

EPF से कमाई-


अगर आप नौकरीपेशा हैं और पीएफ अकाउंट (PF Account) में हर महीने पैसे जमा होते हैं  तो ऐसे में PF अकाउंट में आपकी ओर से जमा रकम पर Income Tax कानून के Section 80C के तहत आयकर में छूट मिलती है। आपके EPF अकाउंट में नियोक्ता की तरफ से जमा किये जाने वाले रकम पर भी टैक्स छूट मिलती है। इसमें नियम यह है कि यह रकम आपकी बेसिक सैलरी (Basic Salary) के 12 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। यदि रकम इससे ज्यादा है तो बाकी रकम पर आपको टैक्स (Income Tax) देना होगा।  

बचत खाते से मिलने वाले ब्याज पर 

अगर आपका बैंक में सेविंग अकाउंट (savings account) है और उससे 1 साल में 10,000 रुपये तक का ब्याज मिलता है तो आपको इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80TTA के तहत यह छूट के दायरे में आता है। वहीं,  अगर सेविंग अकाउंट से सालाना 10,000 रुपये से अधिक ब्याज मिलता है तो अतिरिक्त रकम पर आपको टैक्स देना होगा। 

शादी में मिलने वाले गिफ्ट

अगर आपको शादी में दोस्तों से गिफ्ट मिलता है तो उस पर टैक्स नहीं लगता, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें हैं यदि आपको यह गिफ्ट शादी के दौरान या आसपास ही मिलता है तो उस पर इनकम टैक़्स नहीं देना होगा। मान लो अगर आपकी शादी आज है और गिफ्ट छह महीने बाद दिया जाए तो वह छूट के दायरे में नहीं आएगा। इसके अलावा, मिलने वाले गिफ्ट की वैल्यू 50,000 रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। अगर यह तय सीमा से अधिक तो अतिरिक्त राशि पर टैक्स देना पड़ेगा। 


पार्टनरशिप फर्म से मिला Profit


अगर आप किसी फर्म में पार्टनर हैं तो शेयर ऑफ प्रॉफिट (Share Of Profit) के तौर पर आपको मिली रकम इनकम टैक्स देनदारी से मुक्त है। वास्तव में आपकी पार्टनरशिप फर्म पहले ही इस पर Tax चुका देती है। इनकम टैक्स में छूट सिर्फ फर्म के मुनाफे पर है, आपको मिलने वाले वेतन पर नहीं।


VRS में मिली रकम


कई लोग नौकरी के बीच में ही (VRS) लेकर रिटायर हो जाते हैं। अगर आपने भी नौकरी का समयकाल पूरा होने यानी 58 साल की उम्र से पहले ही VRS लिया है तो आपको मिलने वाली 5 लाख रुपये तक की रकम टैक्स फ्री है। यह सुविधा केवल सरकारी या PSU (सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों) में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए ही है, निजी क्षेत्र के कामकाजी लोगों के लिए यह सुविधा नहीं है। 

Life Insurance Policy या मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम


अगर आपने जीवन बीमा पॉलिसी (life insurance policy) खरीदी है तो आपकी तरफ से इसका दावा करते वक्त या इसकी मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम पूरी तरह इनकम टैक्स से फ्री होती है। इसमें शर्त यह है कि आपकी जीवन बीमा पॉलिसी का सालाना प्रीमियम उसके सम अस्योर्ड के 10 प्रतिशत से ज्यादा न हो। अगर जीवन बीमा पॉलिसी में प्रीमियम इससे ज्यादा है तो आपको अतिरिक्त रकम पर टैक्स देना पड़ेगा। यदि आपने जीवन बीमा पॉलिसी अपने परिवार के किसी विकलांग या गंभीर बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति के लिए ली है तो प्रीमियम की रकम सम अस्योर्ड का 15 प्रतिशत तक हो सकती है।


विरासत या वसीयत में मिली दौलत


अगर आपको माता-पिता से विरासत में कोई दौलत, जेवरात या नकदी मिलती है, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा। अगर आपके नाम कोई वसीयत है, तो उसके जरिए मिली रकम पर भी टैक्स नहीं देना होता। हालांकि, आपको जो भी संपत्ति है, उससे होने वाली इनकम पर टैक्स देना पड़ेगा।

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बिजनेस में खिलाने-पिलाने पर


अगर आप कारोबार करते हैं तो ऐसे में आपको बिजनस (Business)  के दौरान कई तरह के लोगों से मिलना-जुलना होता है। इसमें ग्राहक, वेंडर और अन्य इम्पलॉई शामिल हैं। बिजनस की प्रक्रिया में ही उनको खिलाने-पिलाने का खर्च भी शामिल होता है। आपको इस तरह के खर्च का बिल रखना चाहिए और उसे व्यावसायिक खर्च के रूप में पेश करना चाहिए। अगर आप इस प्रक्रिया को अपनाते हैं तो आप इस रकम पर Income Tax बचा सकते हैं।

कृषि से होने वाली कमाई 


अगर आपके पास कृषि भूमि है और आप खेती से कमाई कर रहे हैं तो आपको उस इनकम पर किसी तरह का इनकम टैक्स (Agricultural Income) नहीं देना होता। कृषि आय में उससे होने वाली उपज, किराए के रूप में मिलने वाली रकम आदि भी शामिल है। अगर आप कृषि फ़ार्म बनाकर खेती करते हैं तो उससे होने वाली आमदनी भी इनकम टैक्स (Income Tax) फ्री है।