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Income Tax Notice: ITR फाइल करने जा रहे है तो पहले जरूर तैयार रखें ये डॉक्यूमेंट्स, नहीं तो आ जाएगा इनकम टैक्स का नोटिस

ITR File Tips and Important Documents: जून का महीना शुरू हो गया है और साथ ही इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का समय भी पास आ गया है। आपको बता दें, 31 जुलाई 2024 से पहले सभी करदाता के लिए रिटर्न फाइल (Income tax Return Filing) करना जरुरी है। साथ ही टैक्सपेयर्स को आईटीआर फाइल करने से पहले ही कुछ जरूरी दस्तावेजों को संभाल लेना चाइए ताकि आईटीआर फाइल करते समय उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो। ऐसा न करने पर आपको इनकम टैक्स का नोटिस (Income Tax Notice) भी आ सकता है। आइए खबर में विस्तार से जानते है कौन-से वो जरुरी दस्तावेज-

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HR BREAKING NEWS (ब्यूरो)। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (Income Tax Return Filing 2024) करने का समय आ गया है। 31 जुलाई 2024 से पहले सभी करदाता को रिटर्न फाइल (Income tax Return) करना होगा। अक्सर हम आईटीआर फाइल (ITR file kaise kare) करते समय हम उससे जुड़े दस्तावेज ढूंढते हैं। ऐसे में समय भी जाता है और परेशानी अलग से होती है।

 

सभी जानकारी सही भरें

समय बचाने और परेशानी न हो इसके लिए टैक्सपेयर्स को आईटीआर फाइल करने से पहले ही सभी जरूरी दस्तावेजों को एक जगह रख लेना चाहिए। इससे रिटर्न फाइल (important document for ITR File) करने का प्रोसेस बहुत आसान हो जाएगा और आईटीआर फाइल करते समय कोई परेशानी भी नहीं होगी। करदाता को एक बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि वह आईटीआर में सभी जानकारी सही भरें। अगर कोई भी गलती होती है को आयकर विभाग (Income tax department) द्वारा आईटीआर खारिज कर दिया जाता है। आइए, हम आपको बताते हैं कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय आपको कौन-कौन से डॉक्यूमेंट्स तैयार रखने चाहिए।

 

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पुरानी कंपनी का फॉर्म-16

रिटर्न फाइल करते समय फॉर्म 16 (Form-16) बहुत जरूरी होता है। वैसे तो कंपनी द्वारा फॉर्म-16 जारी किया जाता है। लेकिन, अगर करदाता ने फाइनेंशियल ईयर में नौकरी बदली है तो उसे रिटर्न फाइल करने से पहले पुरानी कंपनी से फॉर्म-16 ले लेना चाहिए। फॉर्म-16 में टैक्सपेयर के इनकम की सभी जानकारी के साथ टैक्स डिडक्शन (Form-16 kya hai) एट सोर्स (TDS) की डिटेल्स भी होती है।

रिटर्न फाइल करने से पहले करदाता जरूर चेक कर लें कि फॉर्म-16 की सभी जानकारी सही है या नहीं।

 

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इंटरेस्ट सर्टिफिकेट रहेगा बेस्ट

बैंक में जमा राशि पर हमें इंटरेस्ट मिलता है। अगर एफडी (Fixed Deposit) या कोई दूसरे स्कीम में निवेश किया है तो उसपर मिलने वाले रिटर्न की जानकारी भी हमें आयकर विभाग को देनी होती है। इंटरेस्ट और रिटर्न जैसे सभी डिटेल्स को हासिल करने का सबसे अच्छा तरीका इंटरेस्ट सर्टिफिकेट (Interest Certificate Benefits) है। इंटरेस्ट सर्टिफिकेट में बैंक के इंटरेस्ट के साथ बाकी ब्याज की भी जानकारी होती है। अगर सेविंग अकाउंट पर सालाना 10 हजार रुपये तक का ब्याज मिलता है तो इस पर कोई टैक्स नहीं लगता है।

इनकम सोर्स की जानकारी 

कई करदाता जॉब के साथ कई और सोर्स के भी इनकम कमाते हैं। इनकम के लिए वो कई जगह जैसे  म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) या शेयर मार्केट आदि में निवेश करते हैं। इन निवेश की भी जानकारी आयकर विभाग को देनी होती है। आईटीआर फाइल करते समय करदाता को बताना होता है कि उसने कहां-कहां निवेश किया है और वहां से उस कितना (Income source details for ITR File)  लाभ मिला है। अगर करदाता को निवेश के जरिये कैपिटल गेन मिला है तो आईटीआर में इसकी डिटेल्स भी देनी होती है।

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हाउसिंग लोन सर्टिफिकेट

अगर करदाता ने किसी प्रकार का कोई लोन लिया है तो उन्हें इसकी जानकारी भी विभाग को देनी होती है। अगर किसी करदाता ने  हाउसिंग लोन ( Housing Loan) लिया है तो उसे रिटर्न फाइल करने से पहले बैंक या वित्तीय संस्थान से हाउसिंग लोन पर ब्याज और कैपिटल रीपेमेंट सर्टिफिकेट (Capital Repayment Certificate) जरूर लेना चाहिए। इस सर्टिफिकेट की मदद से वह टैक्स डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकते हैं।

एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS)

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) बहुत जरूरी होता है। वैसे तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा AIS उपलब्ध करवाया जाता है। करदाता को यह जरूर चेक करना चाहिए कि आईटीआर और AIS में दी गई (Annual Information Statement) जानकारी मिल खाती हो।

अगर इसमें कोई भी अंतर होता है तो आईटीआर अमान्य हो जाएगा और विभाग द्वारा नोटिस (Income Tax Notice) भी आ सकता है। अगर आईटीआर और AIS में दी गई जानकारी मिसमैच होती है तो करदाता को तुरंत आयकर विभाग जाकर सही करवा लेना चाहिए।