home page

Income Tax Notice : इनकम टैक्स विभाग इन 6 धाराओं के तहत भेजता है नोटिस, हर टैक्सपेयर्स को होना चाहिए मालूम

Income Tax Rules : देश में इनकम टैक्स व्यवस्था को बनाए रखने का जिम्मा आयकर विभाग का है। इसके लिए इनकम टैक्स एक्ट (income tax act) में भी कई तरह के प्रावधान किए गए हैं, जिसके तहत कोई गड़बड़ी होने पर कार्रवाई को अंजाम दिया जाता है। आयकर विभाग (income tax department) शुरुआती कार्रवाई के रूप में करदाता को नोटिस भेजता है। ये नोटिस 6 धाराओं के तहत भेजे जाते हैं, इस बारे में टैक्सपेयर्स को जरूर जान लेना चाहिए।

 | 
Income Tax Notice : इनकम टैक्स विभाग इन 6 धाराओं के तहत भेजता है नोटिस, हर टैक्सपेयर्स को होना चाहिए मालूम

HR Breaking News - (IT notice rules)। इनकम टैक्स कानून के अनुसार आयकर विभाग करदाताओं (taxpayers news) को गड़बड़ी के मामलों में नोटिस भेजने का भी अधिकार रखता है। किसी भी करदाता को इनकम टैक्स विभाग 6 विशेष धाराओं के तहत नोटिस (IT notice) भेजता है।

इस बारे में अधिकतर टैक्सपेयर्स अनजान हैं। इन्हीं धाराओं के आधार पर संबंधित पर कार्रवाई भी की जाती है। विभाग की ओर से विभिन्न मामलों में समय समय पर भेजे जाने वाले नोटिस आयकर कानून (income tax act) की कौन सी धाराओं के तहत भेजे जाते हैं, आइये जानते हैं इस खबर में विस्तार से।


मामले के अनुसार भेजे जाते हैं नोटिस-


किसी करदाता की ओर से इनकम टैक्स (tax ke niyam) न भरने या गलत तरीके से आय में छूट लेने पर नोटिस भेजा जाता है। अलग अलग धाराओं के तहत भेजे जाने वाले इन नोटिसों (Income Tax Notice) का मतलब अलग अलग होता है। ये मामले के अनुसार विभिन्न धाराओं के तहत भेजे जाते हैं। आयकर कानून में इसके लिए विशेष प्रावधान है। 


दोषपूर्ण आईटीआर पर नोटिस-


इनकम टैक्स एक्ट की धारा 139(9) के तहत दोषपूर्ण आईटीआर (ITR rules) के लिए नोटिस भेजा जाता है। इसका मतलब है कि आईटीआर (Income tax rules) में गड़बड़ी होना यानी या तो करदाता ने आईटीआर में  कोई जानकारी गलत दी है या कोई जानकारी छुपाई है। वह जानकारी आईटीआर (how to file ITR) में दी गई डिटेल से मैच नहीं होती है। इस पर विभाग नोटिस भेज देता है और इस नोटिस का जवाब 15 दिन में नहीं दिया तो आईटीआर रिटर्न (income tax return rules) खारिज कर दी जाती है। 


धारा 143(1) के तहत नोटिस-


आयकर की धारा 143(1) के तहत भेजा जाने वाला नोटिस (IT notice) करदाता के लिए इसलिए अहम होता है, क्योंकि इसमें बताया जाता है कि आपकी ओर से कम या ज्यादा टैक्स आया है। दोनों स्थिति में इस धारा के तहत ही नोटिस (income tax notice rules) भेजा जाता है। यानी धारा 143 (1) के तहत आयकर विभाग को किसी करदाता को कम या ज्यादा टैक्स (tax payment rules) भरे जाने पर नोटिस भेजने का अधिकार है।


धारा 143(1) (a) के तहत यह मिलता है नोटिस-


आईटीआर और टीडीएस (Tax deduction rules) में अंतर मिलने पर आयकर विभाग की ओर से किसी करदाता को इनकम टैक्स एक्ट की धारा 143(1) (a) के तहत एक सूचनात्मक नोटिस दिया जाता है। जब फॉर्म 16 और फॉर्म 16ए के आईटीआर और टीडीएस (TDS rules) के सर्टिफिकेट में अंतर मिलता है यानी डिटेल मैच नहीं होती है तो धारा 143(1) (a) के तहत नोटिस भेजा जाता है। 

ज्यादा जानकारी मांगने के लिए नोटिस-


आयकर कानून की धारा 142(1) के तहत जारी होने वाले नोटिस का मतलब है कि  आईटीआर (ITR notice rules) को लेकर कर निर्धारण अधिकारी को अधिक जानकारी चाहिए। हालांकि इस धारा के तहत नोटिस उस स्थिति में भी भेजा जाता है जब टैक्सपेयर उस वर्ष में आईटीआर (Notice for ITR) जमा नहीं कर रहा हो। इस नोटिस की अनदेखी करने पर दस हजार रुपये जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। 

धारा 156 के तहत नोटिस-


जब किसी आय पर टैक्स की डिमांड करनी हो तो आयकर विभाग इनकम टैक्स एक्ट की धारा 156 के तहत डिमांड नोटिस (demand notice)  भेजता है। यह नोटिस भेजकर विभाग संबंधित करदाता से पेनल्टी व जुर्माना तथा टैक्स की मांग कर सकता है। इस धारा के तहत नोटिस (Income Tax Notice) मिलने के तीस दिनों के भीतर टैक्स जमा करना होता है, नहीं तो विभाग कार्रवाई कर सकता है।
 


धारा 143(2) के तहत नोटिस -


इनकम टैक्स एक्ट (IT act) की धारा 143(2) के तहत जारी होने वाले नोटिस में जांच के आदेश होते हैं। आयकर स्लैब अनुसार सालाना इनकम होने पर भी आईटीआर (ITR rules) नहीं भरी जाती है तो धारा 143(2) के तहत यह नोटिस आता है।

News Hub