Income Tax Notice : इनकम टैक्स विभाग का नोटिस आने पर कैसे देना होता है जवाब, टैक्सपेयर्स जान लें जरूरी बात

HR Breaking News - (Income Tax)। इनकम टैक्स विभाग सभी की कमाई पर पैनी नजर रखता है, जब भी कोई आईटीआर में इनकम की गलत जानकारी देता है या फिर काले धन को पूरा करने कोशिश करता है तो ऐसी स्थिति में आयकर विभाग अलर्ट करने के लिए नोटिस जारी करता है। हाल के महीनों में देखा जाए तो टैक्सपेयर्स को जारी किए गए इनकम टैक्स नोटिसों की संख्या में तगड़ी बढ़ौतरी देखने को मिली है।
दोषपूर्ण रिटर्न से लेकर अतिरिक्त टैक्स की मांग तक हर चीज पर ये कम्युनिकेशन चिंता और भ्रम पैदा करते हैं, खासकर इंडिविजुल टैक्सपेयर्स के बीच। इन नोटिसों में बढ़ौतरी का कारण मुख्य रूप से इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Notice) द्वारा अनुपालन पर अधिक ध्यान दिया जाना तथा वित्तीय रिपोर्टिंग में विसंगतियों की पहचान करने के उसके प्रयासों के कारण है। इनकी कई वजहें हो सकती हैं।
ITR में गलत जानकारी देना -
आमतौर पर आकयर विभाग द्वारा नोटिस (Income Tax Notice) जारी करने के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन ज्यादातार मामलों में इनकम टैक्स नोटिस प्राप्त करने का सबसे आम वजह गलत टैक्स-रिटर्न फॉर्म का चयन करना है। व्यक्तियों के लिए चार फॉर्म ITR 1, ITR 2, ITR 3 और ITR 4 हैं। पूंजीगत लाभ या फ्यूचर एवं ऑप्सन्स (F&O) ट्रेडिंग से पहली बार आय प्राप्त करने वाले कई टैक्सेयर गलती से ITR 2 या ITR 3 के बजाय ITR 1 या ITR 4 का इस्तेमाल करते हैं। इससे ऐसी इनकम का खुलासा नहीं हो पाता है, जिसके परिणामस्वरूप दोषपूर्ण-रिटर्न नोटिस प्राप्त होते हैं।
नन टैक्सेबल गिफ्ट
बता दें कि रिश्तेदारों से मिलने वाले गिफ्ट इनकम टैक्स फ्री होते हैं। और मौजूदा समय में इनकम टैक्स प्रपत्रों में इन नन टैक्सेबल गिफ्ट (Non Taxable Gift) को घोषित करने का कोई कानून नहीं है। लेकिन जिन टैक्सपेयर्स ने ऐसे गिफ्टों पर टैक्स का भुगतान नहीं किया है तो उनके खिलाफ आयकर विभाग डिमांड नोटिस भेजता है।
इस प्रकार से आते हैं इनकम टैक्स के नोटिस -
जो टैक्सपेयर्स अपनी मूल फाइलिंग में गलतियां करते हैं। उन्हें आयकर विभाग द्वारा नोटिस भेजा जाता है। इनकम टैक्स विभाग यह नोटिस (Income Tax Notice) इसलिए भेजता है ताकि टैक्सपेयर्स अपनी त्रुटियों में सुधार करे और संशोधित रिटर्न दाखिल किया जा सके।
जानिये इनकम टैक्स के नोटिस का जवाब कैस दें -
नोटिस को कंफर्म करें -
इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) के ई-फाइलिंग पोर्टल पर ‘पेंडिंग एक्शन’ टैब के अंतर्गत नोटिस की प्रामाणिकता को कंफर्म करें। यह विशेष रूप से जरूरी है क्योंकि व्यापक फ़िशिंग घोटाले, विशेष रूप से टैक्स रिफंड से संबंधित हैं।
किस धारा के तहत मिला है नोटिस -
आयकर विभाग द्वारा अलग अलग धाराओं के तहत (Income Tax Notice Section) नोटिस जारी किए जाते हैं, इन सभी नोटिस का जवाब देना जरूरी होता है। यदि आप सही जवाब नहीं देते हैं और आयकर विभाग आपके रिप्लाई नोटिस (Reply to Income Tax Notice) से संतुष्ट नहीं होता है तो आप बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं।
उदाहरण के लिए सेक्शन 139(9) दोषपूर्ण रिटर्न से संबंधित है, जबकि सेक्शन 143(1) प्रसंस्करण त्रुटियों से संबंधित है। नोटिस के प्रकार की पहचान करने से जरूरी कार्रवाई निर्धारित करने में मदद मिलती है।
समय पर देना होता है सही जवाब -
आयकर विभाग (Income Tax Department) द्वारा मिले हर नोटिस का सही जवाब समय पर देना होता है। इन नोटिस के जवाब के लिए विभाग की ओर से समय सीमा निर्धारित की गई है। उदाहरण के लिए दोषपूर्ण रिटर्न नोटिस में आमतौर पर सुधार के लिए 15 दिन का समय दिया जाता है, जबकि डिमांड नोटिस (Income Tax Department Demand Notice) में आमतौर पर प्रतिक्रिया देने के लिए 30 दिन का समय दिया जाता है। दंड, ब्याज शुल्क या कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए इन समय सीमाओं को पूरा करना महत्वपूर्ण है। निर्धारित समय के भीतर जवाब देना अनुपालन और कर अधिकारियों के साथ सहयोग करने की इच्छा को दर्शाता है।
संशोधित रिटर्न दाखिल करके गलतियों में सुधारें करें -
यदि किसी नोटिस में गलती को उजागर किया गया है। तो रिवाइज्ड रिटर्न (Revised Return) दाखिल करके या त्रुटियों कों सुधारें। उदाहरण के लिए दोषपूर्ण रिटर्न के लिए सेक्शन 139(9) के तहत जारी किए गए नोटिस को त्रुटियों को ठीक करके और निर्धारित 15-दिन की अवधि के भीतर फिर से दाखिल करके संबोधित किया जा सकता है।
अतिरिक्त टैक्स का भुगतान करें -
ऐसे मामलों में जहां नोटिस में कम रिपोर्ट की गई आय या विसंगतियों के कारण अतिरिक्त टैक्स की मांग की जाती है, तुरंत सही रकम की कैलकुलेशन करें और भुगतान करें, जिसमें कोई भी लागू ब्याज शामिल है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ऐसे मामलों में रिवाइज्ड रिटर्न (Revised Return) दाखिल करना जरुरी नहीं है। इसके बजाय, आप पेंडिंग कार्रवाई टैब के तहत ई-फाइलिंग पोर्टल के डैशबोर्ड के जरिये सीधे बकाया मांग का जवाब दे सकते हैं।