Income Tax : इस लिमिट से ज्यादा कैश में पेमेंट करने पर घर आएगा इनकम टैक्स का नोटिस, आयकर विभाग की है आप पर नजर
Income Tax update : आज के डिजिटल युग के चलते कोई ऑनलाइन बैंकिग सुविधा (Online banking facilities) का इस्तेमाल कर रहा है, लेकिन आज भी कुछ लोग ऐसे हैं, जो नकद लेन-देन का तरीका चुनते हैं। इनकम टैक्स विभाग नकद लेन-देन पर भी ध्यान रखता है। इनकम टैक्स विभाग ने नकद लेन-देन पर भी एक सीमा निर्धारित की हुई है, जिसका उल्लंघन करने से आपके घर इनकम विभाग का नोटिस भी आ सकता है।
HR Breaking News - (Income Tax Notice)। पहले की तरह अब भी कैश में पेमेंट करने वालों की कमी नहीं है। लेकिन बता दें कैश में लेन-देन एक सीमा तक ही किया जा सकता है, नहीं तो कड़ी कार्रवाई हो सकती है। इनकम टैक्स विभाग द्वारा हर ट्रांजैक्शन को लेकर नियम बनाया गया है, कैश में पेमेंट करने को लेकर भी विभाग द्वारा नियम (IT rules for transaction) तय है।
अगर आप एक लिमिट से ज्यादा कैश में पेमेंट करते हैं तो विभाग द्वारा आपके घर नोटिस भेजा जा सकता है। इस वजह से कैश में पेमेंट करने के दौरान आपको कुछ बातों का ध्यान देना चाहिए।
ट्रांजैक्शन हिस्ट्री में नकद प्रतिशत अधिक होने का असर -
अगर आप नियमित रूप से नकद का उपयोग करते हैं तो आपको सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि इनकम टैक्स विभाग आपके लेन-देन पर ध्यान रखता है और किसी भी असामान्य गतिविधि पर जांच कर सकता है।
अगर आपकी ट्रांजैक्शन हिस्ट्री में नकद (IT rules for Cash Transaction) का प्रतिशत अधिक है, तो आपको यह बताना पड़ सकता है कि पैसे का स्रोत क्या है। इसके तहत नोटिस भेजे जा सकते हैं। इस कारण से, नकद लेन-देन से बचने और वित्तीय ट्रांजैक्शंस को पारदर्शी रखना बेहतर होगा।
सभी लेन-देन होने चाहिए पारदर्शी -
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) वित्तीय गड़बड़ियों पर कड़ी नजर व निगरानी रखता है। ऐसे लोग जो बड़े लेन-देन के लिए नकद का इस्तेमाल करते हैं, वे विभाग की जांच के दायरे में आ सकते हैं।
इस तरह के लेन-देन को लेकर कुछ सख्त नियम बनाए गए हैं। इन नियमों को समझना और ध्यान में रखना जरूरी है ताकि आप किसी कानूनी परेशानी में न फंसें। विभाग द्वारा उठाए गए कदमों के चलते यह सभी लेन-देन पारदर्शी होना चाहिए।
एफडी में 10 लाख से अधिक का निवेश -
अगर आप एक साल में अपने बैंक अकाउंट में बड़ी राशि नकद जमा करते हैं, तो टैक्स विभाग आपसे इस बारे में पूछताछ कर सकता है। उदाहरण के तौर पर, करंट अकाउंट में 50 लाख रुपये तक की सीमा है, जबकि एफडी में 10 लाख से ज्यादा नहीं जमा कर सकते।
यदि आपको इससे अधिक जमा करने की जरूरत हो तो आप इसे चेक या ऑनलाइन ट्रांसफर (IT online payment transfer rules) के जरिए कर सकते हैं। इन नियमों को ध्यान में रखते हुए ही बड़ा लेन-देन करना चाहिए।
क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट में कैश भुगतान का असर -
अगर आप एक बड़े क्रेडिट कार्ड बिल को नकद में चुकता करते हैं, तो 1 लाख रुपये से अधिक की रकम पर सवाल हो सकता है। इसी तरह, निवेश के दौरान भी बड़ी नकद राशि का इस्तेमाल सीमित है। किसी भी वित्तीय साधन में, जैसे शेयर, म्यूचुअल फंड (Mutual Funds investments) या बॉन्ड, में एक साल में 10 लाख से ज्यादा नकद पैसा नहीं लगाया जा सकता। इससे ऊपर का लेनदेन करने पर टैक्स विभाग आपसे जानकारी मांग सकता है। यह नियम इसलिए महत्वपूर्ण है ताकि बड़ी नकद लेन-देन की सही निगरानी की जा सके।
प्रोपर्टी खरीदने में कैश ट्रांजैक्शन का नियम -
रियल एस्टेट ट्रांजैक्शंस (Real Estate cash transaction) में नकद भुगतान करना अक्सर देखा जाता है, लेकिन इसमें कुछ खास नियम होते हैं जिन्हें समझना जरूरी है। अगर आप बड़ी संपत्ति का सौदा नकद में करते हैं, तो इसकी जानकारी टैक्स अधिकारियों को दी जाती है। खासकर जब लेनदेन की रकम 30 लाख या उससे अधिक हो।
इस प्रकार के सौदों की रिपोर्ट संबंधित इनकम टैक्स विभाग (IT Department) तक पहुंच जाती है। अगर इन नियमों का पालन न किया गया तो कानूनी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए इसे समझकर ही इस प्रक्रिया में शामिल होना चाहिए।
